बदलते मौसम में इंफेक्शन बढ़ने के डर को देखते हुए डॉक्टर्स ने जारी किया अलर्ट

कोरोना से रिकवर हो चुके मरीजों में पोस्ट इफेक्ट के तौर पर कई समस्याएं आ रहीं सामने

Meerut। कोरोना वायरस संक्रमण के दौर में कमजोर इम्यूनिटी मरीजों में सेप्सिस जैसी गंभीर बीमारी पैदा कर सकती है। ये खतरा खासतौर से निगेटिव हो चुके मरीजों को अधिक हो सकता है। बदलते मौसम में इंफेक्शन बढ़ने के डर को देखते हुए डॉक्टर्स ने इस संबंध में अलर्ट जारी किया है। डॉक्टर्स के मुताबिक अगर बीमारी की समय रहते पहचान नहीं हुई तो मल्टीपल बॉडी ऑर्गेन फेल्योर का खतरा भी बढ़ सकता है।

क्या है सेप्सिस

सेप्सिस, सेप्सिमिया ब्लड रिलेटेड इंफेक्शन होता है। ये बीमारी शरीर के अंदर फेफड़ों, स्किन या किसी बॉडी पा‌र्ट्स में बैक्टीरिया इंफेक्शन की वजह होती है। ब्लड में फैल जाने की वजह से ये कमजोर इम्यूनिटी वाले मरीजों में आसानी से होता है। वहीं कोविड-19 के निगेटिव या संक्रमित मरीजों में इसका खतरा बढ़ सकता है।

इन लोगों को अधिक खतरा

सीनियर फिजिशियन डॉ। अमर गुंजियाल बताते हैं कि सेप्सिस या सेप्सिमिया चूंकि फेफड़ों से संबंधित बीमारी है। ऐसे में कोविड-19 के मरीजों में इसका इंफेक्शन बहुत तेजी से हो सकता है। खासतौर से नवजातों में, प्रेग्नेंट्स में, बुजुर्गो में, एचआईवी पॉजिटिव, कैंसर, लीवर सिरोसिस और किडनी संबंधित बीमारियों से ग्रस्त मरीजों में इसके होने की संभावनाएं काफी हो सकती हैं।

यह हैं लक्षण

बुखार

सांस लेने में कठिनाई

सांस फूलना या तेज होना

धड़कन का बढ़ना

मेंटल हेल्थ का प्रभावित होना

ब्लड प्रेशर बढ़ना या घटना

शरीर पर धब्बे या चकत्ते

यूरिन इंफेक्शन

बॉडी पेन

ये बरतें सावधानी

आसपास सफाई का खास ख्याल रखें

दूषित पानी न पिएं

खान-पान में सावधानी बरतें

विटामिन-सी युक्त आहार लें

अधिक से अधिक पानी पिएं

कोरोना काल में संक्रमण से ठीक हो चुके मरीजों में पोस्ट इफेक्ट के तौर पर कई समस्याएं सामने आ रही हैं। फेफड़ों के कमजोर होने की वजह से प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और इंफेक्शन के रेट बढ़ जाते हैं। मरीजों में सेप्सिस का खतरा भी बढ़ सकता है।

डॉ। ज्ञानेंद्र कुमार, प्रिंसिपल, मेडिकल कॉलेज

Posted By: Inextlive