- यूपी एजुकेशन डायरेक्टर ने कैंट के प्राइमरी स्कूलों को मुफ्त किताबें देने से किया इनकार

- कैंट बोर्ड के अंडर में चलते हैं 3 प्राइमरी स्कूल

Meerut : कैंट बोर्ड के तीन प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की पढ़ाई अधर में लटक गई है। यूपी गवर्नमेंट की ओर से प्राइमरी स्कूलों की मुफ्त किताबों को देने से मना करने के बाद ये स्थिति पैदा हुई है। अब कैंट बोर्ड किताबों के लिए टेंडर देने की तैयारी कर रहा है। जब तक किताबें नहीं आएंगी तब तक स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई संभव नहीं हो सकेगी।

कैसे होगी पढ़ाई?

यूपी एजुकेशन डायरेक्टर की ओर से कैंट बोर्ड के प्राइमरी स्कूलों को मुफ्त किताबें देने पर इनकार करने बाद संकट स्थिति पैदा हो गई है। मई का महीना खत्म होने को है और अभी तक किताबों का इंतजाम नहीं हो सका है। अगर कैंट बोर्ड नई किताबों के लिए टेंडर निकालता भी है तो उसमें भी काफी वक्त लगने की संभावना है। ऐसे में न तो बच्चों को मई में और न ही जून में किताबें मिलने की संभावना है।

डायरेक्टर का क्या है तर्क?

एजुकेशन डायरेक्टर की ओर से तर्क दिया है वो ये है कि ये स्कूल रक्षा मंत्रालय की स्वतंत्र इकाई कैंट बोर्ड की ओर से संचालित होता है। साथ ही वहां के टीचर्स को सेंट्रल गवर्नमेंट की ओर से सैलरी मिलती है। इसलिए बच्चों के लिए किताबों का जिम्मा या तो कैंट बोर्ड को लेना चाहिए या फिर मंत्रालय को। यूपी इस बात की जिम्मेदारी नहीं लेगा।

टेंडर की दिशा में बढ़ा कैंट बोर्ड

कैंट बोर्ड के अधिकारियों की मानें तो वो बच्चों की किताबों के लिए टेंडर निकालने की तैयारी कर रहे हैं। बच्चों की पढ़ाई के साथ कोई भी चांस नहीं लिया जाएगा। बोर्ड के अधिकारियों की मानें तीनों स्कूलों की किताबों में करीब डेढ़ लाख रुपए खर्च होने का अनुमान है। इस बार एक क्लास और बढ़ी है। इसलिए थोड़ा बजट बढ़ गया है।

फ् स्कूल करीब फ्00 स्टूडेंट्स

आंकड़ों की बात करें तो कैंट बोर्ड के तीन प्राइमरी स्कूल हैं। एक स्कूल बीसी बाजार रजबन में है, जिसमें करीब क्ख्8 स्टूडेंट्स पढ़ाई करते हैं। एक स्कूल बीआई बाजार लालकुर्ती में है, जिसमें करीब क्ब्0 स्टूडेंट्स पढ़ते हैं। तीसरा स्कूल आरए बाजार प्राइमरी स्कूल है, जो तोपखाना में हैं। इस स्कूल में क्क्0 स्टूडेंट्स अपने करियर बनाने की शुरुआत कर रहे हैं। आर बाजार प्राइमरी स्कूल में सेशन ख्0क्ब्-क्भ् सिक्स्थ स्टेंडर्ड शुरू हो रहा है।

प्रदेश सकार की ओर से कैंट बोर्ड को हर तरह के अनुदान बंद हो गए हैं। ये काफी अशोभनीय बात है कि शासन की ओर से अब बच्चों की किताबें तक बंद कर दी है। हम बच्चों की किताबों के लिए टेंडर करने जा रहे हैं।

- डॉ। डीएन यादव, सीईओ, कैंट बोर्ड

Posted By: Inextlive