अप्रैल 2023 से अब तक संक्रमित सुई से 54 पाजिटिव मरीजों की काउंसङ्क्षलग के बाद मामला आया सामने


वाराणसी (ब्यूरो)टैटू बनवाने वाले को सावधान रहने की जरूरत है। ऐसा न करने पर जान आफत में पड़ सकती है। भेलूपुर क्षेत्र निवासी पति-पत्नी दोनों को एड्स के लक्षण दिखने पर मंडलीय चिकित्सालय के संपूर्ण सुरक्षा केंद्र (एसएसके) में जांच कराई गई। काउंसङ्क्षलग में पता चला कि शरीर में टैटू बनवाने से एड्स की चपेट दंपती आ गए हैं। बड़ागांव निवासी युवक ने गांव में लगे मेले में हाथ में शौक से टैटू बनवाया था। कुछ माह बाद उसकी तबीयत बिगडऩे लगी। उपचार के बाद भी आराम नहीं मिला तो चिकित्सकों ने उसकी एचआइवी जांच कराई। जांच बाद उसे बताया गया कि वह एचआइवी पाजिटिव है तो उसको इसका यकीन नहीं हुआ कि रिपोर्ट सही है.

न शादी, न शारीरिक संबंध

वह चिकित्सक से कहने लगा कि अभी शादी नहीं हुई है, न ही किसी से शारीरिक संबंध है। न कभी किसी कारण उसे खून चढ़ाया गया। ऐसे में वह एचआइवी पाजिटिव कैसे हो सकता है। चिकित्सकों ने समझाया कि यह सब टैटू बनवाने से हुआ है। नगवां की रहने वाली युवती के साथ भी कुछ ऐसा ही वाकया हुआ है। फेरी वाले से उसने टैटू बनवाया था। कुछ दिनों बाद उसकी हालत बिगडऩे लगी। जांच में एचआइवी पाजिटिव होने का पता चला। ये तो बानगी भर है.

अब तक 54 केस

मंडलीय चिकित्सालय स्थित एसएसके केंद्र के प्रभारी डा। मुकंद लाल श्रीवास्तव ने बताया कि टैटू बनवाने व संक्रमित सूई के कारण अप्रैल 2023 से अब तक कुल 54 केस एचआइवी पाजिटिव होने के सामने आ चुके हैं। कहा कि इन सभी लोगों के एचआइवी संक्रमित होने के अब तक प्रमुख माने जाने वाले कारणों से वास्ता न था। न तो उन्होंने असुरक्षित यौन संबंध बनाए और न ही उन्हें संक्रमित रक्त चढ़ाया गया था। जब काउंसङ्क्षलग हुई तो पता चला कि टैटू बनवाने के बाद एचआइवी पीडि़त हुए हैं.

कमाई के चक्कर में पीडि़त

वह बताते हैं कि टैटू जिस सुई से बनाई जाती है वह महंगी होती है। नियमत: एक टैटू बनाने के बाद सुई नष्ट कर देनी होती है, पर अधिक कमाई के चक्कर में टैटू बनाने वाले एक ही सुई से कई लोगों का टैटू बनाते हैं। ऐसे में यदि किसी भी एचआईवी संक्रमित का उस सुई से टैटू बना होगा तो अन्य लोगों में एचआइवी के खतरे की पूरी आशंका रहती है। जिन लोगों ने हाल ही में टैटू बनवाया हो तो वे एचआइवी जांच जरूर करा लें.

एड्स के कारण

ाईवी संक्रमित व्यति के साथ यौन संपर्क से

ाईवी संक्रमित सीरिंज व सुई का दूसरों के द्वारा प्रयोग करने से

ाईवी संक्रमित मां से शिशु को जन्म से पूर्व, प्रसव के समय या प्रसव के शीघ्र बाद.

ाईवी संक्रमित अंग प्रत्यारोपण से

ा जांच किया हुआ रक्त ग्रहण करने वाला व्यक्ति.

एड्स से बचाव

वनसाथी के अलावा किसी अन्य से यौन संबंध नहीं रखें.

ंपर्क के समय निरोध (कंडोम) का प्रयोग करें.

ादक औषधियों के आदी व्यक्ति के द्वारा उपयोग में ली गई सीरिंज व सुई का प्रयोग न करें.

्स पीडि़त महिलाएं गर्भधारण न करें, क्योंकि शिशु को यह रोग लग सकता है.

रक्त की आवश्यकता होने पर अनजान व्यक्ति का रक्त न लें.

Posted By: Inextlive