श्री 1008 शांतिनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर असौड़ा हाउस में में कार्यक्रम का आयोजन किया गया कार्यक्रम में जैनमुनि ज्ञानानंद महाराज ने कथावाचन किया।

मेरठ (ब्यूरो)। असोड़ा हाउस स्थित जैन मंदिर में अभिषेक व शांति धारा हुई। जिसमें सौधर्म इंद्र बनने का सौभाग्य विनोद जैन शोभा जैन परिवार को मिला। वहीं कुबेर इंद्र का सौभाग्य मुकेश जैन आगम जैन परिवार को मिला। जिसके पश्चात पूजन विधान संपन्न हुआ। इस अवसर पर मुनिश्री ज्ञानानंद महाराज ने मंगल प्रवचन में सफलता का मूलमंत्र बताया। उन्होंने कहा कि किसी भी कार्य की सफलता तीन बातों पर निर्भर होती है-श्रद्धा, ज्ञान और क्रिया। जैन शास्त्रों में इन्हें सम्यक् दर्शन, सम्यक् ज्ञान और सम्यक् चारित्र कहते हैं। इसके बाद उन्होंने सम्यक दर्शन, सम्यक ज्ञान व चरित्र को विस्तार से बताया।

गुरु पर श्रद्धा रखें
उन्होंने कहा कि सम्यक दर्शन सच्चे गुरु पर श्रद्धा करना कहलाता है। सम्यक् दृष्टि वाले मनुष्य पृथ्वी और परलोक के भय, रोक-भय, मरण-भय, चौरासी योनियों के भय, सांसारिक मान-सम्मान आदि के भय से मुक्त होते हैं। उन्होंने कहा कि सम्यक ज्ञान सच्चे ज्ञान को कहते हैं। उन्होंने कहा कि सम्यक चरित्र चोरी, हिंसा, झूठ, परिग्रह, कुशील इन पांच पापों के त्याग को सम्यक् चरित्र कहते हैं। इसके दो भेद है देश चरित्र और सकल चरित्र। उन्होंने कहा कि श्रावकों के व्रतों को देशचरित्र कहते हैं और मुनियों के व्रतों को सकल चरित्र कहते हैैं।

सफलता के लिए करें मेहनत
महाराज ज्ञानानंद ने कहा कि सफलता पानी है तो हमें मेहनत भी करनी होगी। मेहनत पूरी लगन से ईमानदारी से करनी होगी तब जाकर हम सफल हो पाएंगे। उन्होंने कहा कि हर काम को करने के लिए उसके प्रति ईमानदारी होना जरूरी है, यदि हम ईमानदार नहीं तो छल कपट से हम सफलता पाएंगे लेकिन कुछ क्षणों के लिए। छलकपट से पाई जाने वाली सफलता कभी लम्बे समय तक नहीं रहती। इसके बाद शाम को गुरू भक्ति एवं आनंद यात्रा हुई।जिसमें श्रद्धालुओं ने महाराज के मीठे वचन सुने एवं सभी ने पंच परमेष्ठी एवं शांतिनाथ भगवान की आरती की। जिसके बाद सभी ने महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया।

ये लोग रहे मौजूद
इस अवसर पर मंदिर परिसर में विनोद जैन, विपिन जैन, राकेश जैन, अमित जैन, रमेश जैन रचित जैन आभा प्रियंका मनीषा बबिता सौम्या आदि उपस्थित रहे।

Posted By: Inextlive