देश के बड़े कई बड़े मंदिरों में पूर्व में हुए आतंकी हमलों के मद्देनजर श्रीकाशी विश्वनाथ धाम और अयोध्या के राम मंदिर में फुलप्रूफ सिक्योरिटी के इंतजाम किए जा रहे हैं. ये इंतजाम गुजरात के अक्षरधाम और तिरुपति बालाजी मंदिर की तर्ज पर होंगे. इस सिलसिले में आईपीएस अफसरों की टीम दोनों मंदिरों के सुरक्षा इंतजाम का जायजा लेकर यूपी लौट आई है. बहुत जल्द टीम अपनी रिपोर्ट सबमिट करेगी. ये सुरक्षा इंतजाम हर आतंकी आहट को नाकाम कर देंगे.

वाराणसी (ब्यूरो)उत्तर प्रदेश पुलिस सुरक्षा मुख्यालय ने इस तरह के प्रयासों को विफल करने के प्लान पर काम शुरू कर दिया है। इसी के तहत छह वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की एक टीम बनाकर गुजरात के गांधीनगर स्थित अक्षरधाम मंदिर और आंध्र प्रदेश के तिरुपति स्थित बालाजी मंदिर भेजी गई। टीम ने वहां आतंकी घटनाओं के बाद इस तरह की वारदातों को रोकने के लिए की गई सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।

टीम में ये थे शामिल
सुरक्षा मुख्यालय की ओर से बनाई गई टीम में डीआईजी मुख्यालय विनोद सिंह, एसपी मुख्यालय एस चेनप्पा, वाराणसी के एडिशनल कमिश्नर ऑफ पुलिस मुख्यालय व अपराध (डीआईजी) सुभाष चंद्र दुबे, व डेप्युटी कमिश्नर ऑफ पुलिस सुरक्षा व अभिसूचना (एसपी) विक्रांत वीर, अयोध्या के एएसपी पलास वंशल व आरएमओ अर्जुन देव को शामिल किया गया था।

24 से 27 तक का टूर
ये सभी लोग दिनांक 24 जनवरी 2022 को सुबह गांधीनगर पहुंचे और 25 जनवरी की शाम तक अक्षरधाम मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था आदि का जायजा लिया। वहां से 26 जनवरी को सुबह तिरूमाला पहुंचे और 27 जनवरी की शाम तक तिरुपति बालाजी मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।

किन पहलुओं पर रहा ध्यान
टूर के दौरान अफसरों ने अचानक होने वाली आतंकी घटनाओं से निपटने की तैयारी, क्राउड मैनेजमेंट, प्रतिदिन सुरक्षा को लेकर की जाने वाली कवायद आदि का जायजा लिया। वहां अफसरों के साथ बैठकर व्यवस्था पर चर्चा करने के साथ और व्यवस्था को और बेहतर करने पर बात की।

रिपोर्ट की जाएगी सबमिट
टीम के सभी सदस्य लौटने के बाद अयोध्या में वाराणसी में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बालाजी और अक्षरधाम मंदिर से मिले अपडेट के साथ रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। रिपोर्ट सुरक्षा मुख्यालय में सबमिट करने के बाद उसी तर्ज पर यहां की व्यवस्था में बदलाव को लेकर प्लान बनाया जाएगा।

अक्षरधाम व तिरुपति बालाजी मंदिर में हुई आतंकी घटनाओं के बाद वहां भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए की गई सुरक्षा व्यवस्था में बदलाव का जायजा लिया गया। रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जिसे मुख्यालय को सबमिट किया जाएगा। इसके बाद वहां से मिले निर्देशों के आधार पर आगे डिसीजन लिया जाएगा।
सुभाष चंद्र दुबे, एडिशनल कमिश्नर ऑफ पुलिस (मुख्यालय व अपराध), वाराणसी

काशी में कब-कब हुए आतंकी हमले
- 23 फरवरी 2005 को दशाश्वमेध घाट पर धमाका हुआ था। इसमें सात लोगों की मौत हुई थी
- 7 मार्च 2006 को संकटमोचन मंदिर और कैंट रेलवे स्टेशन में सिलसिलेवार आतंकी धमाका हुआ। इन दोनों धमाकों में 18 लोगों की मौत हुई थी
- 23 नवंबर 2007 को कचहरी में ब्लास्ट हुआ था। घटना में नौ लोगों की मौत हुई थी
- 7 दिसंबर 2010 को शीतला घाट पर धमाका हुआ था। जिसमें 2 लोगों की मौत हुई थी
नोट: साल 2010 के बाद तो कोई आतंकी घटना नहीं हुई, लेकिन साल 2016 में कचहरी में एक अधिवक्ता के चैंबर के पास हैंड ग्रेनेड बरामद हुआ था

तिरुपति बालाजी जाते समय सीएम चंद्रबाबू नायडू पर हमला
एक अक्टूबर 2003 को आंध्र प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू अपने मंत्रिमंडल सहयोगी बी गोपालकृष्णन रेड्डी और दो विधायकों संग तिरुपति के वेंकटेश्वर मंदिर जा रहे थे। इसी दौरान नायडू के काफिले माओवादियों ने बम से हमला किया। नायडू बम बिस्फोट में बच गए, परन्तु हमले में उनकी कालरबोन की दो हड्डियां टूट गयी थीं। मामले में पुलिस ने 33 लोगो को आरोपी बनाया, जिसमें से चार गिरफ्तार हुए। माओवादी नेता और मुख्य साजिशकर्ता पी सुधाकर रेड्डी वर्ष 2009 में वारंगल जिले में पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया।

अक्षरधाम मंदिर में हुई 30 की मौत
24 सितंबर 2002 को दो आतंकवादियों ने गुजरात के गाधीनगर स्थित अक्षरधाम मन्दिर पर हमला किया था। हमले में 30 व्यक्ति मारे गए तथा 80 घायल हुए थे। इस हमले के पीछे लश्कर-ए-तोयबा का हाथ माना गया था। हमले के दिन शाम चार बज कर 45 मिनट पर अक्षरधाम मंदिर परिसर के द्वार संख्या तीन पर दोनों आतंकियों को छोड़ा गया था। गेट में घुसते समय सुरक्षा जांच के लिए रोके जाने पर दोनों आतंकवादी सुरक्षा जांच छोड़ कर ऊंची बाउंड्री को फांद कर मंदिर परिसर में दाखिल हुए थे और अंधाधुंध फायरिंग की थी। इन्हें एनएसजी जवानों ने दूसरे दिन सुबह मार गिराया था।

अयोध्या में पांच आतंकवादियों ने किया था हमला
5 जुलाई 2005 को राम जन्मभूमि पर फिदायीन हमला हुआ था। इसमे पांचों आतंकवादियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया था। बाद में अलग-अलग जगहों से चार संदिग्ध आतंकवादी अरेस्ट किए गए थे। तब आतंकवादियों व सुरक्षा बलों के बीच लगभग 45 मिनट तक मुठभेड़ चली थी। इस हमले में एक स्थानीय गाइड रमेश पांडेय भी मारा गया था। आतंकियों ने उसे विस्फोटकों से भरी गाड़ी के साथ धमाके में उड़ा दिया था। हमले में घायल दो अन्य नागरिकों की बाद में इलाज के दौरान मौत हो गयी थी।

Posted By: Inextlive