एलईडी से कैंट बोर्ड करेगा कार्बन सेविंग
- एलईडी के जरिए कार्बन क्रेडिट प्रोजेक्ट की शुरुआत
- सालभर में 816 टन कार्बन डाई ऑक्साइड बचाने का लक्ष्य - ढाई करोड़ की लागत से एलईडी से रोशन हुआ कैंट एरिया मेरठ। मेरठ कैंट बोर्ड कार्बन क्रेडिट प्रोजेक्ट की शुरुआत कर देश का पहला कार्बन डाई ऑक्साइड संरक्षित करने वाला कैंट बोर्ड बनने जा रहा है। इसके लिए कैंट बोर्ड ने कैंट एरिया की सभी सोडियम लाइट बदल कर अपने अभियान की शुरुआत कर दी है। करीब ढाई करोड़ की लागत से कैंट एरिया की सोडियम लाइट समेत सभी कार्यालयों, स्कूलों और हॉस्पिटल्स में एलईडी लगाई गई हैं। इस प्रोजेक्ट से एक साल में कैंट बोर्ड एरिया में 816 टन तक कार्बन डाई ऑक्साइड संरक्षित करने होने की संभावना है। 2200 एलईडी से रोशन होगा कैंट बोर्डकैंट बोर्ड ने गत वर्ष नवंबर माह में कैंट एरिया की सोडियम बेयर लैंप को एलईडी से बदलने की शुरुआत की थी। इस योजना को तीन माह में पूरा कर लिया गया। जिसके तहत कैंट एरिया में 2200 एलईडी लाइट्स लगाई गई।
पांच साल की वारंटीई टेंडिरिंग के माध्यम से कैंट एरिया में निजी कंपनी द्वारा लगाई गई इन एलईडी की पांच साल तक मेंटीनेंस और सर्विसिंग कंपनी द्वारा ही की जाएगी। साथ ही कैंट बोर्ड के ऑनलाइन शिकायत पोर्टल पर कंपनी को ही एलईडी के संबंध में शिकायतों को निस्तारण करना होगा।
2.46 करोड़ का प्रोजेक्ट कैंट बोर्ड को एलईडी से रोशन करने के लिए कैंट बोर्ड ने 2.46 करोड़ का बजट खर्च किया। इससे कैंट बोर्ड को सालाना करीब 1.74 करोड़ रुपए सालाना बिजली के बिल की बचत होगी। एलईडी से रोशन हुआ कैंट बोर्ड कैंट बोर्ड ने कैंट कार्यालय समेत कैंट एरिया के तीन स्कूल, हॉस्पिटल और सभी चौराहों को एलईडी लाइट से रोशन कर दिया है। अकेले इस एलईडी प्रोजेक्ट से कैंट एरिया में 816 टन कार्बन डाई ऑक्साइड कम होने की संभावना है। फैक्ट- - तीन माह में पूरा हुआ 2.46 करोड़ का एलईडी प्रोजेक्ट - प्रोजेक्ट से यूडीडीटू में 66 और यूडीडीफोर में 210 किलोवॉट पॉवर लोड में आई कमी - यूडीडीटू में 4 लाख और यूडीडीफोर 10.55 लाख प्रतिमाह बिजली के बिल में कमी - 1.74 करोड़ सालाना बिजली के बिल की बचत - कैंट एरिया में 548 टन और कैंट कार्यालय में करीब 268 टन कार्बन डाई ऑक्साइड की होगी बचतकार्बन सेविंग प्रोजेक्ट के माध्यम से कैंट एरिया को प्रदूषण मुक्त क्षेत्र बनाने का प्रयास है। इससे हमारे बिजली के बिल में भी कमी आएगी और पॉल्यूशन स्तर भी सुधरेगा।
- राजीव श्रीवास्तव, सीईओ कैंट बोर्ड