- न्यूनतम अंक की बाध्यता की गई खत्म

- देशभर के संबद्ध संस्कृत महाविद्यालयों में प्रभावी

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय व संबद्ध कॉलेजों में छात्रों की दिनोंदिन घटती जा रही संख्या को देखते हुए कार्यपरिषद ने पहले जहां शास्त्री में दाखिले के लिए जरूरी न्यूनतम अंक की बाध्यता समाप्त की, वहीं अब आचार्य में भी इसे खत्म कर दिया है। कार्य परिषद ने शास्त्री व आचार्य दोनों में मुख्य विषयों से उत्तीर्ण छात्रों को को प्रवेश देने का निर्णय लिया है। यह निर्णय देशभर के संबद्ध संस्कृत महाविद्यालयों में भी प्रभावी होगा। परीक्षा नियंत्रक प्रो। राजनाथ ने बताया कि वैश्विक विषयगत विस्तार और संस्कृत के प्रसार के लिए निर्णय लिया गया है। इसके पीछे घटती छात्र संख्या मुख्य कारण है।

Posted By: Inextlive