एडीजी ने जिले में लूट, डकैती और हत्या करने वाले बदमाशों की थानेवार लिस्टिंग के एसएसपी को दिए आदेश

डीएम ने भी एसएसपी को थानेवार गैंगस्टर की सूची बनाने और संपत्तियों का ब्योरा जुटाने के दिए आदेश

Meerut। जिले में कोई विकास दूबे न हो, इसको लेकर पुलिस और प्रशासन अधिकारियों ने प्लानिंग तैयार कर ली है। पुलिस सूत्रों की मानें तो मेरठ जिले के ज्यादातर बड़े बदमाश सलाखों के पीछे हैं। मगर नए-नए बदमाश जिले में लूट, डकैती और हत्या जैसी वारदातों को धड़ल्ले से अंजाम दे रहे हैं। जिसके चलते एडीजी ने ऐसे सभी बदमाशों को चिन्हित कर उन्हें गैंग के रूप में रजिस्टर्ड करने की जिम्मेदारी एसएसपी को सौंपी है।

गैंगस्टर की कार्रवाई

दरअसल, शासन से मिले ऑपरेशन क्लीन चलाने के आदेश के बाद एडीजी राजीव सब्बरवाल ने सभी नए बदमाशों और उनके साथियों को गैंग के रूप में रजिस्टर्ड करने के निर्देश एसएसपी को दिए हैं। जिसके बाद एसएसपी अजय साहनी ने एसपी सिटी डॉ। अखिलेश नारायण सिंह और एसपी देहात अविनाश पांडेय को अपने-अपने क्षेत्रों के ऐसे नए बदमाशों को गैंग के रूप में चिन्हित कर उनकी थानेवार लिस्टिंग करने के लिए कहा है, जो लगातार लूट, डकैती और हत्या की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।

संपत्ति का ब्योरा जुटाएं

वहीं डीएम अनिल ढीगरा के आदेशानुसार एसएसपी ने जिले के पुराने गैंगस्टर्स की थानेवार लिस्ट बनाने के साथ ही नए बदमाशों की थानेवार लिस्ट भी बनाने के निर्देश एसएसपी सिटी और एसपी देहात को दिए हैं। एसएसपी की मानें तो नए बदमाशों पर भी अपराध की प्रकृति के अनुसार गैंगस्टर की संस्तुति कर लिस्ट डीएम को सौंपी जाएगी। साथ ही नए और पुराने बदमाशों की चल-अचल संपत्ति का चिन्हित ब्योरा भी लिस्ट के सम्मिलित होगा।

दबंगों की भी बनेगी लिस्ट

एडीजी ने आदेशानुसार एसएसपी ने जिले के सभी थानेदारों को उनके क्षेत्र के ऐसे दबंग लोगों को लिस्टिंग करने निर्देश जारी किए हैं, जो प्लॉट, मकान और विवादित जमीनों पर कब्जा करते हैं। लिस्ट में ये थानेदारों को लिस्ट में ये भी शामिल करना होगा कि ऐसे मामलों में कितने लोगों पर मुकदमें दर्ज हैं और कितने लोग इन मुकदमों में जेल जा चुके हैं।

क्या होती है गैंगस्टर

गैंगस्टर एक्ट में कम से कम दो और अधिक से अधिक दस साल की सजा होती है। किसी व्यक्ति या बदमाश पर एक साथ दो बड़े आपराधिक मुकदमे हों और क्षेत्र में उसकी वजह से दहशत का माहौल हो तो उसके खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की संस्तुति थानेदार करता है। जिसके बाद सीओ, एसपी और एसएसपी की संस्तुति के बाद डीएम उसका परीक्षण करता है। इसके बाद ही गैंगस्टर की कार्रवाई किसी पर की जाती है।

नए बदमाश जो लंबे समय से क्राइम कर रहे हैं उनके गैंग रजिस्टर्ड करने के आदेश दिए गए हैं। इनका गैंग रजिस्टर्ड होगा तो यह पुलिस की निगरानी में रहेंगे। जमानत पर यदि छुट रहे हैं और उसके बाद इनकी क्या गतिविधि चल रही है, इन सब का रिकार्ड भी पुलिस के पास होगा।

राजीव सब्बरवाल, एडीजी जोन

Posted By: Inextlive