दो साल से कई शहरों में छिपकर रह रहा था पचास हजार का इनामी

सुनील के अलावा अन्य अभियुक्तों के तलाश रही मेरठ पुलिस

Meerut। उत्तर प्रदेश पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) बाइक बोट घोटाले की परतों को खोलती जा रही है। गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड कंपनी में डायरेक्टर रहे सुनील कुमार प्रजापति से पूछताछ में मेरठ के भी चर्चित नाम सामने आए है, जिनके खिलाफ ईओडब्ल्यू टीम साक्ष्य जुटा रही है। हालांकि अभी नामजद आरोपितों को पकड़कर जेल भेजने का लक्ष्य भी ईओडब्ल्यू को पूरा करना है। साथ ही मेरठ में भी बाइक और कई लग्जरी कारों की बरामदगी के लिए टीम काम कर रही है।

कई राज खोले

ईओडब्ल्यू के मेरठ सेक्टर के एएसपी डॉ। राम सुरेश यादव ने बताया कि गिरफ्तार हुए 50 हजार के इनामी अभियुक्त सुनील कुमार प्रजापति ने पूछताछ में कई राज खोले हैं। सुनील पिछले दो साल से छिपकर कई शहरों में रह चुका था। नंबर बदल बदल कर अपने साथियों के संपर्क में था। पचास हजार का इनाम घोषित होने के बाद भी बचाव के लिए भागता रहा। सुनील की गिरफ्तारी के बाद अन्य नामजद आरोपितों की तलाश में टीम लग गई है। बताया जाता है कि सुनील ने मेरठ के भी कई चर्चित नाम बताए हैं, जो मर्सिडीज कार में चलते थे। मुकदमे की विवेचना विस्तारित होने लगी तो उन्होंने मर्सिडीज को छिपा दिया है। एएसपी राम सुरेश यादव का कहना है कि विवेचना अभी पार्ट-2 स्टेज पर है। तीसरी स्टेज में सबकुछ सामने आ जाएगा। काफी लोगों का इसमें शामिल होना पाया जा रहा है, जो खुद को बचाने की जुगत में लगे हुए है। अब टीम सुनील के बताए व्यक्तियों के खिलाफ साक्ष्य जुटाने के बाद ही गिरफ्तारी करेगी।

बता दें कि बाइक बोट घोटाले के अभियुक्तों ने अलग-अलग जिलों में फ्रेंचाइजी बनाकर लोगों से स्कीम में एक बाइक के लगभग 62200 रुपये लगवाए और 12 महीने तक प्रतिमाह 9765 रुपये देने का प्रलोभन दिया। इस वायदे के अनुसार कुछ व्यक्तियों को भुगतान भी किया गया। इससे प्रेरित होकर बड़ी संख्या में लोगों ने कंपनी में पैसे लगाए। इस धोखाधड़ी में सुनील की भी भूमिका रही। फरवरी 2018 में सुनील ने कंपनी से इस्तीफा दे दिया था। इस धोखाधड़ी में कंपनी के डायरेक्टर संजय भाटी समेत 19 अन्य व्यक्ति भी शामिल थे। संजय भाटी समेत कई डायरेक्टर पहले से जेल में हैं। इनकी संपत्तियां भी जब्त की गई हैं।

फरार आरोपियों की तलाश में ईओडब्ल्यू की दबिश

बाइक बोट घोटाले के मामले में ईओडब्ल्यू मेरठ की कार्रवाई लगातार जारी है। ईओडब्ल्यू ने फरार नौ आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए मंगलवार को भी ताबड़तोड़ दबिशें दी लेकिन आरोपियों का कोई सुराग नहीं लग सका। ईओडब्लू का कहना है जल्द ही सभी आरोपियों की गिरफ्तारी करके उनकी संपत्ति को भी जब्त कर किया जाएगा।

पांच टीमें तलाश में जुटी

बाइक बोट के 3500 करोड़ के घोटाले में ईओडब्ल्यू और ईडी लगातार कार्रवाई कर रही है। ईओडब्ल्यू ने इस मामले में सोमवार को पचास हजार रूपये के ईनामी बाइक बोट कंपनी के डायरेक्टर सुनील कुमार प्रजापति को गिरफ्तार किया था। हालांकि नौ आरोपी अभी भी फरार चल रहे हैं। इन सब की गिरफ्तारी के लिए ईओडब्ल्यू ने पांच इंस्पेक्टर्स के नेतृत्व में पांच टीम का गठन किया हुआ है। आरोपी सुनील कुमार की निशानदेही पर मंगलवार को ईओडब्ल्यू की टीम ने नोएडा, गाजियाबाद, बुलंदशहर में कई ठिकानों पर छापेमारी की लेकिन आरोपियों का सुराग नहीं लग सका।

ईओडब्ल्यू मेरठ को मिली जांच

ईओडब्ल्यू मेरठ सेक्टर के एएसपी डॉ। राम सुरेश यादव ने बताया कि बाइक बोट कंपनी द्वारा किए गए घोटाले के सबसे पहले मुकदमे नोएडा में दर्ज हुए थे। इन मुकदमों की पूर्व में जांच नोएडा पुलिस द्वारा की गई। जिसके बाद शासन ने 14 फरवरी 2020 को नोएडा में दर्ज 56 मुकदमों की विवेचना ईओडब्ल्यू मेरठ सेक्टर को सौंप दी थी। जिसके बाद से ईओडब्ल्यू मेरठ की टीम नोएडा में दर्ज 56 मुकदमों की जांच कर रही है।

Posted By: Inextlive