-नई दिल्ली में bird flu के दस्तक के बाद स्वास्थ्य महकमा हुआ alert

-सिटी में चिकेन शॉप्स पर दवाओं के छिड़काव का जारी किया फरमान

-पशु चिकित्सालय में अब तक नहीं पहुंचा है कोई सस्पेक्टेड बर्ड

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VARANASI

यह खबर चिकन व मीट खाने के शौकीन लोगों के लिए बड़ी है। डिस्ट्रिक्ट में फिर बर्ड फ्लू का खतरा मंडराने लगा है। नई दिल्ली में बर्ड फ्लू के दस्तक के बाद जिला स्वास्थ्य महकमा अलर्ट हो गया है। बर्ड फ्लू को लेकर पशु चिकित्साधिकारी ने पशु चिकित्सालय कबीरचौरा में डॉक्टर्स व स्टाफ को विशेष सावधानी बरतने का निर्देश दिया है। साथ ही चिकेन शॉप्स की चेकिंग कर दुकानों के आसपास बराबर दवाओं का छिड़काव कराने का फरमान भी जारी किया है। हालांकि यहां बर्ड फ्लू को लेकर अब तक एक भी सस्पेक्टेड केस नहीं पहुंचा है, फिर भी एहतियातन सावधानी बरती जा रही है।

अवैध दुकानों पर चलेगा चाबुक

सिटी में जगह-जगह अवैध तौर पर खुले चिकेन शॉप्स को बंद कराया जाएगा। पशु चिकित्साधिकारी ने इसके लिए जल्द ही एक टीम गठित करने का डिसीजन लिया है जो पूरे शहर में अभियान चलाकर अवैध तरीके से संचालित चिकेन शॉप्स को बंद कराएगी।

क्या है bird flu

एवियन इन्फ्लूएंजा (HzNv) वायरस बर्ड फ्लू के नाम से पॉपुलर है। इस खतरनाक वायरस का संक्रमण इंसानों और पक्षियों को अधिक प्रभावित करता है। बर्ड फ्लू का इंफेक्शन चिकन, टर्की, गीस और बत्तख जैसे पक्षियों को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है। इससे इंसान व पक्षियों की मौत तक हो सकती है।

इस बीमारी के लक्षण

-बुखार

-हमेशा कफ रहना

-नाक बहना

-सिर में दर्द रहना

-गले में सूजन

-मांसपेशियों में दर्द

-दस्त होना

-हर वक्त उल्टी-उल्टी सा महसूस होना

-पेट के निचले हिस्से में दर्द रहना

-सांस लेने में समस्या, सांस ना आना, निमोनिया होने लगता है

-आंख में कंजंक्टिवाइटिस

ऐसे पहुंचता है इंसानों तक यह वायरस

ये बीमारी संक्रमित मुर्गियों या अन्य पक्षियों के बेहद निकट रहने से ही फैलती है। यानि मुर्गी की अलग-अलग प्रजातियों से डायरेक्ट या इनडायरेक्ट कॉन्टेक्ट में रहने से इंसानों में बर्ड फ्लू वायरस फैलता है फिर चाहे मुर्गी जिंदा हो या मरी हुई हो। इंसानों में ये वायरस उनकी आंखों, मुंह और नाक के जरिए फैलता है। इसके अलावा इंफेक्टिड ब‌र्ड्स की सफाई या उन्हें नोंचने से भी इंफेक्शन फैलता है।

क्या बरतें सावधानियां

-मरे हुए पक्षियों से दूर रहें

-अगर आपके आसपास किसी पक्षी की मौत हो जाती है तो इसकी सूचना संबंधित विभाग को दें

-बर्ड फ्लू वाले एरिया में नॉनवेज ना खाएं

-जहां से नॉनवेज खरीदें वहां सफाई का पूरा ध्यान रखें

-कोशिश करें कि मास्क पहनकर बाहर निकलें

क्या है बर्ड फ्लू का इलाज

बर्ड फ्लू का इलाज एंटीवायरल ड्रग ओसेल्टामिविर (टैमीफ्लू) व जानामिविर (रेलेएंजा) से किया जाता है। इस वायरस को कम करने के लिए पूरी तरह आराम करना चाहिए। हेल्दी डायट लेनी चाहिए जिसमें अधिक से अधिक लिक्विड हो। बर्ड फ्लू अन्य लोगों में ना फैले इसके लिए मरीज को एकांत में रहना चाहिए।

बर्ड फ्लू को लेकर एलर्ट किया गया है। हालांकि शहर में अब तक एक भी सस्पेक्टेड केस नहीं मिला है। फिर भी चिकन शॉप्स की चेकिंग करने के साथ ही आसपास दवाओं का छिड़काव करने का निर्देश दिया गया है।

डॉ। असलम अंसारी

पशु चिकित्साधिकारी

Posted By: Inextlive