-दादरी कांड पर डॉ। सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, इस प्रकरण की जांच करा रही है केंद्र सरकार

Meerut : देश में हालात सामान्य न होने का आरोप लगाकर साहित्यकारों द्वारा सम्मान लौटाए जाने को लेकर केंद्र में सत्तासीन भाजपा शुरू से ही फ्रंट फुट पर है। बुधवार को मेरठ बाइपास स्थित एक शैक्षणिक संस्थान के कार्यक्रम में पहुंचे भाजपा नेता डॉ। सुब्रमण्यम स्वामी ने इस मसले पर पुरस्कार लौटाने वाले साहित्यकारों को ही कटघरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि यह सब बनावटी और दिखावा करने जैसा है।

साहित्यकारों को बताया फर्जी

उन्होंने कहा कि वैसे भी उन्हें यह सम्मान यूपीए सरकार के समय दिए गए थे, जिनमें से काफी फर्जी साहित्यकारों को दिए गए। इसकी भी जांच की जा रही है। हमारी सरकार कभी ऐसे व्यक्ति को सम्मान नहीं देगी, जो सामाजिक भावनाओं को ठेस पहुंचाए। फरीदाबाद में ईसाई समुदाय के लोगों द्वारा एक दलित व्यक्ति की हत्या के मामले में उन्होंने कहा कि मैं खुद अपने स्तर से इस मामले की जांच करवा रहा हूं। विराट हिंदू संगठन इस मामले की तह तक जाएगा।

हिंसा नहीं रोक पा रही सरकारें

उत्तर प्रदेश में बार-बार होने वाली हिंसात्मक घटनाओं के लिए अखिलेश सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए स्वामी ने कहा कि जिन राज्यों में नपुंसक सरकारें हैं, वहां आए दिन हिंसा हो रही है और सरकार उन्हें रोकने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रही है। दादरी हत्याकांड पर उन्होंने कहा कि अखिलेश सरकार को मौके पर जाकर जांच करनी चाहिए थी। उन्होंने जो रिपोर्ट भेजी है उसमें कहीं भी यह जिक्र नहीं आया है कि इस घटना के लिए कोई संगठन विशेष जिम्मेदार है या यह घटना सुनियोजित थी।

गोहत्या पर प्रतिबंध जायज

देश में गोहत्या पर मच रहे बवाल पर उन्होंने कहा कि संविधान की धारा 48 में गोहत्या को निषेध घोषित किया गया है। स्वयं महात्मा गांधी ने कहा था कि यदि भविष्य में कभी सत्ता उनके हाथ आती है तो वह सबसे पहले गोहत्या पर प्रतिबंध लगाएंगे। उन्होंने कहा कि सिर्फ गाय ही नहीं, देश में मोर पक्षी की हत्या पर भी प्रतिबंध है।

Posted By: Inextlive