- सरूरपुर के गांव खसड़ सुल्तान नगर में कराया जा रहा था नाबालिग का जबरन निकाह

-अधिवक्ता की शिकायत पर थाना पुलिस ने बंधन मुक्त कराई लड़की, चाइल्ड लाइन भेजी

-बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश हुए बुलंदशहर निवासी परिजन, बाप सौंपी गई गुडि़या

Meerut : बुलंदशहर की गुडिया (काल्पनिक नाम) ने मां से नाराज होकर घर से बाहर कदम क्या निकाला उसकी जिंदगी जहन्नुम बन गई। दिल्ली धार्मिक स्थल पर पहुंची, यहां रैकेट के हाथ लगी और 20 हजार में बेच दी गई। खरीददार ने कांधला (मुजफ्फरनगर) के रेलवे स्टेशन पर एक अन्य से सौदा कर दिया और डेढ़ माह उसके घर पर रही। घर पर अपनापन मिला तो खरीददार की पत्‍‌नी के साथ उसके मायके सरूरपुर आ गई। यहां उससे जबरन शादी का प्रयास किया जा रहा था कि एक अधिवक्ता ने पुलिस को सूचना दे दी। किस्मत वाली थी सो चाइल्ड लाइन पहुंच गई। सोमवार देर शाम बाल कल्याण समिति ने गुडिया को उसके मां-बाप को सौंप दिया।

नाराज होकर पहुंची दिल्ली

बुलंदशहर के एक गांव की 13 साल की गुडिया दो माह पहले नाराज होकर दिल्ली चली गई। यहां एक धार्मिक स्थल पर आशू और दो अन्य लड़कियों से मुलाकात हुई। आशू ने अपनापन जताया तो भरोसे में आकर वो उसके साथ चल दी। आशू ने गुडिया को 20 हजार रुपये में हरेश को बेच दिया। डेढ़ माह हरेश के साथ रहने के बाद उसने शादी को दबाव बनाया तो गुडि़या ने मना कर दिया। बात बनती नहीं दिखी तो हरीश कांधला रेलवे स्टेशन पर जुल्फिकार नामक व्यक्ति को सौंप आया। आरोप है कि यहां भी गुडिया की खरीद-फरोख्त हुई।

जबरन निकाह की कोशिश

दस दिन तक गुडि़या जुल्फिकार के घर रही। मंसूबा उस समय साफ हुआ जब पत्‍‌नी रुखसाना जबरन निकाह के लिए गुडिया को अपने मायके खसड़ सुल्तान नगर लेकर आई। यहां अभी गुडिया का नौमान से निकाह की तैयारियां चल ही रहीं थी कि एडवोकेट राहुल पंवार ने पुलिस को सूचना दे दी। थाना सरूरपुर पुलिस गुडिया को लेकर थाने आई और वहां से रविवार रात्रि शास्त्रीनगर स्थित चाइल्ड लाइन पहुंची। चाइल्ड लाइन की निदेशिका अनिता राणा ने गुडिया का दर्द समझा और उसके परिजनों का फोन किया। बाल कल्याण समिति की सुपुर्दगी में मौजूद गुडिया को बुलंदशहर निवासी पिता अपने दस्तावेज दिखाकर घर वापस ले गया। गुडिया तो बाल-बाल बच गई, पर उनका क्या? गुडिया के गुनाहगार खुलेआम घूम रहे हैं।

दो माह में बदले चार घर

दिल्ली में आशू, हरेश, कांधला में जुल्फिकार और उसकी पत्‍‌नी रुखसाना का मायका। हरेश के प्रणय निवेदन से लेकर नौमान के साथ जबरन शादी के दबाव के बीच गुडिया ने वो सबकुछ बर्दाश्त किया जिसके लिए न तो शारीरिक तौर से और न मानसिक तौर से तैयार थी। चार घर दो माह में गुडिया ने बदल दिए। इस पूरे घटनाक्रम में गुडिया ने कई बार अपनी बात को बदला है तो वो अपना पता भी पुलिस को सही नहीं बता रही थी।

थाना सरूरपुर पुलिस गांव घसड़ सुल्ताननगर से लड़की को रेस्क्यू कर लाई थी। काउंसलिंग के बाद उसने बताया कि उसको बरगला दिया गया था। अब वो अपने परिजनों के साथ रहना चाहती है। बुलंदशहर निवासी परिजन बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश होकर घर ले गए हैं।

-अनिता राणा, निदेशक, चाइल्ड लाइन

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Posted By: Inextlive