24 करोड़ रुपये सबसे ज्यादा पीवीवीएनएल पर बकाया

45 करोड़ रुपये सरकारी विभागों से वसूलेगा निगम

65 हजार स्ट्रीट वेंडरों के रजिस्ट्रेशन के टारगेट में उलझा निगम

37 बड़े हाउसटैक्स के बकायेदारों की सूची तैयार की निगम ने

10 सरकारी कार्यालय हैं तो 27 गैर सरकारी संस्थान शामिल

129 करोड़ रुपये बकाया है गृहकर, जलकर व सीवर कर का

Meerut। पीएम स्वनिधि योजना के तहत 65 हजार स्ट्रीट वेंडरों के रजिस्ट्रेशन के टारगेट को पूरा करने में निगम उलझा है। इससे निगम खुद अपनी आय में पिछड़ता जा रहा है। हालत यह है कि मार्च का अंत है, लेकिन निगम अपने टैक्स वसूली के टारगेट को पूरा नही कर पा रहा है। ऐसे में नगर निगम ने अब अपने गृहकर के 37 बड़े बकायेदारों की सूची तैयार की है। और इन बकायेदारों से निगम टैक्स वसूली करेगा। इनमें 10 सरकारी कार्यालय हैं तो 27 गैर सरकारी संस्थान शामिल हैं। जिन पर गृहकर, जलकर व सीवरकर का करीब 129 करोड़ रुपये बकाया है।

वसूली की उम्मीद

नगर निगम की सूची में 10 सरकारी विभाग बड़े बकायेदारों में शामिल हैं। इसमें पीवीवीएनएल से लेकर यूपीएसआरटीसी, सíवस मैनेजर कार्यशाला, क्षेत्रीय प्रबंधक यूपीएसआरटीसी डिपो, पीवीवीएनएल अंतर्गत अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड शिव शक्तिनगर, अधिशासी अभियंता कार्यालय शास्त्रीनगर, सब स्टेशन परतापुर औद्योगिक क्षेत्र, अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड नगरीय पूर्वा फैयाज, उपखंड अधिकारी 132 सब स्टेशन परतापुर, अधिशासी अभियंता विद्युत नगरीय वितरण खंड एक गंगा नगर आदि शामिल हैं। इसके अलावा उप्र राज्य वस्त्र निगम लिमिटेड और पुलिस विभाग भी गृहकर, जलकर व सीवरकर के बड़े बकायेदार हैं। नगर निगम का दावा है कि इन सभी 10 सरकारी कार्यालयों पर लगभग 45 करोड़ रुपये गृहकर, जलकर और सीवरकर बकाया है।

83 करोड़ बकाया

वहीं, नगर निगम ने लगभग 27 गैर सरकारी संस्थानों की सूची तैयार की है। इन पर भी गृहकर, जलकर व सीवर कर का करीब 83.93 करोड़ रुपये बकाया है। इनमें शास्त्रीनगर और दिल्ली रोड के कुछ शिक्षण संस्थान, मॉल, बड़े प्रतिष्ठान शामिल हैं। अब इन पर भी नगर निगम सख्ती कर वसूली करने में जुट गया है। नोटिस भेज समय से टैक्स जमा करने को कहा जा रहा है।

इन विभागों पर इतना बकाया

पीवीवीएनएल - 24 करोड़

उप्र वस्त्र उद्योग - 11 करोड़

पुलिस विभाग - 3 करोड़

बीएसएनएल- 84 लाख

कृषि विभाग- 60 लाख

आवास विकास- 57 लाख

बीएसए- 53 लाख

सरकारी विभागों के विभागाध्यक्षों से बात कर टैक्स जमा कराया जाएगा। इसके लिए फिलहाल नोटिस भेजे जा रहे हैं। कोशिश है कि समय से टैक्स का टारगेट पूरा हो जाए।

बीके लाल, कर निरीक्षक

Posted By: Inextlive