रैपिड रेल के काम के चलते छह माह के लिए दिल्ली रोड बंदी के आदेश से व्यापारी परेशान।

मेरठ (ब्यूरो)। रैपिड रेल के काम के चलते छह माह के लिए दिल्ली रोड बंदी का आदेश हजारों व्यापारियों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। दिल्ली रोड बंद होने से व्यापारियों का कारोबार ठप हो जाएगा और लाखों कर्मचारियों पर रोजगार का संकट मंडराने लगा है। इस समस्या से निजात के लिए मंगलवार को उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के पदाधिकारियों ने कमिश्नर से मुलाकात कर अन्य विकल्पों से संबंधित ज्ञापन सौंपा।

बंदी बर्बाद कर देगी
उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के अध्यक्ष लोकेश अग्रवाल ने बताया कि दिल्ली-मेरठ के यातायात को सुगम करने के लिए रैपिड रेल परियोजना पर काम के चलते पिछले एक वर्ष से अधिक समय से फुटबॉल चौक से दिल्ली रोड का व्यापार पूरी तरह से ठप हो चुका है। रैपिड रेल परियोजना रामलीला ग्राउंड, दिल्ली रोड, मेरठ से अंडर ग्राउंड जानी है, ऐसे में रैपिड रेल द्वारा लगाई जा रही बैरिकेडिंग के कारण बाजार में ग्राहक आने से कतराने लगा है। लेकिन अब फुटबॉल चौक से दिल्ली रोड को छह माह के लिए पूरी तरह से बंद करने की सूचना ने व्यापारियों को परेशान कर दिया है। कोरोना कॉल के बाद से व्यापारी लगातार आर्थिक परेशानियों से जूझ रहा है। ऐसे में लॉकडाउन की तरह की ही छह माह की यह बंदी व्यापारियों को बर्बाद कर देगी।

भय में व्यापारी
उन्होंने बताया कि रैपिड रेल के अधिकारियों द्वारा व्यापारियों की दुकानें भी तोड़े जाने की बात लगातार की जा रही है। जिसकी स्पष्ट जानकारी व्यापारियों के पास उपलब्ध नहीं हो पाती है कि किस व्यापारी की दुकान कितनी टूटेगी तथा व्यापारी को दुकान टूटने का क्या मुआवजा मिलेगा। इन परिस्थितियों में व्यापारी भय के वातावरण में अपना व्यापार कर रहा है। वह नहीं जानता कि कब उसकी दुकान पर बुलडोजर चलेगा और दुकान तोड़ दी जाएगी। बैंक का ब्याज, बिजली के बिल, स्टाफ की तनख्वाह, हाउस टैक्स, जीएसटी, लाइसेंस-रजिस्ट्रेशन की रिनुअल फीस व अन्य सभी खर्चों का भार व्यापारी पर पहले की तरह है।

व्यापारियों ने दिए सूझाव
फुटबॉल चौक से दिल्ली रोड पर के ट्रैफिक को बंद न किया जाए, यदि आवश्यक हो तो बड़े वाहनों ट्रक व बस आदि को बागपत रोड़ या रोहटा रोड़ से निकाला जाए।

रोड बंद होना अति आवश्यक होने की दशा में व्यापारियों के बिजली के बिल, हाउस, टैक्स, जीएसटी, बैंक के ब्याज, लेबर की तनख्वाह व घर के खर्चे के लिए प्रत्येक दुकानदार को 40 हजार मासिक दिए जाने की व्यवस्था की जाए।

रैपिड रेल निर्माण के लिए अधिग्रहण किए जाने वाली दुकानों के क्षेत्र की गणना नाली या नाले से की जाए।

रैपिड रेल निर्माण के कारण सड़क के दोनों और तोड़ी जाने वाली दुकानों के नुकसान का आंकलन कर दुकानों को तोडे जाने से पूर्व व्यापारियों से सहमति बनाकर मुआवजे का भुगतान करने के बाद दुकानों को तोड़ा जाए।

Posted By: Inextlive