12 स्टूडेंट का रोका था यूएफएम के कारण रिजल्ट

Meerut। एमबीबीएस के 12 स्टूडेंट्स का रिजल्ट रद किए जाने के मामले में छात्रों की तरफ से हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की गई है। नकल के आरोप में पकड़े जाने के बाद इन स्टूडेंट्स ने हाईकोर्ट के आदेश पर परीक्षा दी थी। सीसीएसयू प्रशासन की तरफ से मुजफ्फरनगर के कोतवाली थाने में रिपार्ट दर्ज कराई गई थी, जिसमें आरोप था कि नौ जुलाई 2019 को एमबीबीएस की सेमेस्टर ऐप सप्लीमेंट्री परीक्षा के दौरान मुजफ्फरनगर के जैन कन्या डिग्री कॉलेज में 12 छात्रों को सामूहिक नकल करते पकड़ा गया था। ये इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से नकल कर रहे थे। परीक्षा समिति की बैठक, बैठक में समिति ने स्टूडेंट को यूएफएम की श्रेणी में डालते हुए उस वर्ष की परीक्षा में बैठने से रोक लिया था। स्टूडेंट इस मामले में हाईकोर्ट से परीक्षा में शामिल होने का आदेश ले आए थे। जिसके बाद सीसीएसयू प्रशासन को इन छात्रों को परीक्षा दिलानी पड़ी थी।

रोका गया था रिजल्ट

यूनिवíसटी प्रशासन की बैठक में इन स्टूडेंट्स का रिजल्ट रोकने के आदेश दिए थे, इस मामले में जुलाई में सामने आया था कि गोपनीय कार्यालय में इन सभी का रिजल्ट जारी कर दिया था। यूनिवíसटी प्रशासन ने हाईकोर्ट के आदेश पर परीक्षा हुई, लेकिन रिजल्ट बिना किसी आदेश के जारी होने पर कर्मचारियों को फटकार लगाते हुए सभी का रिजल्ट रद्द कर दिया था। अब इस मामले में इन स्टूडेंट की तरफ से रिजल्ट को रोके जाने पर हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की गई है, अब इस रिजल्ट को देने की मांग हुई है, ऐसे में यूनिवíसटी की ओर से भी कोर्ट में इसका जवाब देने की तैयारी चल रही है, रिजल्ट क्यों रोका गया है, सीसीएसयू के रजिस्ट्रार धीरेंद्र ने बताया कि इस मामले में कोर्ट को संबंधित कागजात दिए जाएंगे, जो वकील के स्तर से काम चल रहा है, सभी डॉक्यूमेंट की जानकारियां जुटा ली गई है, सबका जवाब दिया जाएगा।

विधिक राय के बाद कार्रवाई

यूनिवर्सिटी में छात्रों का रिजल्ट रद करने से पहल यूनिवíसटी के वकील से विधिक राय ली थी। ऐसे में अगर यूनिवíसटी की अवमानना का मामला झेलना पड़ा तो इससे वकील की राय पर सवाल खडे हो जाएंगे, आखिर ऐसे गंभीर मामले में किस तरह की विधिक राय दी गई।

Posted By: Inextlive