ढाई हजार टूर आपरेटरों ने टूरिस्ट कैब का परमिट सरेंडर किया

-कोरोना की वजह से धंधा डाउन होने से मंदी की मार झेल रहे कैब संचालक

कोरोना ने बहुत कुछ बदल दिया। नौकरी खा गया तो व्यापार भी बंद पड़ गया है। कोई भी ऐसा सेक्टर नहीं है जहां कोरोना का प्रभाव न पड़ा हो। इस वायरस ने कैब संचालकों को भी तोड़ दिया है। नतीजतन शहर में टूर आपरेटर व टूरिस्ट कैब संचालन से जुड़े व्यापारियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। जिसके चलते दो हजार से ज्यादा टूर ऑपरेटरों ने कैब का परमिट सरेंडर कर दिया।

ढाई हजार ने किया सरेंडर

गौरतलब हो कि शहर में कोरोना महामारी के दौरान बीते चार महीने से टूरिस्ट कैब व टूर आपरेटरों का व्यापार पूरी तरह से ठप है। इसकी वजह से शहर के लगभग ढाई हजार टूरिस्ट कैब संचालकों ने अपना परमिट आरटीओ में सरेंडर कर दिया।

टैक्स भरना पड़ रहा भारी

पिछले चार महीने से कैब सर्विस भी लगभग बंद ही है। मगर इस दौरान कैब संचालकों को टैक्स भरना पड़ रहा है। इस बारे में टूर ऑपरेटरों का कहना है कि टैक्स माफ नहीं करने से परमिट को जमा मजबूरी बन गयी थी। शहर में कोरोना महामारी के बाद टूर आपरेटरों ने आरटीओ से अप्रैल से लेकर सितंबर तक रोड टैक्स माफ करने की मांग की थी। लेकिन आरटीओ की ओर से केवल अप्रैल व मई महीने का ही रोड टैक्स माफ किया गया। जबकि जून से लेकर सितंबर तक पैसेंजर टैक्स माफ नहीं किया गया। नतीजतन इसके बाद शहर के ढ़ाई हजार टूर आपरेटरों ने अपने टूरिस्ट कैब का परमिट सरेंडर कर दिया।

10 हजार से ज्यादा टूरिस्ट कैब

-आरटीओ अधिकारी हरिशंकर सिंह ने बताया कि शहर में मौजूदा समय में 10 हजार टूरिस्ट कैब वाहनों का संचालन होता है। जिनका परमिट विभाग की ओर से जारी किया गया है। बताया कि मौजूदा समय में ढाई हजार टूरिस्ट कैब का परमिट सरेंडर किया गया है।

3 सौ करोड़ रुपए का व्यापार

शहर में टूरिस्ट कैब का सलाना बिजनेस लगभग तीन सौ करोड़ रुपए का होता है। इस संबंध में टूर ऑपरेटर संदीप माथुर ने बताया कि बीते चार महीने से टूरिस्ट कैब खड़ी है। ऐसे में धंधा पूरा तरह से मंदा चल रहा है । बताया कि शहर में हर साल तकरीबन तीन से पांच सौ करोड़ का बिजनेस होता है।

हर माह 70 लाख का नुकसान

वहीं इतनी अधिक संख्या में परमिट सरेंडर से आरटीओ को भी काफी नुकसान होगा। आरटीओ हरिशंकर सिंह ने बताया कि ढाई हजार परमिट सरेंडर होने से विभाग को हर महीने लगभग 70 लाख रुपए का नुकसान उठाना पड़ेगा।

हजारों लोग जुड़े हैं टूरिज्म से

शहर में टूर ऑपरेटर व टूरिज्म के बिजनेस से हजारों लोग प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रुप से जुड़े हुए हैं। जब से कोरोना महामारी के बाद शहर में लॉकडाउन लागू हुआ तभी से टूर आपरेटर व टूरिस्ट कैब का व्यापार पूरी तरह से ठप हो गया।

अब तक जिले के कुल 2500 बड़ी छोटी बसों, टैक्सी, कार सहित अन्य टूरिस्ट वाहनों के परमिट कार्यालय में सरेंडर किए गए हैं। मौजूदा समय में दो तीन सप्ताह से रोजाना परमिट सरेंडर किए जा रहे हैं।

हरिशंकर सिंह, आरटीओ

Posted By: Inextlive