ब्रिटिश पीरियड की बैरकों की होनी है नीलामी

आरआई ने लिखा एसएसपी और डीएम को पत्र

Meerut। मेरठ पुलिस लाइन में ब्रिटिश पीरियड की तीन ऐतिहासिक इमारतों को जमींदोज करना संभव नहीं है। किसी के बोली न लगाने के बाद प्रतिसार निरीक्षक आरआई ने एक बार फिर एसएसपी और डीएम को पत्र लिखा है। उनके मुताबिक इतने महंगे रेट में कोई भी बैरकों का मलबा लेने को तैयार नहीं है। प्रशासनिक अधिकारियों ने भी पूरे मामले की रिपोर्ट शासन को भेज दी है। दरअसल, पीडब्लूडी द्वारा ज्यादा रेट लगाने की वजह से इनकी नीलामी नहीं हो पा रही है।

इनकी होनी थी नीलामी

गौरतलब है कि रखरखाव के अभाव में देशभर में बनी ब्रिटिश पीरियड की इमारतें अब खंडहर हो रही हैं। मेरठ पुलिस लाइन में ऐसी ही 3 इमारतों को ध्वस्त करने की योजना पुलिस ने बनाई है, लेकिन तीनों की नीलामी नहीं हो सकी है। प्रतिसार निरीक्षक होरी लाल सिंह ने एक बार फिर गुरुवार को पत्र लिखा है, जिसमें बताया गया है कि सामान लगातार खराब होता जा रहा है, इसकी नीलामी होना अति आवश्यक है, इसलिए इसकी नीलामी जल्द से जल्द की जानी चाहिए, इसकी एक रिपोर्ट एसएसपी और डीएम को भी भेजी गई है। डीएम और एसएसपी ने भी शासन को रिपोर्ट भेज दी है।

इन बैरकों की होनी थी नीलामी

1-खपरैल वाली बैरक

पुलिस लाइन परिसर में टाइप प्रथम ब्लाक पी/क्यू के सामने स्थित खपरैल वाली बैरक की कीमत 8.61 लाख रुपए तय किए गए थे।

2-एमटी गैराज के पीछे खपरैल वाली बैरक

इसी इमारत से 100 कदम की दूरी पर मोटर ट्रांसपोर्ट (एमटी) बैरक है। खपरैल की इस बिल्डिंग के मलबे की नीलामी राशि 4.64 लाख रुपए तय की है।

3-घुड़सवार का निशां बाकी

मेरठ पुलिस लाइन के घोड़े और घुड़सवार फेमस हैं। घुड़सवार बैरक की नीलामी राशि 1.02 लाख रुपए तय की गई है। आपको बता दें कि यह इमारत 1937 में बनाई गई थी। आज भी एक शिलालेख पर इमारत का पूरा ब्योरा दर्ज है।

घट रही है वैल्यू

प्रतिसार निरीक्षक होरी लाल सिंह ने बताया कि पुलिस लाइन में पंद्रह जनवरी को नीलामी हुई थी, अधिक रेट होने की वजह से कोई नहीं आया है। लगातार बैरकों का सामान खराब हो रहा है, ऐसे में इनकी वैल्यू और घट जाएगी। इसलिए एक बार फिर अधिकारियों को नीलामी कराने के लिए अवगत कराया गया है।

Posted By: Inextlive