अस्थाई जेल में बंदी ने की थी आत्महत्या, शासन ने लिया संज्ञान

Meerut। सर छोटू राम इंजीनियरिंग कॉलेज में बनी अस्थाई जेल में बंदी द्वारा फांसी लगाने के मामले को शासन ने गंभीरता से लिया है। इस मामले में जेल सुप्रीटेंडेंट को न्यायिक जांच कराने के निर्देश दिए गए है। जिसके बाद जेल सुप्रीटेंडेंट ने सीजेएम को न्याययिक मजिस्ट्रेट नामित करने के लिए पत्र लिखा है। ऐसे में बंदी रक्षक और पुलिसकर्मियों की गर्दन फंसती नजर आ रही है। वहीं इस तरह की घटना दोबारा न हो, इस बाबत अस्थाई जेल में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। जेल अधिकारियों ने सोमवार को अस्थाई जेल का निरीक्षण किया और पूरे मामले की रिपोर्ट शासन को भेजी।

ये है मामला

दरअसल, सर छोटू राम इंजीनियरिंग कॉलेज की अस्थाई जेल में कैलाश (40) पुत्र रघुवीर निवासी गांव जेवरी को 29 जून को शराब के मामले में कंकरखेड़ा पुलिस ने गिरफ्तार कर अस्थाई जेल में भेजा था। इसकी कोरोना जांच भी कराई गई थी, जो निगेटिव आई थी। पुलिस के मुताबिक कैलाश ने रोशनदान में फंदा बनाकर रविवार को अपनी जान दे दी। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजने के साथ ही परिजनों को भी सूचित किया।

डीजी जेल ने ली जानकारी

वहीं इस मामले का शासन ने संज्ञान लिया और डीजी जेल ने पूरे मामले की जानकारी जेल सुप्रीटेंडेंट बीडी पांडेय से ली। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए न्यायिक जांच कराई जा रही है। जेल सुप्रीटेंडेंट बीडी पांडेय ने सीजेएम को पत्र भी लिखा है ताकि जल्द से जल्द न्यायिक मजिस्ट्रेट नामित हो जाएं और मामले की जांच शुरू हो सके।

जिन बंदी रक्षक और पुलिसकर्मियों की लापरवाही रही है, उनके खिलाफ जांच रिपोर्ट तैयार की जा रही है। पूरे मामले की न्यायिक जांच कराई जा रही है। न्यायिक जांच में सब साफ हो जाएगा।

बीडी पांडेय, जेल सुप्रीटेंडेंट, चौधरी चरण सिंह जिला कारागार

Posted By: Inextlive