महिला सशक्तिकरण तब तक संभव नहीं होगा जब तक इसमें पुरुषों की भागीदारी नहीं होगी। महिला सशक्तिकरण तब तक संभव नहीं होगा जब तक कि इसमें पुरुषों की भागीदारी नहीं होगी। आज पुरुषों का नजरिया कार्य करने वाली महिलाओं के प्रति बदल रहा है परंतु समाज में पूर्ण महिला सशक्तिकरण के लिए और ज्यादा बदलाव की आवश्यकता है।

मेरठ (ब्यूरो)। ये बातें बुधवार को सीसीएसयू में मिशन शक्ति अभियान की संयोजिका प्रोफेसर बिंदु शर्मा ने व्यक्त किए। कार्यक्रम का आयोजन सीसीएसयू के महिला अध्ययन केंद्र एवं मिशन शक्ति अभियान और मेंटल हेल्थ मिशन इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था। समाज शास्त्र विभाग में आयोजित इस गोष्ठी का विषय था, मानसिक स्वास्थ्य व तनाव प्रबंधन। इस दौरान प्रोफेसर बिंदु शर्मा ने छात्राओं को अपने सशक्तिकरण के लिए सबसे पहले शारीरिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने और पूर्ण डाइट लेनी की आवश्यकता को बताया। साथ ही समाजशास्त्र के छात्र-छात्राओं को मिशन शक्ति से जोडऩे का आग्रह किया।

उद्देश्यों की जानकारी दी
मेंटल हेल्थ मिशन इंडिया की मनोवैज्ञानिक रचना सैनी ने मेंटल हेल्थ मिशन इंडिया के उद्देश्यों के बारे में बताते हुए कहा कि एमएचएम इंडिया स्कूलों, ऑफिस और कॉलोनियों में जाकर लोगों को मानसिक स्वास्थ्य एवं उनसे जुड़ी समस्याओं आदि के बारे में जागरूक करता है। इसके लिए कोई भी व्यक्ति 8899333777 नंबर पर कॉल कर सकता है।

लक्ष्य के लिए रहें समर्पित
मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ। संजय कुमार ने कहा कि जिंदगी में सफलता चाहिए तो निर्धारित लक्ष्य पाने के लिए की जाने वाली कोशिशों में दृढ़ता, धैर्य, समर्पण और स्पष्टता आवश्यक है। इन सबको समय प्रबंधन के साथ करते हैं तो कोई भी व्यक्ति अपने लक्ष्यों को निर्धारित समय में प्राप्त कर सकता है। उन्होंने डीप ब्रीदिंग रिलैक्सेशन विधि की भी जानकारी दी।

तनाव प्रबंधन जरूरी
अंत मे अध्यक्षीय भाषण में समाजशास्त्र के अध्यक्ष प्रोफेसर बाई सिंह ने छात्र छात्राओं को बताया कि जिंदगी में तनाव प्रबंधन अति आवश्यक है और जब समाज में इसके प्रभाव नकारात्मक होते हैं तो बहुत सारी सामाजिक समस्याएं जैसे - नशीले पदार्थों का सेवन, बेरोजगारी, हिंसा और महिलाओं के साथ उत्पीडऩ और पारिवारिक झगड़ा आदि देखने को मिलता है, इसलिए इसी स्तर पर हमें तनाव प्रबंधन की विधियों को सीख लेना चाहिए। धन्यवाद ज्ञापन डॉ। नेहा गर्ग ने दिया और संचालन डॉ। सोनल भूषण ने किया। डॉ। वाईपी सिंह, डॉ। अजीत सिंह, दीपेंद्र और अरविंद सिरोही मौजूद रहे।


कब लें मेडिकल हेल्प
मेरठ। मनोवैज्ञानिक लवलीन तिवारी ने कहा कि तनाव हमारे जीवन की सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन जब हमारे आसपास की परिस्थितियां हमारे कंट्रोल से बाहर होती हैं अथवा हम अपने प्रति दूसरों के प्रति या भविष्य के प्रति नकारात्मक सोच रखते हैं तो यही तनाव हमारे मानसिक स्वास्थ्य को खराब करता है।

ये हैैं खराब मेंटल हेल्थ के कारण
छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आना
चिड़चिड़ाहट
बेवजह सिर दर्द होना
नींद न आना
खाने-पीने का समय बदलना
सामाजिक संबंधों का खराब होना

कब दिखाएं डॉक्टर को
इनमें से यदि तीन से चार लक्षण हमारे अंदर बार-बार होते हो और उन्हें हम रोक नहीं पा रहे हैं तो हमें सहायता की आवश्यकता होती है।
तनाव प्रबंधन का सबसे पहला स्तर अपने मन की बात किसी समझदार या बड़े व्यक्ति से साझा करना होता है।
यदि फिर भी बात नहीं बनती है तो किसी मनोवैज्ञानिक से सलाह लेनी चाहिए
हमें दूसरों की सहायता करना, अपनी स्थितियों और कमियों को स्वीकार करना, सकारात्मक सोच रखना और धैर्य के साथ आगे बढऩे के बारे में सोचना चाहिए।

Posted By: Inextlive