मनमानी पावरलूम, कार्रवाई के बाद भी कटियामार चोरी
वाराणसी (ब्यूरो)। भीषण गर्मी के प्रकोप से बचने के लिए हर आदमी बिजली के उपकरणों का सहारा ले रहा है। लेकिन, जब आपको जरूरत होती है तभी बिजली दगा दे जाती है। ऐसे हालात में आम उपभोक्ता बिजली और बिजली विभाग को कोसता हुआ नजर आता है। जब बिजली विभाग के अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जलकल के बाद बिजली की समस्या पैदा करने वाला शहर का पावरलूम इंडस्ट्री है, जो लोड से ज्यादा बिजली खपत कर रहा है। इसको लेकर कई बार कार्रवाई भी की गई, लेकिन कई पावरलूम इंडस्ट्री मालिक कटियामार चोरी से अपना उद्योग चला रहे हैैं.
लाइनलास की रहती शिकायतबिजली विभाग ने दावा किया है कि पावर लूम इंडस्ट्री की वजह से बिजली का बहुत भारी मात्रा में दोहन होता है। आनलाइन मानिटरिंग में विभाग ने कई बार पाया है कि जिन एरिया में उसके ट्रासफार्मर होते हैं वहां पर लाइन लास की शिकायत ज्यादा मिलती है.
करते हैैं कटियामार चोरीबिजली विभाग के अनुसार, जिन एरिया में पावरलूम उद्योग होता है उनमें लाइन लास ज्यादा होता है। बहुत से लोग टैक्स चोरी से बचने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन नहीं करवाते हैं। इस कारण वह बिजली का कनेक्शन नहीं लेते हैं और कटियामार चोरी करना शुरू कर देते हैैं। इनके रवैये से आजिज आकर बिजली विभाग कई बार सघन चेकिंग अभियान चलाकर इनके ऊपर कारर्ïवाई कर चुका है.
छोटे इंडस्ट्रियल भी करते हैं चोरी बिजली विभाग उन एरिया से ज्यादा परेशान हो जाता है कि जिन एरिया में छोटी इंडस्ट्री या स्टार्टअप लगे हुए हैं। इन जगहों पर बिजली की चोरी धुआंधार होती है। इससे बिजली विभाग के ट्रांसफार्मर पर क्षमता से ज्यादा भार हो जाता है और ट्रिपिंग की शिकायत होने लगती है। इसके साथ ही ट्रांसफार्मर फुंकने लगते हैं. अघोषित पावरलूम नाम-सेक्शन लोड-यूज लोड वाहीदुल सरैया-1 केवी-83 केवी आरएल आटोमोबाइल्स-10 केवी-30.84 केवी वंदना इंटरप्राइजेज-70 केवी-98.36 केवी देवा इंडस्ट्रियल-18 केवी-40.96 केवी जलाल शेषमान-2 केवी-12 केवी हमे ऐसे उपभोक्ताओं से लाइनलास ज्यादा झेलनी पड़ती है। हम लगातार चेकिंग अभियान के माध्यम से इनके ऊपर धरपकड़ कारवाई कर रहे हैं. दीपक अग्रवाल, अधीक्षण अभियंता, मंडल द्वितीय