एनआईए ने किया चिह्नित, सभी की हो रही निगरानी

मेरठ से तीरथ और हापुड़ से जावेद हो चुका है गिरफ्तारी

Meerut। मेरठ में खालिस्तानी लिबरेशन फ्रंट के सदस्यों ने अपना जाल फैल रखा है। एनआईए के निशाने पर ऐसे दस आरोपी हैं, जो लंबे समय से खालिस्तानी मिशन से जुड़े हुए हैं। हालांकि कुछ के खिलाफ तो पहले ही मेरठ में एनआईए और यूपी एटीएस कार्रवाई कर चुकी है। सूत्रों की मानें तो एनआईए द्वारा दस और खालिस्तानी चिह्नित किए गए हैं, जिनके खिलाफ कार्रवाई करने में टीम जुटी हुई हैं। हापुड़ से जावेद को दबोचने के बाद कुछ नाम एनआईए टीम के सामने आए थे लेकिन इस बाबत कोई कामयाबी अभी तक एनआईए टीम को नहीं मिली है। हालांकि एनआईए की टीम लगातार जगह-जगह दबिश देकर कार्रवाई करने में जुटी है।

जावेद से मिला कनेक्शन

एनआईए ने पिछले दिनों किठौर में दबिश देकर जावेद को गिरफ्तार करने की कोशिश की थी लेकिन वह पकड़ में नहीं आ सका था। जिसके बाद एनआईए ने हापुड़ के पास से उसकी गिरफ्तारी की थी। जावेद के लिसाड़ी गेट और ब्रह्मपुरी में दो मकान बने हुए हुए हैं, जो करीब सात महीने से बंद पड़े थे। एनआईए टीम को इनपुट मिला था कि यहां पर इनके घर में खालिस्तानी गैंग से जुडी कुछ आपत्तिजनक सामग्री है, जिसको तलाशने के लिए टीम ने मंगलवार को दबिश दी थी। सूत्रों की मानें तो जावेद से पूछताछ के दौरान मेरठ शहर और देहात में अपने कुछ साथियों के नाम उजागर किए थे, जो खालिस्तान मिशन से जु़ड़े हुए थे। मगर जावेद के पकड़े जाने के बाद से सभी सदस्य भूमिगत हो गए हैं। एनआईए लगातार इनको गिरफ्तार करने का प्रयास कर रही है लेकिन अभी तक कोई सफलता हाथ नहीं लगी है।

लिसाड़ी गेट में भी जड़ें

नौ जुलाई को एटीएस ने लिसाड़ी गेट क्षेत्र में छापेमारी करते हुए खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट को हथियार सप्लाई करने वाले कुख्यात अरशद अली उर्फ मुंशी को गिरफ्तार किया था। अरशद अली उर्फ मुंशी पुत्र जमील लिसाड़ी गेट के लक्कीपुरा गली नंबर 23 का निवासी है। एटीएस के अधिकारियों के मुताबिक आरोपी पर बुलंदशहर, गौतमबुद्ध नगर और पंजाब में सात मुकदमे दर्ज हैं। वर्ष 2016 में पंजाब में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पंजाब उप प्रमुख रिटायर्ड ब्रिगेडियर जगदीश कुमार गगनेजा की हत्या कर दी गई थी। गगनेजा के दो हत्यारों को अरशद द्वारा ही हथियार सप्लाई किए जाने की बात सामने आई थी। इसके साथियों पर भी पुलिस ने बाद में कार्रवाई की थी। जिनके पास से हथियार बरामद किए गए थे।

मई में पकड़ा था तीरथ

दरअसल, मई में थापर नगर के रहने वाले तीरथ को भी मेरठ से पंजाब पुलिस और यूपी एटीएस ने गिरफ्तार किया था। तीरथ सिंह यहीं सोतीगंज में एक दुकान पर मोटर मैकेनिक का काम करता था। तीरथ सिंह के पास से पुलिस को प्रतिबंधित सामान भी बरामद हुआ था। एटीएस और पंजाब पुलिस के बाद मेरठ में भी एनआईए की टीम और ज्यादा सक्रिय हो गई है। लगातार छह महीने से खालिस्तान लिब्रेशन फोर्स के सदस्य एनआईए और एटीएस के हत्थे चढ़ रहे हैं।

खालिस्तान लिब्रेशन फ्रंट के सभी आरोपियों के खिलाफ पहले भी मेरठ में कार्रवाई होती रही है। एनआई हो या एटीएस पुलिस पूरा सहयोग पुलिस कर रही है।

अजय साहनी, एसएसपी, मेरठ

Posted By: Inextlive