सूरजकुंड में केवल कोविड संक्त्रमित शवों के दहन की योजना

शहर में 55 अन्य श्मशान घाटों पर दहन होंगे सामान्य शव

Meerut। कोरोना संक्त्रमण के कारण सूरजकुंड श्मशान घाट पर जगह कम पड़ने लगी है। हालत यह है कि शव जमीन पर रखकर जलाने पड़ रहे हैं। शवों की अत्यधिक संख्या के कारण अंतिम संस्कार के लिए भी शवों को घंटों लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। शवों की इसी दुर्दशा और परिजनों की इसी परेशानी को दूर करने के लिए नगर निगम अब कोविड संक्त्रमित शवों के अंतिम संस्कार के लिए सूरजकुंड श्मशान घाट पर अलग से व्यवस्था करने जा रहा है। इसके अलावा शहर के अन्य श्मशान घाटों पर सामान्य शवों के अंतिम संस्कार के लिए निगम ने लोगों से अपील की है, जिससे सूरजकुंड श्मशान घाट पर भार कम हो सके।

सूरजकुंड में बनेंगे 20 अतिरिक्त चबूतरे

कोविड-19 संक्त्रमण के बढ़ने से अचानक आकस्मिक मृत्यु में वृद्धि के कारण सूरजकुंड श्मशान घाट पर अधिक शवों को जलाया जा रहा है। हालात यह है कि चबूतरों पर जगह न मिलने पर शव जमीन पर रखकर जलाए जा रहे हैं। इस परेशानी को दूर करने के लिए सोमवार को नगरायुक्त मनीष बंसल ने सूरजकुंड श्मशान घाट का निरीक्षण किया। नगरायुक्त ने सहायक नगर आयुक्त ब्रजपाल सिंह व मुख्य अभियंता यशवंत सिंह को आपातकाल स्थिति के लिए श्मशान घाट की पार्किंग क्षेत्र में करीब 20 अस्थाई चबूतरे 3 दिन के अंदर बनाए जाने के निर्देश दिए। जिससे कोविड-19 संक्त्रमण से मृत्यु होने वाले शवों का अंतिम संस्कार अलग से किया जा सके और अन्य किसी कारण से मृत्यु होने वाली शवों के अंतिम संस्कार की अलग से व्यवस्था की जा सके।

बढ़ सकती है संख्या

इसके अलावा नगरायुक्त ने शहर के अन्य श्मशान घाटों का भी निरीक्षण कर वहां की व्यवस्थाओं को देखा। इस दौरान सूरजकुंड श्मशान का लोड करने के लिए अब्दुल्लापुर और कंकरखेड़ा में कोरोना संक्त्रमित शवों के दहन के लिए अतिरिक्त श्मशान बनाने पर विचार किया गया।

55 श्मशान खाली, वहां जलेंगे सामान्य शव

नगर निगम के दायरे में सूरजकुंड के अलावा 55 अन्य श्मशान घाट भी है लेकिन अधिकतर शवों को दहन के लिए सूरजकुंड ही लाया जा रहा है। ऐसे में नगर निगम द्वारा सामान्य शवों को अंतिम संस्कार के लिए अपने क्षेत्र के श्मशान में अंतिम संस्कार की अपील की जा रही है। खुद सहायक नगरायुक्त ब्रजपाल सिंह लगातार शहर के लोगों से सामान्य शवों को अन्य श्मशान में ले जाने की अपील कर रहे हैं।

ये हैं अन्य श्मशान

नगर निगम क्षेत्र में सूरजकुंड श्मशान घाट के अलावा मलियाना, कसेरूबक्सर, औरंगशाहपुर डिग्गी, कुंडा, रोशनपुर डोरली, मोहकमपुर, रिठानी, शोभापुर, बराल परतापुर, नई बस्ती लल्लापुरा, जटौली, फतेहउल्लापुर, खुरर्मपुर, दायमपुर, अच्छरौंदा, नगलताशी कासमपुर, बुढेरा जाहिदपुर, रैसना, अब्दुल्ला पुर, फाजलपुर, घोसीपुर, दांतल, मोहम्मदपुर लाला, पठानपुरा, मुरलीपुर गुलाब, रामपुर पाऊटी, ख?ौली, नूर नगर, कंचनपुर घोपला, लिसा?ी, काशी, पूठा आदि श्मशानघाट हैं। इनमें से अधिकतर श्मशान घाट हैं, लेकिन इसके बाद भी अधिकतर शवों को सूरजकुंड लाया जा रहा है। अब निगम की योजना है कि सामान्य शवों का दहन इन्हीं घाट में हो जाए ताकि दहन संस्कार के लिए आने वाले परिजनों को संक्त्रमण का खतरा ना रहे।

हमारा प्रयास है कि संक्रमण से बचाव के लिए कोरोना संक्रमित और सामान्य शवों का दहन अलग-अलग हो सके। सूरजकुंड की पार्किंग में करीब 20 चबूतरे बनाने के निर्देश दिए गए हैं। कुछ अन्य जगहों पर विकल्प तलाशे जा रहे हैं। हमारी अपील है कि सामान्य शवों का अंतिम संस्कार अपने क्षेत्र के श्मशान में ही करें ताकि संक्रमण की चेन तोड़ी जा सके।

मनीष बंसल, नगरायुक्त

Posted By: Inextlive