मौसम की मार, लोग हो रहे बीमार
बुखार और सर्दी-जुकाम के मरीजों में हो रहा तेजी से इजाफा
पेट-दर्द और डायरिया के मरीज भी बढ़े जिला अस्पताल की ओपीडी में रोजाना लग रहा मरीजों का तांता 500 से 600 के बीच रहती है सामान्य दिनों में ओपीडी में खांसी और पेट दर्द के मरीजों की संख्या 800 से 900 के पार हो गया है बीते दो से तीन दिनों में आंकड़ा 100-150 केस हर दिन पहुंच रहे हैं डायरिया के 70 से 80 मरीज सामने आ रहे हैं रोजाना सांस संबंधित बीमारी और अस्थमा के 40 से 50 फीसदी मरीजों का इजाफा हो गया है मेडिकल कॉलेज में बच्चों की सेहत पर भी पड़ रहा है मौसम के बदलाव का प्रभावMeerut। पिछले एक हफ्ते से मौसम में बदलाव लोगों की सेहत पर भारी पड़ रहा है। कभी सूरज की तपिश तो कभी बादलों की लुकाछिपी के कारण मौसमी बीमारियों ने लोगों को जकड़ना शुरू कर दिया है। उमस के बीच आंधी, तूफान और बारिश ने अस्पतालों में सर्दी-जुकाम व बुखार के मरीजों की संख्या में इजाफा कर दिया है। इसके अलावा ओपीडी में पेट-दर्द और डायरिया के मरीज भी बढ़ रहे हैं। वहीं सांस और अस्थमा के मरीज भी इन दिनों तेजी से सामने आ रहे हैं।
ऐसे करें बचाव इस मौसम में साफ पानी का ही उपयोग करना चाहिए। बाजारों में बिकने वाले खुले खाद्य पदार्थो के सेवन से बचें। साफ-सफाई का विशेष रूप से ध्यान रखें। घर के अंदर या बाहर गंदा पानी जमा न होने दें। ठंडे पेय पदार्थ या आइसक्रीम आदि के अधिक सेवन से बचें। तेज धूप छांव में आते ही ठंडा पानी न पीएं। तेज धूप से बचें। अगर जरूरी हो खुद को कवर कर के ही निकलें। बुखार होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। मौसम में तेजी से हो रहे बदलाव को झेलने के लिए शरीर तुरंत तैयार नहीं होता है। इस वजह से अचानक बीमारियां बढ़ने लगती हैं। बच्चों की इम्यूनिटी पॉवर भी काफी कम हो जाती है। सावधानी बरतने से इन बीमारियों से बचा जा सकता है। डॉ। अजीत चौधरी, सीएमएस, मेडिकल कॉलेज पिछले कई दिनों से शाम को आंधी चल रही है। ऐसे में धूल और डस्ट पार्टिकल सांस के जरिए फेफड़ों में जाते हैं, जिससे सांस व अस्थमा के रोगियों को दिक्कत होती है। डॉ। बीपी कल्याणी, वरिष्ठ सर्जन, जिला अस्पताल