जांच में ईएक्सईएन समेत जेई और एई का नाम आया सामने

तीनों अधिकारियों को मुख्यालय से किया गया अटैच

Meerut। शहर में नगर निगम की ओर से पार्को में लगने वाले झूलों की खरीद में हुए घोटाले की गाज आखिरकार नगर निगम की अधिशासी अभियंता समेत एई और जेई पर गिर गई। झूला घोटाले में नगर निगम की अधिशासी अभियंता नीना सिंह, सहायक अभियंता राजपाल सिंह यादव और अवर अभियंता राजेंद्र सिंह के खिलाफ जांच को तत्कालीन नगरायुक्त अरविंद चौरसिया ने शासन को पत्र लिखा था। जांच में तीनों अधिकारी दोषी पाए जाने के बाद उन्हें विभागीय कार्यवाही के तहत मुख्यालय से अटैच कर दिया गया है। आगे की जांच के लिए अपर आयुक्त प्रशासन को जांच अधिकारी बनाया गया है।

231 झूलों की खरीद

दरअसल, साल 2020 में शहर के विभिन्न पार्को में लगाए गए 231 झूलों की खरीद में लाखों रुपये के गबन का मामला सामने आया था। इस योजना में निगम की ओर से मार्केट के रेट से दोगुनी दर पर झूले खरीदे गए और पार्को में लगा दिए गए। नगर निगम के पूर्व पार्षद यासीन पहलवान ने झूला खरीद में लाखों के घोटाले की शिकायत की थी।

उच्च स्तरीय जांच

इसके बाद पार्षद ने राज्यसभा सांसद विजयपाल सिंह तोमर ने इस मामले में निष्पक्ष जांच कराने की मांग भी की थी। जिसके बाद इस मामले की मुख्यमंत्री और नगर विकास मंत्री ने उच्च स्तरीय जांच कराई थी। इसके लिए कमिश्नर के लेवल से इस मामले की नगर आयुक्त के स्तर पर जांच कराई गई। इस जांच में नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त ब्रजपाल सिंह की अगुवाई में एक टीम का गठन किया गया था। जांच में पाया गया कि झूला खरीद में बड़े पैमाने पर अनियमितता बरती गई है।

झूलों के वजन में खेल

जांच में झूलों के वजन को लेकर भी बड़े खेल का खुलासा हुआ। पूरे मामले का खुलासा होने के बाद शासन ने 121 झूलों के एक करोड़ से अधिक की राशि के भुगतान से इनकार कर दिया था।

झूला घोटाले में जांच के आधार पर दोषी पाए गए अधिकारियों को मुख्यालय से अटैच कर दिया गया है। शासन के निर्देशों के अनुसार विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

मनीष बंसल, नगरायुक्त

Posted By: Inextlive