- 11वीं और 12वीं का स्टडी मैटीरियल होगा ऑनलाइन

- ऑनलाइन सब्जेक्ट गाइड पर काम कर रही है सीबीएसई

- 2014-15 में ही स्टूडेंट्स को मिलेगा प्रोजेक्ट का फायदा

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MEERUT सीबीएसई ने सीनियर सेकेंड्री क्लासेज में ऑनलाइन गाइड तैयार करने का फैसला लिया है। स्टूडेंट्स को ऑनलाइन पढ़ाने का सीबीएसई का मेन उद्देश्य किताबी झंझटों से छुटकारा दिलाना है। साथ ही सेल्फ स्टडी के जरिए सेल्फ डिपेंड भी बनाना है, ताकि को कॉम्पटीटिव एग्जाम की तैयारी करने का खास मौका भी मिल सके।

क्या है सीबीएसई का प्लान

सीबीएसई सेशन ख्0क्ब्-क्भ् में सीनियर क्लासेज स्टूडेंट्स के लिए अब बोर्ड की वेबसाइट पर ऑनलाइन स्टडी मैटीरियल उपलब्ध कराने की तैयारी में है। सीबीएसई के चेयरमैन विनित जोशी का कहना है कि इन्फॉर्मेशन एंड कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी आईसीटी प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाया जा रहा है। चेयरमैन के मुताबिक बोर्ड ने पिछले कुछ सालों में क्लास रूम टीचिंग को आईसीटी से जोड़ा है।

हर सब्जेक्ट की जानकारी

सीबीएसई ने तय किया है कि वह टीचिंग को आईसीटी से जोड़ेगा, जिस तरह से यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स को ऑनलाइन स्टडी मैटीरियल का फायदा मिलता है, उसी तरह से स्कूल लेवल पर हर सब्जेक्ट में हर यूनिट का स्टडी मैटिरीयल तैयार किया जाएगा, जिसे क्लास क्क् व क्ख् के स्टूडेंट्स आराम से सीबीएसई की बेवसाइट पर आराम से पढ़ सकेंगे और हर विषय की पूरी जानकारी ले सकेंगे।

अनुभवी टीचर्स देंगे जानकारी

बोर्ड के मुताबिक अनुभवी टीचर्स की टीम स्टडी मैटीरियल को तैयार करेगी। स्टूडेंट्स को सेल्फ स्टडी का मौका भी मिलेगा, जिस तरह से कॉम्पटीटिव एग्जाम में स्टूडेंटस को काफी तैयारी करनी पड़ती है, उसी तरह से स्टूडेंट्स को ऑनलाइन स्टडी मैटीरियल के जरिए काफी कुछ सीखने को मिलेगा। ऑनलाइन लैब का कॉन्सेप्ट भी बोर्ड पहले लागू कर चुका है। ठीक उसी तरह से अनुभवी टीचर्स की टीम इस ऑनलाइन सिलेबस को तैयार करने में जुट गई है।

पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन

स्टडी मैटीरियल मुख्य तौर पर एनसीआरटी और सीबीएसई टेक्स्ट बुक्स पर ही बेस्ड होगा, लेकिन टेक्स्ट बुक्स की कॉपी नही होगी। पॉवर प्वाइंट प्रजेंटेशन के जरिए स्टूडेंट्स को हर यूनिट को समझाने की कोशिश की जाएगी। इसमे ग्राफिक्स, डिजाइन और मल्टीपल च्वाइस क्वेश्चन होंगे। एवरेज स्टूडेंटस के लिए भी क्वेश्चन होंगे और टफ क्वेश्चन भी होंगे। सीबीएसई की यह कोशिश है कि स्कूल लेवल पर ही स्टूडेंट्स को कॉम्पटीटिव एग्जाम के लिए तैयार करने का मौका मिल सके। सीबीएसई के मुताबिक अब एजुकेशन केवल क्लास रूम तक सीमित नहीं है। बल्कि क्लास रूम के अलावा स्टूडेंट्स को आईसीटी के जरिए काफी कुछ सीखने को मिल सकता है

साइंस लैब ने किया प्रेरित

स्टूडेंट्स घर बैठे साइंस के प्रोजेक्ट कर सकते हैं। साइंस लैबोरेट्री में जिस तरह से एक्सपेरिमेंट होते हैं, ठीक उसी तरह से ऑनलाइन एक्सपेरिमेंट किया जा सकेंगे। सीबीएसई ने साइंस लैब की सफलता को देखते हुए ही यह फैसला लिया है। नए सेशन के लिए ऑनलाइन कोर्सेज भी शुरू करने का फैसला लिया है।

बेहतर साबित होगा सिलेबस

एनसीईआरटी और सीबीएसई बुक्स टेक्स्ट के साथ ही आईसीटी की भी जानकारी मिलेगी। यह काफी अच्छी बात है।

-चंद्रलेखा जैन, प्रिंसीपल, सेंट थॉमस स्कूल

इससे स्टूडेंट्स को काफी फायदा होगा, सेल्फ स्टडी लेवल बढ़ेगा जो स्टूडेंट्स में सेल्फ कांफिडेंस लाएगा।

-एनपी सिंह, प्रिंसीपल, दीवान इंटरनेशनल स्कूल

सीबीएसई के इस प्रयास से निश्चित ही स्टूडेंट्स को लाभ होने वाला है, ऑनलाइन कोर्स तो क्लास हाईस्कूल से ही हो जाना चाहिए, ताकि स्टूडेंट्स का सेल्फ कांफिडेंस बढ़ सके।

-डॉ। पूनम देवदत्त, सीबीएसई काउंसलर

Posted By: Inextlive