ढाई करोड़ की लागत से एमडीए ने कराया था पार्क का सौंदर्यीकरण

- दशहरा में रावण दहन के दौरान रौंद दी हरियाली

आई एक्सक्लूसिव

Meerut। विजयदशमी के दिन राम और रावण के बीच हुए धर्म और अधर्म के युद्ध का खामियाजा एमडीए को झेलना पड़ गया। राम के अंतिम प्रहार से राक्षसराज रावण तो नष्ट हो गया, लेकिन जाते-जाते एमडीए को ढाई करोड़ की चपत लगा गया। हुआ यूं कि प्रधिकरण ने महंगे बजट से सूरजकुंड पार्क में सौंदर्यीकरण कार्य कराया था, वो रावण दहन के दौरान मौजूद लोगों ने अस्त-व्यस्त कर दिया।

क्या है मामला

दरअसल, मेरठ विकास प्राधिकरण और नगर निगम ने मिलकर सूरजकुंड पार्क को आदर्श पार्क बनाने का सपना संजोया था। इसके लिए एमडीए ने ढाई करोड़ की लागत से पार्क का सौंदर्यीकरण कराया था, जबकि नगर निगम को पार्क की देखरेख का जिम्मा दिया गया था। यही नहीं मेरठ की शान और आकर्षण के लिए एमडीए ने यहां 40 मीटर ऊंचा तिरंगा झंड़ा भी लगाया था।

सुंदरता पर प्रहार

एमडीए द्वारा पार्क के सेंटर प्वाइंट को लाल पत्थर की बाउंड्री से सजाया गया था। जबकि सीढि़यों पर विशेष प्रकार का पत्थर लगवाया गया था। दशहरा पर रावण दहन के दौरान इकठ्ठा हुई पब्लिक ने पार्क में जमकर उत्पात मचाया। यही नहीं यहां हरियाली को नष्ट करते हुए लोग ऊपर तक चढ़ गए और यहां बनाई गई बाउंड्री को तोड़ गिराया।

यह धार्मिक मामला है। रामलीला कमेटी चाहे तो आस-पास कोई अच्छा से स्थल देखकर पुतला दहन का इंतजाम कर सकती है। अभी पार्क एमडीए से टेक ओवर नहीं किया गया है।

-कुलभूषण वाष्र्णेय, चीफ इंजीनियर नगर निगम

सूरजकुंड पार्क एमडीए ने अपने बजट से डेवलप किया है। इसमें राष्ट्रीय ध्वज लगाने का काम भी एमडीए ने ही किया है। मेले आदि के आयोजन से पार्क को भारी क्षति होती है।

-शबीह हैदर, कार्यवाहक चीफ इंजीनियर

Posted By: Inextlive