एमएमवी-बीएचयू की छात्राओं को डांडिया सिखाने के लिए चल रही कार्यशाला स्टूडेंट्स के व्यक्तित्व विकास के लिए की गई पहल


वाराणसी (ब्यूरो)मां दुर्गा की आराधना का पर्व नवरात्रि शुरू हो चुका है। नवरात्र में दुर्गा पूजा के साथ गरबा का भी विशेष महत्व माना जाता है। महिलाएं मां भवानी को खुश करने के लिए जहां गरबा नृत्य करती हैं, वहीं तीन तालियां बजाकर ब्रह्मा, विष्णु और महेश को भी रिझाती हैं। साथ ही डांडिया और मंजीरे की धुन से एक खुशनुमा माहौल बनाती हंै। भले ही गरबा गुजरात का पारंपरिक नृत्य रहा है, लेकिन अब इसका चलन बनारस में भी बढऩे लगा है। यहां के यंगस्टर्स खासकर कॉलेज गोइंग स्टूडेंट्स में डांडिया और गरबा नृत्य का क्रेज बढ़ गया है। इसको लेकर सिटी के अलग-अलग स्थानों पर भव्य आयोजन की तैयारी चल रही है। देश के टॉप यूनिवर्सिटी में शुमार बीएचयू के महिला महाविद्यालय (एमएमवी) में भी इस बार खास तैयारी की गई है.

बढ़ रहा डांडिया का क्रेज

डांडिया का सामाजिक स्तर पर चलन काफी बढ़ रहा है। सभी समाज अपने-अपने स्तर पर डांडिया का आयोजन करा रहे हैं। इसी क्रम में एमएमवी कॉलेज में 21 अक्टूबर को गरबा और डांडिया का आयोजन किया गया है। समारोह को भव्य बनाने के लिए यहां छात्राओं के लिए बकायदा कार्यशाला आयोजित की गई है। पांच दिवसीय इस कार्यशाला का नाम 'नृत्यशालाÓ रखा गया है। इसका उद्देश्य व्यक्तित्व का विकास करना है। ऐसा माना जाता है कि नृत्य भावनाओं को व्यक्त करने का एक सुंदर तरीका है, जो शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से अद्भुत और ऊर्जावान बनाता है। प्रत्येक नृत्य रूप एक नई संस्कृति का परिचायक है और स्वयं को अभिव्यक्त करने में मदद करता है। यह सबसे बेहतरीन मनोरंजक गतिविधियों में से एक है, जो सहनशक्ति के निर्माण में भी सहायक है.

फैशन और ग्लैमर से प्रभावित हुआ गरबा

एमएमवी की प्राचार्य प्रो। रीता सिंह की मानें तो आज का गरबा फैशन और ग्लैमर से प्रभावित हो गया है। इसलिए अब इस पारंपरिक नृत्य के प्रति यंगस्टर्स का रूझान काफी बढ़ गया है। छात्राएं इसके शुरू होने का काफी बेसब्री से इंतजार करती हैं। अपनी परंपराओं को जीवित रखने के लिए कॉलेज कैंपस में डांडिया और गरबा नृत्य को बेहद खास तरीके से सेलिब्रेट करने की तैयारी की गई है। जिसमें छात्राएं अभी से जुट गई है। ये मां दुर्गा की पूजा करने के साथ ही गरबा खेलती नजर आएंगी। गरबा के दौरान गुजराती गानों के साथ बॉलीवुड गानों को लेकर भी काफी क्रेज देखा जाता है, जो ये गरबा नाइट में चार चांद लगा देते हैं। कॉलेज के गरबा नाइट में रंग-बिरंगी फसाड और लेजर लाइट की व्यवस्था की गई है। इस समारोह में कॉलेज की हजारों छात्राओं के साथ बीएचयू के अलग-अलग डिपार्टमेंट के शिक्षक-शिक्षिकाएं भी शामिल होंगी।

फ्रेशर्स छात्राओं को किया गया शामिल

एमएमवी में गृह विज्ञान विभाग की प्रो। ललिता वत्ता ने बताया कि गरबा के लिए आयोजित कार्यशाला का उद्देश्य फ्रेशर्स छात्राओं को इसमें शामिल करना है, ताकि वे अपने खाली समय का सदुपयोग करने के साथ अपनी परंपराओं का निर्वहन कर सकें। यह वर्कशॉप 20 नवंबर तक चलेगा। पहले दिन 200 छात्राओं ने प्रतिभाग किया था। अब इसमें छात्राओं की भागीदारी काफी बढ़ गई है। महाविद्यालय छात्राओं में सर्वागीण विकास के लिए दृढ़ संकल्प के साथ कार्य करता है, कॉलेज की पूरी टीम यही प्रयास करती है कि शिक्षा के साथ वास्तविक जीवन के लिए भी छात्राओं को तैयार किया जाए।

तनाव प्रबंधन में नृत्य की भूमिका और नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा में डांडिया की भूमिका का उल्लेख किया गया है। इस वर्कशॉप में छात्राओं का उत्साह देखने को मिल रहा है। 21 अक्टूबर को कॉलेज कैंपस में होने वाले इस समारोह में न सिर्फ एमएमवी, बल्कि बीएचयू की छात्राएं और टीचर्स की फैमिली भी शामिल होगी.

प्रो। रीता सिंह, प्राचार्य, एमएमवी-बीएचयू

कॉलेज की पूरी टीम यही प्रयास करती है कि शिक्षा के साथ वास्तविक जीवन के लिए भी छात्राओं को तैयार किया जाए। इस पहल के अंतर्गत अब तक लगभग 40 से भी अधिक कार्यक्रम एवं कार्यशालाएं आयोजित करवाई जा चुकी हैं। इसी क्रम में नवरात्रि के मौके पर यहां डांडिया, गरबा नृत्य का आयोजन किया गया है.

प्रो। ललिता वत्ता, गृह विज्ञान विभाग, एमएमवी

Posted By: Inextlive