वायु की गुणवत्ता सुधार के लिए 15वें वित्त आयोग से नगर निगम को 81 करोड़ का बजट मिला था। सालभर में नगर निगम ने 27 करोड़ खर्च किए मगर शहर की आबोहवा नहीं सुधरी।

मेरठ (ब्यूरो)। शहर का पॉल्यूशन लेवल सुधारने के लिए नगर निगम ने 15वें वित्त आयोग से 81 करोड़ का बजट तैयार किया था। जिससे एयर क्वालिटी को सुधारने के लिए ग्रीन बेल्ट विकसित करना, तीन चौराहों पर फव्वारे लगाने, सड़कों पर वाटर स्प्रिंकल और एंटी स्मोग गन का इस्तेमाल किया जाना था। निगम ने मशीनें तो खरीद ली लेकिन उनके इस्तेमाल और चौराहों को फव्वारों से लैस करने में केवल खानापूर्ति की गई। हालांकि निगम ने इस कवायद में सालभर में 27 करोड़ रुपये खर्च भी कर दिए। मगर इसके बावजूद शुद्ध हवा तो दूर सड़कों से धूल के गुबार के चलते पॉल्यूशन लेवल 100 के नीचे नहीं आ सका है।

35 प्रतिशत हुआ काम
गौरतलब है कि शहर की आबोहवा सुधारने यानि वायु गुणवत्ता को बेहतर करने के लिए हर साल वित्त आयोग से नगर निगम कुछ बजट खर्च करता है। इसके तहत पिछले एक साल में करीब 27 करोड़ रुपया वायु गुणवत्ता सुधारने पर खर्च किया जा चुका है। जबकि इसके लिए 81 करोड़ का पूरा बजट तैयार किया गया था। यानि अभी तक कुल बजट का 35 प्रतिशत पैसा खर्च किया जा चुका है। जबकि 53.40 करोड़ रुपए निगम के पास बचा हुआ है। लेकिन इसके बाद भी शहर की सड़कों पर धूल के गुबार हैं। हरियाली गुम होती जा रही है और प्रमुख चौराहों पर पॉल्यूशन लेवल लगातार बढ़ता जा रहा है।

फैक्ट्स एक नजर में
वायु गुणवत्ता के लिए 15वें वित्त आयोग के तहत नगर निगम को मिला 81 करोड़ का बजट
बजट को 3 किस्तों में किया गया जारी
पहली किस्त के तहत नवंबर 2020 में मिले थे 36 करोड़
दूसरी किस्त के तहत मई 2021 में फिर मिले 36 करोड़
तीसरी किस्त के तहत मार्च 2022 में 9 करोड़ रुपए हुए जारी
वायु गुणवत्ता सुधार के लिए निगम के पास करीब 53.40 करोड़ बकाया
पहली किस्त के तहत सालभर में अभी तक सिर्फ 27.59 करोड़ रुपये का हुआ काम

ये काम थे प्रस्तावित
19.15 करोड़ से क्षतिग्रस्त सड़कों का निर्माण
6 करोड़ से वायु गुणवत्ता सुधार की मानीटङ्क्षरग को कंट्रोल रूम निर्माण
4 करोड़ से तीन सड़कों के किनारे ग्रीन बेल्ट विकसित करना
3 करोड़ से सीएंडडी वेस्ट प्लांट की स्थापना
2.45 करोड़ से पार्कों के सौंदर्यीकरण
2 करोड़ से दो मुख्य चौराहों पर ग्रीन बेल्ट को विकसित करना

इन मशीनरी पर खर्च हुआ बजट
वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए 4 वाटर स्प्रिंकलर और एंटी स्मॉग गन खरीदी

दो रोड स्वीपिंग मशीन खरीदी

हापुड़ अड्डे से लेकर गांधी आश्रम, गांधी आश्रम में तेजगढ़ी, तेजगढ़ी से मेडिकल पर सड़कों के बीच डिवाइडर पर पौधरोपण किया

जेल चुंगी से विवि रोड के किनारे, एल ब्लॉक चौराहे से पीवीएस मॉल तक विकसित की ग्रीन बेल्ट

एक्यूआई को ऐसे समझें
0 से 50 - गुड - ग्रीन
51 से 100 - मॉडरेट - येलो
101 से 150 - अनहेल्दी फॉर सेंसटिव ग्रुप्स - ऑरेंज
151 से 200 - अनहेल्दी - रेड
201 से 300 - वैरी अनहेल्दी - पर्पल
300 से 500 - अत्याधिक खतरनाक - मरून

(मंगलवार को सेंटर पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अनुसार मेरठ का एक्यूआई - 124 (मॉडरेट) मिला, जिससे एस्थमा और दिल के मरीजों को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।)

वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए तेजी का काम किया जा रहा है। ग्रीन बेल्ट से लेकर चौराहों के सौंदर्यीकरण पर काम हुआ है। लगातार शहर में वाटर स्प्रिंकल और वाटर टैंकर से धूल मिट्टी को कम करने का प्रयास किया जा रहा है। बाकि काम भी निर्माण विभाग द्वारा पूरे किए जा रहे हैं।
इंद्र विजय, सहायक नगरायुक्त, नगर निगम

Posted By: Inextlive