57 प्रोफेशनल और 216 ट्रेडिशन के परीक्षा केंद्र

परीक्षा से पहले सभी केंद्रों का सीसीएसयू की टीम करेगी निरीक्षण

Meerut। सीसीएसयू व उससे जुड़े कॉलेजों की मेन परीक्षाएं दो जुलाई से शुरू होने जा रही है। ऐसे में परीक्षाओं को लेकर केंद्रों की लिस्ट फाइनल कर दी गई है। इसके अनुसार मेरठ व सहारनपुर मंडल में टोटल 216 केंद्रों पर इस बार ट्रेडिशनल एग्जाम की यूजी व पीजी की फाइनल की परीक्षाएं होंगी। वहीं प्रोफेशनल को लेकर इस बार 57 केंद्र बनाए जा चुके हैं। केंद्रों के लिए खास तौर पर निर्देश दिए गए है कि वो समय-समय पर अपने यहां की व्यवस्थाओं को चेक करें। साथ ही सीसीटीवी कैमरों को चेक करते रहें ताकि एग्जाम के समय में किसी तरह ही कोई परेशानी सामने न आए। इसके साथ ही केंद्रों पर व्यवस्थाओं की जांच होगी, परीक्षा से पहले सीसीएसयू की टीम केंद्रों की जांच करेंगी।

पेपर से पहले निरीक्षण

वीसी प्रो। एनके तनेजा ने कहा है केंद्रों पर कोविड को लेकर सभी व्यवस्थाएं करना जरुरी है। इन व्यवस्थाओं की जांच परीक्षा से पहले केंद्रों पर यूनिवर्सिटी की टीमें पहुंचकर करेंगी। वीसी ने कहा है कि केंद्रों पर बैठने की व्यवस्थाएं कमरों में सीटों की तदाद के मुताबिक आधी होनी चाहिए, सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही स्टूडेंट को कमरों में बैठाया जाए। इसके साथ ही हर सेंटर पर सेनिटाइजेशन की व्यवस्था आवश्यक रुप से होनी चाहिए, बिना सेनिटाइजेशन और थर्मल स्कैनिंग के किसी को अंदर प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इसके साथ ही केंद्रों पर वॉशरुम में भी हैंडवॉश की व्यवस्थाएं अवश्य होनी चाहिए। इन सभी व्यवस्थाओं की जांच केंद्रों पर की जाएगी। जो परीक्षा से पहले सीसीएसयू की टीम करेगी, अगर किसी सेंटर पर व्यवस्थाएं ठीक नहीं मिलेंगी तो उसे हटाया जा सकता है।

रखना होगा ध्यान

वीसी प्रो। एनके तनेजा ने सभी स्टूडेंट्स को भी बोल दिया है कि बिना मास्क के केंद्रों पर एंट्री बिल्कुल नहीं दी जाएगी। एग्जाम से पहले अपनी वैक्सीन की डोज सभी को लगवानी भी बेहद जरुरी है।

आठ जुलाई से परीक्षा

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय और संबद्ध कॉलेजों में संचालित प्रोफेशनल कोर्स अंतिम सेमेस्टर, सेकेंड और थर्ड ईयर की परीक्षा आठ जुलाई से शुरू हो रही है। विश्वविद्यालय ने इसके लिए मेरठ, गाजियाबाद, सहारनपुर, बुलंदशहर, बागपत, मोदीनगर, गढ़मुक्तेश्वर, ¨सकदराबाद, ग्रेटर नोएडा, मुजफ्फरनगर, देवबंद, शामली में कुल 57 परीक्षा केंद्र का निर्धारण किया है। मंगलवार को परीक्षा केंद्रों की सूची वेबसाइट पर भी अपलोड कर दी गई है। मेरठ में 17 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं।

1431 ऑनलाइन आवेदन

चौधरी चरण सिंह विवि और संबद्ध कॉलेजों में प्रवेश परीक्षा से कुछ कोर्स में एडमिशन होते हैं। उन कोर्स में प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू है। अभी तक एमएड, एमपीएड, बीपीएड और एलएलएम में 1431 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। इसमें केवल 343 अभ्यर्थियों ने अपने फार्म सब्मिट किए हैं। आवेदन की आखिरी तिथि 10 जुलाई है।

वेबिनार में किया टीकाकरण के लिए जागरुक

एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवíसटीज की पहल पर 22 जून को सीसीएसयू में कोविड टीकाकरण के प्रभावी विस्तारीकरण पर जंतु विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्स प्रो। नीलू जैन गुप्ता ने एक ऑनलाइन वेबिनार तथा शंका समाधान कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसकी अध्यक्षता करते हुए वीसी प्रो। एनके तनेजा ने बताया कि कैसे जागरूकता की कमी के चलते लोग वैक्सीनेशन से झिझक रहे हैं। ऐसे में शिक्षित लोगों का कर्तव्य बनता है कि वे ज्यादा से ज्यादा लोगों को वर्तमान परिदृश्य में टीकाकरण की जैवीय शक्ति के बारे में समझाएं।

टीकाकरण से खतरा नहीं

प्रोवीसी प्रो। वाई विमला ने कहा कि हमें यह जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठाकर लोगों को बताना चाहिए कि कैसे टीकाकरण कोई खतरा नहीं है। बल्कि यह खुद को और अपने प्रियजनों को कोविड-19 के प्रकोप से बचाने का एकमात्र तरीका है। इस दौरान मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट वक्ता किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवíसटी लखनऊ में पल्मोनरी मेडिसिन के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सूर्यकांत त्रिपाठी रहे। उन्होंने कहा कि भारत सरकार कोविड टीकाकरण अभियान को जैसे संभाल रही हैं, वह सराहनीय है। उन्होंने कोविड-19 पर विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि हमारी देश में मृत्यु दर दुनिया में सबसे कम है। साथ ही हम इतनी घनी आबादी वाले देश में हम इसे नियंत्रित करने में सक्षम हैं। यूपी में लॉकडाउन के उचित कार्यान्वयन और समानांतर टीकाकरण के बाद मामलों में भारी कमी आई है। उन्होंने डबल मास्क पहनकर सोशल डिस्टेंसिंग का महत्व भी समझाया और बताया कि यह आज तक कोविड-19 के प्रसार को रोकने के सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है।

3 महीने का इंतजार

इसके बाद एडिनबर्ग, ब्रिटेन में ड्रग डिजाइन और बायोमेडिकल साइंसेज की अनुसंधानकर्ता डॉ। नेहा निकिता नथानिएल ने कोविडशील्ड और अन्य टीकाकरण के बारे में बताया। उन्होंने कोविशील्ड के दो टीकों के बीच की अवधि के महत्व के बारे में भी बताया। वहीं इस मौके पर प्रोफेसर सूर्यकांत जो उत्तर प्रदेश सरकार के ब्रांड अंबसडर हैं, ने टीकों के संबंध में छात्रों की सभी गलतफहमी और भ्रम को दूर किया। उन्होंने समझाया कि भारतीय टीके कोविशील्ड और कोवैक्सिन दोनों समान रूप से महत्वपूर्ण हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपको कौन सा मिलता है। महत्वपूर्ण यह है कि आप जल्द से जल्द टीकाकरण करवाएं। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को कोविड हो चुका है और वे ठीक हो चुके हैं, उन्हें टीकाकरण के लिए 3 महीने तक इंतजार करना चाहिए।

Posted By: Inextlive