कुछ विद्वानों ने गुरुवार को उचित ठहराया तो कुछ आज यानि शुक्रवार को भी बता रहे बेहतर

Meerut । पंचांग में धनतेरस की तिथि में भेद होने से असमंजस रहा। ऐसे में 12 नवंबर की शाम को कई घरों में धनतेरस का पर्व मनाया गया। हालांकि, विद्वानों ने 13 नवंबर को धनतेरस मनाना उचित बताया है। त्रयोदशी शुक्रवार को इस दिन त्रयोदशी शाम 5.59 बजे तक रहेगी। वहीं, कई विद्वानों के मुताबिक शाम 4.20 बजे तक त्रयोदशी समाप्त होगी। प्रदोष काल भी नहीं रहेगा, इसलिए गुरुवार को ही धनतेरस मनाना उचित रहा।

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विद्वानों के मत

गुरुवार के पक्ष में रहे

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12 नवंबर को त्रयोदशी प्रदोषकाल की वजह से है, इसलिए इसी दिन त्रयोदशी मनाई गई। पंचांग के मुताबिक 13 को त्रयोदशी दोपहर 3.30 बजे समाप्त हो जाएगी।

पंडित अरुण शास्त्री, अन्नपूर्णा मंदिर

गुरुवार को द्वादशी तिथि शाम 6.18 बजे तक रहेगी। इसलिए प्रदोषकाल के बाद त्रयोदशी लगने पर गुरुवार को ही इसे मनाना चाहिए।

समीर भटनागर, ज्योतिष

त्रयोदशी 12 को ही मनाई जाना श्रेष्ठ रहेगा त्रयोदशी गुरुवार को मनाई जाएगी, तभी रूप चौदस सुबह के समय 13 को और 14 को दीपावली मनाना उचित रहेगा।

पं कपिल शर्मा, मां दुर्गा मंदिर रजबन

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आज के पक्ष में

शुक्रवार को उदया तिथि में त्रयोदशी है, इसी दिन प्रदोषकाल भी रहेगा गुरुवार रात 9:31 से त्रयोदशी तिथि लगेगी। शुक्रवार शाम को सूर्यास्त के बाद प्रदोषकाल अवधि में शाम 5.59 तक रहेगी। शनिवार को चतुर्दशी दोपहर 2.20 तक रहेगी

भारतज्ञान भूषण, ज्योतिष

गुरुवार रात 9:30 तक द्वादशी तिथि रहेगी। इस दिन रात 9.31 से त्रयोदशी शुरू होगी जो 13 को शाम 5.59 तक रहेगी.प्रदोष व्यापी त्रयोदशी शुक्रवार को रहेगी

पं। रामबाबू, राधाकृष्ण मंदिर सदर

Posted By: Inextlive