Meerut . शीतलहर का प्रकोप शहरवासियों पर कहर बढ़ रहा है. बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक इसकी जद में आ गए हैं. कड़ाके की सर्दी के चलते बीमारियों के बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग ने भी एडवाइजरी जारी कर द

- डॉक्टर्स बोले- मौसम में फेफड़ों को बनाना होगा सेहत मंद

- स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवाइजरी

>Meerut । शीतलहर का प्रकोप शहरवासियों पर कहर बढ़ रहा है। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक इसकी जद में आ गए हैं। कड़ाके की सर्दी के चलते बीमारियों के बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग ने भी एडवाइजरी जारी कर दी है। वहीं अस्पतालों में भी इन दिनों सांस के संबंधित मरीजों की तादाद बढ़ने लगी है। कोल्ड वेव को देखते हुए डॉक्टर्स ने ऐसे मरीजों को अलर्ट रहने के लिए कहा है। वहीं इस मौसम में खास एहतियात बरतने की अपील भी कर रहे हैं।

ये है स्थिति

शीतलहर और जबरदस्त सर्दी के चलते इन दिनों अस्पताल में क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी), रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन यानी आरटीआई्र, हाई बीपी, स्ट्रोक, हार्ट, शुगर जैसी बीमारियों के मरीजों की संख्या में काफी इजाफा हो रहा है। जिला अस्पताल में इन दिनों 60 प्रतिशत मरीज ऐसी ही शिकायतें लेकर आ रहे हैं जबकि मेडिकल कॉलेज में भी यही स्थिति है। मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल के मुताबिक इन दिनों हार्ट के मरीजों की संख्या काफी बढ़ जाती है। ब्लड वेसल्स सिकुड़ जाती हैं और खून का प्रवाह कम हो जाता है। जिसकी वजह से सांस की बीमारियों और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। स्ट्रोक, बीपी, शुगर की समस्या भी बढ़ जाती है।

अस्पतालों में अलर्ट

कोल्ड वेव को असर को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने पहले ही अस्पतालों के लिए अलर्ट जारी कर दिया गया है। सीएमओ अखिलेश मोहन ने बताया कि जिला अस्पताल, महिला अस्पताल में अलग से वार्ड तैयार करने के लिए कहा गया है। वहीं मेडिकल कॉलेज में भी इसके लिए व्यवस्थाएं करने के निर्देश प्रिंसिपल डा। ज्ञानेंद्र कुमार ने दे दिए हैं। वही अस्पतालों में बने रैन बसेरों को दुरुस्त करने के भी निर्देश दिए गए है।

विभाग ने जारी की एडवाइजरी

- रात में हीटर, अंगीठी आदि जलाकर न सो जाएं।

- शरीर को ऊनी कपड़े, दस्ताने, टोपी, मोजे आदि से गर्म रखें।

- बाहर निकलना जरूरी हो तो अच्छी तरह से गर्म कपड़े पहनकर निकले।

- अस्थमा, ब्लड प्रेशर और हृदय रोगी अपनी दवाइयों का ख्याल रखें। डॉक्टर की सलाह पर डोज लें।

- गर्म पानी जरूर पिएं।

- मॉर्निंग और ईवनिंग वॉक न करें।

- ज्यादा फैट वाली चीजें ना खाएं, तली भुनी चीजें, सिगरेट, शराब आदि का सेवन बिल्कुल बंद कर दें।

- कलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर कंट्रोल करें।

- नमक कम खाएं

- बच्चे को उबाल कर गुनगुना पानी दें। अधिक तेल और मसाले वाले खाने से परहेज करें। बाहर का खाना न खाएं।

- बच्चों को किसी भी तरह के इंफेक्शन से बचाएं।

फेफड़ों को बनाना होगा सेहतमंद

एमडी चेस्ट डा। वीरोत्तम तोमर बताते हैं कि सीओपीडी और अस्थमा के रोगियों को इस मौसम में खास एहतियात की जरूरत है। सर्दी और गलन की वजह से अचानक तबीयत बिगड़ती है। फेफड़ों में हवा के प्रवाह में रुकावट आती है। सीओपीडी की समस्याएं बहुत तेजी से बढ़ने लगती है। सांस फूलना हैं। ऑक्सीजन की कमी या क्रोनिक खांसी जैसे लक्षण मरीजों में उभरने लगते हैं। ये फेफड़ों की अंडर-डायग्नोज्ड जानलेवा बीमारियां है, जिसके बढ़ने से मौत भी हो सकती है। धूम्रपान, औद्योगिक धुएं का एक्सपोजर, पॉल्यूशन, चूल्हे के लंबे समय तक उपयोग से सीओपीडी की समस्या हो सकती है।

Posted By: Inextlive