साल 2017 में शहर को जाम से मुक्त कराने के लिए बना था ट्रैफिक मैनेजमेंट सेंटर

शहर के सिर्फ चार चौराहों पर जाम से निपटने के लिए होता है फोकस

खैरनगर, हापुड़ अड्डे, जीरो माइल आदि इलाकों में रोजाना लगता है जाम

Meerut। शहर में बीते 5 से 10 साल में वाहनों की संख्या बढ़ी है। इससे जाम शहर में जाम की समस्या बढ़ गई है। हालांकि, ट्रैफिक पुलिस ने जाम से निपटने के लिए कई कवायद की है। बावजूद इसके, कुछ इलाके जाम के झाम से अभी तक जूझ रहे हैं। प्रशासन ने जाम खुलवाने के लिए ट्रैफिक मैनेजमेंट सेटर भी बनाया है। ताकि शहर के विभिन्न इलाकों में जाम की स्थिति पर नजर रखी जा सके।

कुछ खास बदलाव नहीं

शहर के कुछ इलाकों की स्थिति यह है कि बेतरतीब पार्किंग और डग्गामार वाहनों के कारण हर रोज जाम की समस्या से जूझना पड़ता है.जाम खुलवाने के लिए बनाया गया ट्रैफिक मैनेजमेंट सेंटर भी कामयाब नहीं हो पा रहा है।

प्राथमिकता पर हैं कुछ चौराहे

शहर के कुछ चौराहों पर भीषण जाम लगता है, जिन्हें चिन्हित किया गया है। बेगमपुल, हापुड़ अड्डा, भूमिया पुल और ईदगाह चौराहे पर जाम की स्थिति पर कंट्रोल करने के लिए ट्रैफिक मैनेजमेंट सेंटर की नजर रहती है। बावजूद इसके, इन्हीं जगहों पर सबसे ज्यादा जाम लगता है। इन सभी प्वाइंटों पर रोजाना जाम की समस्या से लोगों को जूझना पड़ता है।

सिर्फ चार चौराहों पर फोकस

शहर में जाम की सबसे ज्यादा समस्या बेगमपुल, हापुड़ अड्डा, भूमिया पुल और ईदगाह चौराहा पर लगता है। यहां पर सीसीटीवी से फोकस किया जाता है। चार चौराहों पर फोकस करने के बावजूद शहर में जाम की समस्या हल नहीं हो पा रही है। जिस मंशा के साथ शहर के लोगों को जाम से निजात दिलाने के लिए ट्रैफिक मैनेजमेंट सेंटर का गठन किया गया था। उसके अनुरुप यह काम नहीं किया गया है। इसके चलते जाम की समस्या से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सभी चारों चौराहों पर रोजाना भीषण जाम की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

कैसे काम करता है ट्रैफिक मैनेजमेंट सेंटर

पुलिस लाइन में ट्रैफिक मैनेजमेंट सेंटर बनाया गया है।

यहां पर शहर के सभी मुख्य प्वाइंट पर लगे सीसीटीवी की एलईडी कनेक्ट है।

यहां पर एक दारोगा, तीन महिला कांस्टेबल तैनात रहते हैं।

ये पुलिसकर्मी चौराहों पर लगने वाले जाम की स्थिति पर नजर रखते हैं।

स्क्रीन देखकर महिला पुलिसकर्मी तुरंत ट्रैफिक पुलिस, ट्रेमो और एंजेल्स मोबाइल को सूचना देती है।

इसके बाद ट्रैफिक पुलिसकर्मी उस चौराहे से जाम को हटवाते हैं।

इसके अलावा टिवट्र और अन्य सूत्रों से जाम की जानकारी मिलती है।

उसको वायरलेस करके जाम खुलवाने के लिए दिशा-निर्देश देती है।

तीन साल पहले शुभारंभ

गौरतलब है कि शहर को जाम से मुक्त कराने के लिए ट्रैफिक मैनेजमेंट सेंटर खोलने की महत्वपूर्ण योजना बनाई गई थी। इसका शुभारंभ तत्कालीन एसएसपी मंजिल सैनी और पूर्व एसपी ट्रैफिक संजीव वाजपेयी ने किया था।

रोजाना आती है पंद्रह से बीस कॉल

ट्रैफिक मैनेजमेंट सेंटर का एक हेल्पलाइन नंबर भी है। जिस पर कॉल करके जाम की समस्या को बताया जा सकता है। रोजाना पंद्रह से बीस कॉल आती है, जिस पर जाम की समस्या की शिकायत आती है, जिसके बाद जाम खुलवाने के निर्देश ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को दिए जाते है। इसके बावजूद भी शहर में जाम की समस्या हल नहीं हो पाती है। लोगों को परेशानी का सामना उठाना पड़ता है।

ट्रैफिक मैनेजमेंट सेंटर से जाम कंट्रोल किया जाता है। शहर के चौराहों पर लगे सीसीटीवी से सेंटर की एलईडी कनेक्ट है। जिससे पूरे शहर में जहां भी जाम लगता है, वहां पर महिला कांस्टेबल के द्वारा पुलिस भेजकर जाम खुलवाया जाता है। मोबाइल पर भी जो जाम की शिकायत आती है, उसको भी हल किया जाता है।

जितेंद्र श्रीवास्तव, एसपी ट्रैफिक

Posted By: Inextlive