Meerut : अगर आपके दिए टैक्स का पैसा विकास कार्यों में सही ढंग से खर्च हो तो विकास नजर आएगा. सडक़ें चमकती मिलेंगी. घर में साफ पानी मिलेगा. स्ट्रीट लाइट जलती मिलेगी. आप समय से इनकम टैक्स देते हैं वैट देते हैं. रोड टैक्स भी देते हैं. हाउस टैक्स देने में कोताही नहीं करते. गुरुवार को बजट सत्र शुरू होने जा रहा है. आइए चलते हैं टैक्सपेयर के घर दुकान और मोहल्ले में. जानते हैं क्या उनका टैक्स सिटी के विकास में खर्च हो रहा है...


अब टैक्स देते हैं तो दिल जलता हैआप समय से इनकम टैक्स देते हैं, वैट देते हैं। रोड टैक्स देते हैं। हाउस टैक्स देने में कोताही नहीं करते। बदले में क्या मिल रहा है? गुरुवार को बजट सत्र शुरू होने जा रहा है। आइए चलते हैं टैक्सपेयर के घर, दुकान और मोहल्ले में। जानते हैं, क्या उनका टैक्स सिटी के विकास में खर्च हो रहा है। हम अलग-अलग मोहल्लों में गए। लोगों से पूछा उनका हाल। टैक्स देने के बाद विकास आप तक कितना पहुंचा।मोंटी, श्रद्धापुरी
मैं काफी समय से कार का इस्तेमाल करता हूं। लेकिन कार चलाना अब आसान काम नहीं रह गया है। पेट्रोल डीजल के दाम साल में कई बार बढ़ाए जा चुके हैं। फिर कब रेट बढ़ा दिया जाए कोई नहीं जानता। ऐसे में कार चलाना मुश्किल हाता जा रहा है। पेट्रोल पर सबसे अधिक टैक्स लिया जाता है फिर भी बोझ डाला जा रहा है। विक्रांत धामा साकेतहम हाउस टैक्स देते हैं। लेकिन सुविधाओं के नाम पर हमें कुछ नहीं मिलता। मैं साकेत में रहता हूं। क्राइम लगातार सिटी में बढ़ रहा है। लेकिन एकस्ट्रीट लाइट तक ठीक नहीं हो पा रही। ऐसे में हमारा टैक्स कहां जा रहा है।तरुण कंसल, गढ़ रोडकेपी स्वीटस


महंगाई ने पूरी तरह से झकझोर कर रख दिया है। बजट आता है और बार-बार महंगाई भी सारी हदें पार कर जाती हैं। दुकान चलाना मुश्किल हो गया है। हर सामान के रेट बढ़ते जा रहे हैं। दुकान पर कई लोग आते हैं जो बढ़े रेट पर लड़ते हैं। सरकार टैक्स ले रही हैं तो राहत भी तो दे।पंकज कैलाशपुरीमेरे मोहल्ले कैलाशपुरी में सडक़ काफी समय से खुदी पड़ी है। पूरे सिटी का यही हाल है। किसी की कोई जवाबदेही नहीं है। हम हाउस टैक्स देते हैं। क्या हमच्च्च्छी सडक़ के भी हकदार नहीं हैं। सडक़ों को देखकर लगता ही नहीं कि टैक्स के पैसे खर्च हो भी रहे हैैं या नहीं।निशांत एमबीए स्टूडेंटमैं राधा गोविंद इंजीनियरिंग कॉलेज से एमबीए कर रहा हूं। कोर्स करने के लिए  काफी पैसे खर्च किए हैं। जॉब ढूंढ रहा हूं। किसी न किसी बहाने हम सभी टैक्स अदा करते हैं। चाहे एक साबुन ही क्यों ना खरीदें। फिर युवाओं के जॉब के लिए क्यों नहीं ध्यान दिया जाता। शिखा शर्माधर्मपुरी, बैंकर्स स्ट्रीट  

मैं एक टीचर हूं, गृहणी भी। हर तरह का टैक्स हम लोग भरते हैं। लेकिन महंगाई पर फिर भी रोक नहीं लग पा रही। घर चलाना मुश्किल होता जा रहा है। सिलेंडर भी इतना महंगा हो गया है.  ब्लैक में भी सिलेंडर लेना मजबूरी हो गया है। कोई महंगाई रोकने वाला नहीं है। प्रेम भटेजारजबनपता नहीं कैसे-कैसे टैक्स हम अदा करते हैं। लेकिन सुविधाएं कतई नहीं मिलती। मोबाइल खरीदते हैं तब भी हमारा टैक्स जाता है। रिचार्ज कराते है तब भी। सरकार भी पता नहीं किस तरह से टैक्स के पैसों का इस्तेमाल कर रही है। सडक़ों जाम होता है इसके लिए क्या हो रहा है। आप खुद ही देख लीजिए।जितेन्द्र अरोड़ागंगानगरपानी का टैक्स जमा करता हूं। हाऊस टैक्स भी लगातार देता हूं और भी कई टैक्स जमा करता हूं। गंगानगर में सबसे बड़ी समस्या गंदे पानी की है। घरों में आने वाला पानी बिल्कुल भी पीने लायक नहीं रहता। गंदे पानी की वजह से लोगों को बीमारी का भी डर रहता है। निगम को टैक्स लेने के बदले कुछ तो ध्यान देना चाहिए।

Posted By: Inextlive