भाजपा सांसद और विधायकों की सर्किट हाउस में नोडल अधिकारी व डीएम के साथ हुई बैठक

कोरोना संक्रमण की रोकथाम पर हुई चर्चा, सांसद ने शहर की परेशानियों से नोडल अधिकारी को कराया अवगत

विधायकों ने कंटेनमेंट जोन में सेनेटाइजेशन और सख्ती से लॉकडाउन फॉलो कराने की रखी बात

Meerut। भाजपा के सांसद और विधायकों समेत पदाधिकारियों की नोडल अधिकारी, डीएम और नगरायुक्त के साथ सर्किट हाउस में बैठक हुई। इस दौरान डीएम अनिल ढींगरा और नगर आयुक्त डॉ। अरविंद चौरसिया की मौजूदगी में नोडल अधिकारी व आबकारी आयुक्त पी। गुरुप्रसाद ने मेरठ में कोरोना संक्रमण और संचारी रोगों की रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों के साथ आगे की रणनीति की जानकारी भाजपा के पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को दी। इस दौरान बैठक में सांसद राजेंद्र अग्रवाल, विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल, सोमेंद्र तोमर, जितेंद्र सतवाई, जिलाध्यक्ष अनुज राठी, महानगर अध्यक्ष मुकेश सिंघल, एमएलसी डॉ। सरोजिनी अग्रवाल आदि मौजूद रहे।

कंटेनमेंट जोन में हो सख्ती

बैठक के दौरान जनप्रतिनिधियों ने कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप पर चिंता जताने के साथ ही कोरोना प्रकोप पर शिकंजा कसने के लिए विचार भी रखे। विधायकों ने कहा कि कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए टेस्टिंग बढ़ाई जाए। जहां भी मरीज मिल रहे हैं, उस एरिया को बार-बार अच्छी तरह सेनेटाइज कराके पूरी तरह सील किया जाए। कंटेनमेंट जोन में कोई ढील न दी जाए बल्कि सख्ती के साथ वहां केवल होम डिलीवरी की व्यवस्था हो।

जनप्रतिनिधियों ने गिनाई परेशानियां

सांसद ने बताया कि काली नदी शहर में जलभराव और बीमारियों का मुख्य कारण है इसलिए उसकी सफाई बेहद जरूरी है। इसके अलावा शहर से रोजाना निकलने वाले 900 मीट्रिक टन कूड़े का निस्तारण किया जाना जरूरी है, इसके लिए कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाया जाना चाहिए ताकि इस समस्या से शहरवासियों को निजात मिल सके। बैठक में जनप्रतिनिधियों द्वारा गंगाजल परियोजना की बाधाओं को दूर करने, शहर की सफाई तथा कूड़े के तुरंत उठान समेत तमाम सुझाव भी दिए गए।

'काली नदी की हो सफाई'

बैठक में नोडल अधिकारी ने बताया कि संचारी रोगों से बचाव के लिए शहरी, कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता और स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने का सख्त निर्देश सरकार ने दिए हैं। इसके लिए नोडल अफसरों को निरीक्षण और पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी सौंपी गई हैं। नोडल अधिकारी ने जनप्रतिनिधियों से मेरठ शहर और ग्रामीण क्षेत्रों की स्वच्छता और स्वच्छ पेयजल के लिए सुझाव भी मांगें। सांसद राजेंद्र अग्रवाल और कैंट विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल ने बैठक में बताया कि शहर में जलभराव और पूरे जिले में बीमारियां फैलाने का सबसे बड़ा कारण काली नदी है। नदी सिल्ट से अटी पड़ी है, जिससे भूगर्भ का पानी भी दूषित हो रहा है। नदी का स्तर ऊंचा है तथा शहर के नालों का स्तर नीचा होने के कारण शहर का गंदा पानी नदीं में नहीं जा पाता बल्कि शहर में ही भरा रहता है। जिसकी वजह से बारिश में हालात अत्यधिक चिंताजनक हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि नदी की सफाई सबसे पहली प्राथमिकता है।

गंगाजल की आपूर्ति अधूरी

जनप्रतिनिधियों ने बताया कि बरसात से तीन महीने पहले शहर के नालों की सफाई का कार्य किया जाना चाहिए लेकिन वह नहीं हो पाता है। शहर में स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति के लिए गंगाजल परियोजना स्थापित है। गंगनहर से रोजाना 100 एमएलडी पानी लेकर उसका ट्रीटमेंट करके शहरवासियों को उपलब्ध कराया जाना है लेकिन यह प्लांट पूरी क्षमता पर काम नहीं कर रहा है। गंगाजल प्लांट पूरी क्षमता पर काम करेगा तो नगर निगम के बड़ी संख्या में नलकूपों का खर्च भी बचाया जा सकता है।

Posted By: Inextlive