- कोर्ट के आदेश पर मजिस्ट्रेट के साथ कब्रिस्तान पहुंची बड़ागांव पुलिस

- दोनों पक्षों की मौजूदगी में दफनाया गया था विवाहिता का शव

-कुछ दिन बाद पिता ने बेटी को जहर देकर मारने का लगाया था आरोप

वाराणसी के बड़गांव थाना क्षेत्र में सोमवार को एक विवाहिता के शव को पांच माह बाद कब्र से निकाला गया। विवाहिता के शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए पुलिस ने शव को कब्र से निकाला है। इस दौरान पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ विवाहिता के मायके पक्ष और ग्रामीण भी मौके पर मौजूद रहे। इस पूरे घटनाक्रमको बाकायदा रिकार्ड किया गया।

रेशमा के पिता असगर अली का आरोप है कि उनका दामाद, उसकी मां नजमा, बड़ा भाई राजू, भाभी हिना और बहन तन्नू दहेज की मांग पूरी न होने के कारण उनकी बेटी को प्रताडि़त करते थे। इस मसले पर कई बार पंचायत भी हुई थी। फरवरी 2021 में रेशमा की मौत हो गई। ससुराल वालों ने उसे कब्र में दफना दिया। हालांकि पुलिस का कहना है कि उस समय दोनों पक्ष की सहमति से उसे दफनाया गया था।

2018 में हुई थी रेशमा की शादी

चौबेपुर थाना क्षेत्र के धरहरा गांव निवासी असगर अली गुजरात के सराय नगर मंडी बाजार उनपटिया में रहते हैं। उन्होंने अपनी पुत्री रेशमा का निकाह बड़ागांव थाना के कुड़ी गांव निवासी वकील मंसूरी के बेटे नादिर के साथ 17 नवंबर 2018 को किया था।

आरोप-बचाव

- रेशमा के पिता का आरोप है कि बेटी को ससुराल पक्ष के लोगों ने एक चिकित्सक की मिलीभगत से जहरीली दवा खिलाकर मार डाला।

- ससुराल वालों का कहना है कि रेशमा बीमार चल रही थी और उसकी मौत इलाज के दौरान हुई थी।

एसपी से मिले थे रेशमा के पिता

रेशमा के पिता असगर ने एसपी ग्रामीण अमित वर्मा को प्रार्थना पत्र देकर हत्या का आरोप लगाया था और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आरोपियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की मांग की थी। एसपी ग्रामीण ने बड़ागांव थाने को मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था। पुलिस ने 5 मई 2021 को आरोपियों के विरुद्ध दहेज हत्या सहित अन्य विभिन्न आरोपों में मुकदमा दर्ज किया था।

कब्र से शव निकालने के दौरान ये रहे मौजूद

रेशमा का शव सोमवार को कब्र से निकाले जाने के दौरान विवाहिता के पिता असगर अली, तहसीलदार पिंडरा रामनाथ, सीओ बड़ागांव जगदीश कालीरमन, थानाध्यक्ष बड़ागांव के अलावा काफी संख्या में पुलिस मौजूद मौजूद रही।

पोस्टमार्टम होता तो न होती समस्या

पुलिस का कहना है कि जिस समय रेशमा की मौत हुई उस समय दोनों पक्ष के लोग मौजूद थे। जबकि पुलिस अपनी जिम्मेदारी खुद समझती और शव का पोस्टमार्टम करा दिया होता तो आज शव को कब्र से बाहर निकालने की जरूरत ही न पड़ती।

कोट

शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में कब्र बाहर निकाला गया है। पोस्टमार्टम के बाद कब्र में वापस दफनाया जाएगा। वीडियो कैमरे के सामने शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जो भी तथ्य सामने आएंगे। उनके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

जगदीश कालीरमन

सीओ, बड़ागांव

Posted By: Inextlive