Meerut : दबथवा वाले मामले में धीरे-धीरे परतें खुलती नजर आ रही है. इस मामले में जो अभी तक का जो सबसे बड़ा खुलासा हुआ है वो ये है कि जब जवानों ने कैप्टन द्वारा लात मारने की की शिकायत सीनीयर्स ऑफिसर्स से की थी तो उन्होंने उस वक्त कैप्टन के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया था. इसलिए जवानों ने ऑफिसर्स कैंप में धावा बोल दिया था. वहीं मारपीट के आरोपी सिपाही गुरमीत सिंह को भी इलाज पूरा होने के बाद सैनिक अस्पताल से डिस्चार्ज कर दबथुवा स्थित यूनिट में भेज दिया गया है.


अनसुनी की थी शिकायत आर्मी के विश्वस्त सूत्रों की मानें तो जवानों ने ऑफिसर्स पर धावा बोलने से पहले कैंप के हायर ऑफिशियल से कैप्टन के लात मारने की घटना की शिकायत की थी, लेकिन उस शिकायत को अनसुनी कर दिया गया था। जिसके बाद जवानों का गुस्सा भड़का और शाम ढलने ही हंगामा खड़ा करते हुए ऑफिसर्स के टैंटों की ओर हमला बोल दिया था।तो कारण स्पष्ट फिलहाल ब्रिगेडियर जगदीप सिंह की अगुवाई में चल रही कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के दौरान दोनों ही पक्षों की ओर से दो तरह के बयान सामने आ रहे हैं। पहले दौर के बयान दर्ज करने की प्रक्रिया में स्पष्ट हो चुका है कि माहौल बिगडऩे का प्रमुख कारण बॉक्सिंग रिंग से ही शुरू हुआ था और इसके बाद ही 'विद्रोहÓ भड़क उठा था।चल रही इंक्वायरी
दबथुवा में प्रशिक्षण के लिए पहुंची 10 सिख लाइट यूनिट के जवानों और अफसरों के बीच गत गुरुवार, 10 अक्टूबर को मारपीट की घटना घटी थी। मारपीट के दौरान ही कैप्टन की किक में गुरमीत सिंह घायल हो गए थे। घायल अवस्था में ही जवान को 10 अक्टूबर की रात को भर्ती कराया गया था। दो दिन पूर्व मारपीट में घायल दो सैन्य अफसरों को भी डिस्चार्ज कर दिया गया था, लेकिन चूंकि मामले की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी चल रही है, ऐसे में उन्हें मेरठ में रखते हुए ही किसी दूसरी यूनिट से अटैच कर दिया गया था।

Posted By: Inextlive