आवास विकास के खेल निराले हैं। यहां अधिकारियों को शहर का विकास करने की जिम्मेदारी मिली हुई है लेकिन शहर के विकास के नाम पर ही आला अधिकारी अवैध निर्माण कराकर शहर की खूबसूरती को बिगाड़ रहे हैं। नतीजा यह है कि आज आवास विकास के मुख्य कार्यालय के महज 500 मीटर के दायरे में ही दर्जनों अवैध निर्माण खड़े हो गए हैं और आला अधिकारी अपने कार्यालय से निकल कर कार्यवाही करने के बजाए सेंटिंग कर अनदेखी करने में जुटे हुए हैं। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण मंगलवार को देखने को मिला था जब तीन साल बाद आवास विकास ने एक अवैध निर्माण को सील कराया था।

मेरठ (ब्यूरो)। गौरतलब है कि मंगलवार को आवास विकास परिषद ने तीन साल बाद किसी अवैध निर्माण पर सीलिंग की कार्रवाई की थी। जबकि इससे पहले वर्ष मार्च 2019 में आवास विकास परिषद के स्थानीय अधिकारियों ने सील लगाने की कार्रवाई की थी। इसके बाद कोरोना के चलते आवास विकास सुस्त अवस्था में रहा और अब विभागीय अधिकारियों जबकि शहर में हजारों की संख्या में अवैध निर्माण और अवैध भवन बनकर तैयार हो रहे हैं और हो चुके हैं। लेकिन आवास विकास के जेई एई अपने ही क्षेत्र में अवैध निर्माण को रोक नही पा रहे हैं।

महज 500 मीटर के दायरे में आधा दर्जन अवैध निर्माण
आवास के आला अधिकारियों की लापरवाही का यह आलम है कि शास्त्रीनगर स्थित मुख्य कार्यालय के आस पास ही आधा दर्जन से अधिक अवैध निर्माण गत माह शुरु हुए हैं जिन पर आला अधिकारियों की नजर ही नही है। स्थिति यह है कि शास्त्रीनगर सेक्टर 2, सेक्टर 8, सेक्टर 6, सेक्टर 3 का क्षेत्र आवास विकास कार्यालय के 500 मीटर के दायरे में आते हैं लेकिन इन क्षेत्रों में चल रहे आधा दर्जन से अधिक अवैध निर्माणों पर सीलिंग की कार्यवाही नही हो रही है। इन अवैध निर्माण की विभाग में लगातार शिकायतें हो रही हैं लेकिन इसके बाद भी इन पर सीलिंग के लिए आवास विकास अपनी पॉवर भूल जाता है। इतना ही नही खुद खंड 8 के आला अधिकारियों ने विभाग में इन अवैध भवनों की फाइल तक गुम की हुई है।

इन अवैध निर्माणों की हुई शिकायत
भूखंड संख्या 657 सेक्टर 8
भूखंड संख्या 42 सेक्टर 3
भूखंड संख्या 363 सेक्टर 3
भूखंड संख्या 163 सेक्टर 2
भूखंड संख्या 165 सेक्टर 2
भूखंड संख्या 39 सेक्टर 1
भूखंड संख्या 655 सेक्टर 6
भूखंंड संख्या 76 सेक्टर 2

इस संबंध में खंड 8 के ईएक्सईएन से बातचीत के बाद कार्यवाही की जाएगी। अवैध निर्माण किसी भी स्तर पर नही होने दिया जाएगा।
राजीव कुमार, एसई

Posted By: Inextlive