Meerut : कैंट बोर्ड को सुप्रीम कोर्ट के एक ऑर्डर से काफी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार अगर रेलवे कैंट बोर्ड की लैंड को यूज कर रहा है तो उसे कैंट बोर्ड सर्विस चार्ज देना होगा. इस आदेश के बाद कैंट बोर्ड ने उत्तर रेलवे के अधिकारियों को सर्विस चार्ज का पूरा लेखा जोखा भेज दिया है. वहीं रेलवे अधिकारियों ने भी कैंट बोर्ड से सर्विस लगाने का प्रोसीजर मांगा है.


साढ़े पांच करोड़ रुपए का सर्विस चार्जकैंट बोर्ड को जैसे ही पता चला कि गुजरात में मौजूद किसी कैंट को रेलवे द्वारा सर्विस चार्ज देने का फैसला आया तो मेरठ कैंट ने भी उत्तर रेलवे को सर्विस चार्ज का बिल देने की कोई देरी नहीं लगाई। कैंट बोर्ड ने उत्तर रेलवे को साढ़े पांच करोड़ रुपए के सर्विस चार्ज का बिल भेजा है। वहीं उत्तर रेलवे के डीआरएम ने कैंट बोर्ड के अफसरों से जानकारी मांगी है कि ये सर्विस चार्ज किस फॉर्मूले से लगाया गया है। साथ रेलवे कैंट बोर्ड की कितनी भूमि इस्तेमाल कर रही है। 135 एकड़ जमीन का यूज
कैंट बोर्ड से मिले आंकड़ों की माने तो मेरठ का सिटी स्टेशन भी कैंट बोर्ड की बी-3 लैंड पर मौजूद है। जिसका टोटल एरिया 88.23 एकड़ है। वहीं कैंट स्टेशन का टोटल एरिया 46.96 है। यानि रेलवे कैंट की 135 एकड़ से ज्यादा बी-3 लैंड का यूज कर रहा है।  'हमने रेलवे को लेटर भेजा है। जिसमें साढ़े पांच करोड़ रुपए के सर्विस चार्ज देने को भी कहा गया है। उन्होंने भी हमसे कुछ जानकारियां मांगी है। उनका जवाब हम तैयार कर रहे हैं.'- डॉ। डीएन यादव, सीईओ, कैंट बोर्ड

Posted By: Inextlive