-कश्मीर में क‌र्फ्यू हटने से मिली कारोबार को फौरी राहत

-करीब 50 करोड़ का कारोबार था प्रभावित

-कश्मीरी विलो के नहीं बन रहे बैट तो मेरठी कपड़े को तरसे कश्मीरी

आई कनसर्न

Meerut: मेरठ का बल्ला देश-विदेश में फेमस है तो उसे बनाने के लिए खास कश्मीरी विलो (बैट की लकड़ी) को प्रयोग में लाया जाता है। मेरठी कपड़ों की कश्मीरियों में खासी डिमांड है। कश्मीर क्राइसेस के बाद सबकुछ ठप हो गया, न मीठा सेब आ रहा है तो न स्वादिष्ट बादाम और ना अखरोट। उथल-पुथल से सर्वाधिक कारोबार प्रभावित हुआ है। अब जब क‌र्फ्यू हट गया तो एक बार फिर कश्मीर से कारोबारी की उम्मीद जागी हैं।

मिलेंगे कश्मीरी बैट

मेरठ में रोजाना 5000 कश्मीरी बैट की खपत है। कश्मीर में कफ्र्यू से फौरी राहत के बाद स्थितियां कुछ बदलेगी। ऐसी उम्मीद जताते हुए बीडीएम के ऑनर राकेश महाजन ने बताया कि कश्मीर में हो रही आतंकी गतिविधियों से स्पो‌र्ट्स कारोबार ठप हो गया है। कश्मीरी बैट की आपूर्ति बिल्कुल बंद हो चुकी थी। बता दें कि मेरठ में करीब एक दर्जन कारोबारी अंतरराष्ट्रीय स्तर के बैट बनाते हैं जिसकी लकड़ी कश्मीर में मंगाई जाती है। करोड़ों का कारोबार प्रभावित हो रहा है।

नहीं पहुंच रहा कपड़ा

खंदक बाजार कारोबारी रहमान का कहना है कि कश्मीर में हो रहे घटनाक्रमों के बाद मेरठ का कपड़ा नहीं पहुंच रहा है तो वहीं कश्मीर की वूल मेरठ नहीं आ पा रही हैं। बता दें कि मेरठ का सूती, रेशमी और टेरीकॉट कश्मीरी पहनते हैं तो कश्मीरी वूल और रॉ मैटेरियल बड़ी मात्रा में मेरठ आ रहा है। ट्रांसपोर्टस के गो-डाउन में दो माह से कपड़ों की गांठें पड़ी हुई हैं जिन्हें कश्मीर नहीं भेजा जा सकता है। करीब 1.50 करोड़ का कपड़ा कारोबार प्रतिमाह मेरठ और कश्मीर के बीच है।

सूखे मेवे के बढ़े रेट

कश्मीर से बड़ी मात्रा में बादाम, अखरोट देश के विभिन्न हिस्सों के साथ-साथ मेरठ में सप्लाई हो रहा है। करीब 2 करोड़ का ड्राई फ्रूट का कारोबार पिछले तीन माह से ठप पड़ा है। केसर, चिलगोजा की आपूर्ति ठप है तो वहीं कई अन्य ड्राईफ्रूट्स नहीं आ पा रहे हैं। कारोबारी संतोष अग्रवाल का कहना है कि ड्राई फ्रूट्स के रेट्स में 50 से 100 रुपये प्रति किग्रा का इजाफा इस दौरान आया है। हालांकि अभी स्थिति जस की तस है किंतु कारोबार आरंभ होने के बाद स्थिति बदलती नजर आ रही है।

आया कश्मीर से आर्डर

कश्मीर में बड़ी संख्या में दाल, चावल, सब्जी, मसाले, तेल, रिफाइंड, मैगी, किराना आदि सामान मेरठ से कश्मीर जा रहा है। द अमृतसर ट्रांसपोर्ट के मैनेजर रमेश मिश्रा ने बताया कि कल कश्मीर से फोन आया था। इलेक्ट्रानिक गुड्स, कॉस्मेटिक, दाल-तेल आदि की सप्लाई के लिए हरी झंडी मिली है। वहां के ट्रांसपोर्टर ने कपड़ा भेजने पर अभी भी मना किया है। दवाएं भी मेरठ से कश्मीर जाती हैं। करीब 10 करोड़ रुपये माह का कारोबार शुरू हो सकेगा।

खा पाएंगे कश्मीर का सेब

सीजन में रोजाना करीब 3000 ट्रक सेब कश्मीर देश के विभिन्न हिस्सों में भेजता है। करीब 200 ट्रक सेब की खपत मेरठ एवं आसपास के क्षेत्रों में है। कफ्र्यू से राहत मिलने पर अब हम कश्मीर का सेब खा सकेंगे। 30 करोड़ माह का सेब कारोबार कश्मीर में स्थिति सामान्य होने के बाद मेरठ से हो सकेगा।

क्या कहते हैं ट्रांसपोटर‌र्््स

कश्मीर में क‌र्फ्यू हटने से ठप पड़े कारोबार के पहिए फिर दौड़ेंगे। सेब का बड़ा उत्पादक कश्मीर है तो मेरठ में सेब की खपत खूब है। अब बुकिंग शुरू होगी।

-देवेंद्र कुमार, ट्रांसपोर्टर

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कश्मीर में हालात खराब होने से ट्रांसपोर्ट कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ था, अब राहत के आसार है।

-योगेश अग्रवाल, ट्रांसपोर्टर

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मेरठ से कपड़ा कश्मीर जा रहा है तो वहीं कश्मीर से वूल मेरठ आ रहा है। ठप पड़ा कारोबार अब गति पकड़ेगा।

-आकाश चौधरी, ट्रांसपोर्टर

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दो माह पहले कपड़े की गांठ बुक कराई गई थी, अभी भी गो-डाउन में रखीं हैं। अब लग रहा है कि कारोबार शुरू हो जाएगा।

-मोहम्मद हसीन, न्यू अमृतसर ट्रांसपोर्ट

एक नजर में

मेरठ में कश्मीरी बैट की रोजाना खपत 5000

दो माह से ट्रांसपोर्टर्स के गोदाम में कपड़ों की गांठें

सीजन में कश्मीर से मेरठ मंडल में आता है रोजाना 200 ट्रक सेब

कॉस्मेटिक, दाल-तेल की सप्लाई के लिए हरी झंडी मिली

Posted By: Inextlive