तीन साल में तैयार होगा भूमिगत स्टेशन, एक साल बंद रहेगी एक लेन
भूमिगत स्टेशन बनाने के लिए दिल्ली रोड के एक लेन पर किया जाने लगा है टू-वे
बेगमपुल व फुटबाल चौराहे पर ही ज्यादा समय तक रहेगी टू-वे व्यवस्था Meerut : रैपिड रेल कारिडोर के लिए दिल्ली रोड का जो हिस्सा बंद किया जाएगा उसे करीब एक साल बाद खोला जा सकेगा। बंद हिस्से को एक साल बाद जब खोला जाएगा तब उसके दूसरे तरफ वाले हिस्से को भी एक साल के लिए बंद किया जाएगा। वैसे तो भूमिगत स्टेशन को बनाने में कम से कम तीन साल लगने वाले हैं, लेकिन सड़क को एक साल बाद ही खोलने की योजना बनाई जा रही है। लागू हुई नई व्यवस्थाबेगमपुल पर भूमिगत स्टेशन बनाने का भी कार्य शुरू हो गया है। इसके लिए अभी बेगमपुल पर एक लेन पर टू-वे व्यवस्था लागू की गई है। कुछ समय बाद इसी तरह की व्यवस्था भैंसाली डिपो के पास व फुटबाल चौराहे पर लागू होगी। भैंसाली रोडवेज के वर्कशाप की जमीन के नीचे भैंसाली रैपिड रेल स्टेशन बनाया जा रहा है इसलिए वहां पर टू-वे व्यवस्था आंशिक रूप से होगी जबकि बेगमपुल व फुटबाल चौराहे पर स्टेशन बिलकुल उस चौराहे के नीचे बनाया जाएगा। इसलिए एक तरफ की सड़क को कुछ दूरी तक पूरी तरह से बंद किया जाएगा। भूमिगत स्टेशनों को बनाने में वैसे तो करीब पांच साल लग जाते हैं, लेकिन रैपिड रेल कारिडोर में अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, इसलिए अनुमान है कि तीन साल में स्टेशन निर्माण कर लिया जाएगा।
ऐसे होगा कार्य - स्टेशन निर्माण कट एवं कवर विधि से किया जा रहा है। - स्टेशन निर्माण के लिए एक तरफ जमीन खोद ली जाएगी। - फिर जमीन के नीचे स्टेशन का बाहरी स्ट्रक्चर दीवार, पिलर, छत आदि डाल ली जाएगी। - जब छत की मजबूती का परीक्षण हो जाएगा तब उसके ऊपर सड़क बना दी जाएगी। - सड़क बनाने के बाद ट्रैफिक खोल दिया जाएगा। - फिर यही प्रक्रिया दूसरी तरफ अपनाई जाएगी। - अनुमान है कि स्ट्रक्चर बनाने व छत डालने में करीब एक साल का वक्त लगेगा