कोरोना काल में भारी नुकसान झेल चुके मेरठ के ट्रांसपोर्ट कारोबारियों को बजट से उम्मीद

दो साल से डीजल के दामों में लगातार इजाफा होने से ट्रांसपोर्टर हो रहे परेशान

Meerut। कोरोना काल में भारी नुकसान झेल चुके मेरठ के ट्रांसपोर्ट कारोबारियों को इस बजट से कुछ रियायतों की उम्मीद है। दो साल से डीजल के दामों में लगातार इजाफा होने से ट्रांसपोर्टर लगातार नुकसान में चल रहा है। इसके साथ ही जीएसटी में ई-वे बिल प्रक्रिया लागू हो जाने के कारण परेशानी दोगुनी हो गई है। अब साल 2020 में कोरोना के कारण ट्रांसपोर्ट का काम पूरी तरह प्रभावित हो चुका है। ऐसे में ट्रांसपोर्टर्स को इस बजट से डीजल के दामों में नियंत्रण और जीएसटी की दरों में राहत की उम्मीद है।

डीजल के दाम नियंत्रित हों

मेरठ गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के महामंत्री राकेश विज ने बताया कि हमें सरकार से यही उम्मीद है कि डीजल के दामों को नियंत्रित करने की कोई घोषणा की जाएगी। सबसे अधिक समस्या डीजल के लगातार बढ़ते दाम के कारण हैं। इसके अलावा प्रतिदिन 200 किलोमीटर चलने की बाध्यता को कम कर पहले की तरह 16 किलोमीटर किया जाना चाहिए। सरकार रोड टैक्स ले लेती है तो टोल टैक्स का मतलब नहीं बनता है। ट्रकों को 28 प्रतिशत जीएसटी में रखा गया है। उसे 5 प्रतिशत जीएसटी में रखा जाए।

डीजल के रेट पूरे देश में एक समान होने चाहिए। इसके साथ ही डीजल के लगातार बढ़ रहे दामों को भी कम और नियंत्रित किए जाने के लिए जीएसटी में शामिल करने की घोषणा होनी चाहिए।

गौरव शर्मा, अध्यक्ष, मेरठ ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन

एक देश एक टैक्स की व्यवस्था पूरे देश में लागू होनी चाहिए। इससे डीजल व पेट्रोल के लगातार बढ़ते दाम कंट्रोल होंगे। ट्रांसपोर्टर अपने किराए को निर्धारित कर सकेंगे इससे ट्रांसपोर्टर को व्यापार में कम नुकसान होगा।

दीपक गांधी, महामंत्री ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन

फास्टैग में कई बार ज्यादा रकम कट जाती है, इस व्यवस्था में सुधार किया जाना चाहिए साथ ही टोल टैक्स को रोड टैक्स की भांति सालाना लिया जाना चाहिए।

पंकज अनेजा, उपाध्यक्ष ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन

Posted By: Inextlive