लॉकडाउन में बंद रहा टूर एंड ट्रेवल्स का काम

सूझ-बूझ और वक्त के मिजाज को समझ शुरु किया ऑनलाइन ग्रासॅरी मार्ट

Meerut। शिखर पर पहले से जगह खाली नहीं रहती, लेकिन जो समय रहते सही रास्ता पहचानते हैं उनके लिए वहां एक जगह हमेशा रहती है। इसका सटीक उदाहरण हैं ब्रहमपुरी निवासी 31 साल के आयुष जिंदल। मार्च में अचानक लगे लॉकडाउन के दौरान उनका टूर एंड ट्रेवल्स का कारोबार बंद हो गया था। जब चारों तरफ अनिश्चितता का माहौल बन चुका था तब उन्होंने मुश्किलों में भी नई राहें तलाशी और सूझबूझ से काम लिया। समय के मिजाज को समझते हुए इस बदलाव का स्वीकार किया और अपना ऑनलाइन ग्रासॅरी मार्ट जिंदल किराना मार्ट लोगों के बीच में उतारा और वक्त के साथ कदमताल करते हुए आज नौ महीने बाद नए कारोबार को जमाने में पूरी तरह से सफल रहे हैं। दैनिक जागरण आईनेक्सट के साथ आयुष में इस सकारात्मक बदलाव की कहानी अपनी जुबानी कुछ यूं साझा की।

थमे पहिए, तब हुआ अहसास

टूर एंड ट्रेवल्स का हमारा पुश्तैनी काम है। सालों से इसी काम को कर रहे थे। लगातार बुकिंग्स चलती रहती थी। 6-7 बसें हैं तो काम बढि़या चल रहा था। काम के बीच हमने कभी सोचा ही नहीं था कि एक दिन ऐसा भी आ सकता है कि बसों के पहिए पूरी तरह से थम जाएंगे। मार्च में लॉकडाउन लगा। देशभर में आवाजाही रूक गई थी और एडवांस बुकिंग भी मजबूरन कैंसिल करनी पड़ी। शुरुआती दौर में हमें लगा की जल्द ही ये सब ठीक हो जाएगा। लेकिन धीरे-धीरे लॉकडाउन लंबा होने लगा और बसों के पहिए अब लंबे वक्त के लिए थम गए थे। अनिश्चितता के बीच नुकसान बढ़ता जा रहा था। ड्राइवर्स समेत करीब 12 लोगों का स्टॉफ हम मेंटेन कर रहे थे। काम नहीं होने के बाद भी हमने किसी का वेतन नहीं रोका। बैंक की इंस्टॉलमेंट्स पेंडिंग होने लगी थी। पहली बार हमें काम से फुर्सत मिली। इस बीच महसूस हुआ कि अगर रास्ते नहीं खुले और आवाजाही जल्दी शुरु नहीं हुई तो हम क्या करेंगे। बिना काम के सब कुछ मैंटेन करना संभव नहीं था।

ऐसे मिला आइडिया

नुकसान और लंबे वक्त तक लॉकडाउन रहने के बाद हमें कुछ समझ नहीं आ रहा था। काम के दूसरे विकल्पों पर विचार कर रहे थे। एक दिन मैं किराना स्टोर पर सामान लेने गया। कोविड-19 के टाइम पर सामान बेहद मुश्किल से मिल रहा था और लोगों में हाइजीन को लेकर भी भय बना हुआ था। बस यही से मुझे आइडिया क्लिक कर गया। इस मुश्किल दौर में भी किचन का सामान बिक रहा था। इसके बाद ही मैंने योजना बनाई कि क्यों न ऑनलाइन ग्रासरी स्टोर खोला जाए। ऑनलाइन काम करने का एक्सपीरियंस मेरे पास पहले से ही था। मैंने कस्टमर के मिजाज को समझा और अपने ही ब्रांड के साथ मार्ट शुरू करने की योजना बना डाली। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने काम एक्सपेंड करने में हमारी काफी हैल्प की। शुरुआत में थोड़ी से पूंजी और घरवालों की मदद से घर से ही हमने काम शुरु किया। सबसे पहले किचन में यूज होने वाले मसालों को तैयार किया।

कंपलीट ग्रॉसरी स्टोर में तब्दील

लॉकडाउन के बाद थोड़े से प्रॉडक्ट्स के साथ मैंने काम शुरु किया था। धीरे-धीरे अब पूरा ग्रासरी स्टोर हमने तैयार कर लिया। काम को सफल बनाने के लिए हमारे लिए कस्टमर का सैटिस्फैक्शन जरूरी था। ऐसे में हमने दो चीजों पर फोकस किया एक क्वालिटी और दूसरा होम डिलीवरी। कोरोना काल में लोग भीड़-भाड़ वाले इलाके में जाने से बचना चाहते हैं इसलिए हमने ऑनलाइन ही कंप्लीट ग्रॉसरी स्टोर शुरु कर दिया। धीरे-धीरे डिमांड बढ़ी तो और भी प्रोडक्टस तैयार किए हैं। खास बात ये है कि मसालों में घर जैसा स्वाद देने के लिए इन्हें अपनी देखरेख में घर पर ही तैयार करवाते हैं। अनलॉक होने के बाद टूर एंड ट्रेवल्स का काम फिर से शुरु हो गया है, लेकिन ऑनलाइन ग्रासरी मार्ट को अब व्यापक स्तर पर देशभर में पहचान दिलाने की योजना बना रहा हूं

प्रोफाइल

आयुष

उम्र-31 साल

निवास- ब्रह्मापुरी

पहले काम- टूर एंड ट्रैवल्स

नया काम- ऑनलाइन ग्रासरी मार्ट

Posted By: Inextlive