Varanasi:डेंगू का डंक कमजोर पडऩे का नाम नहीं ले रहा है. बल्कि हर दिन वह तेज होता जा रहा है. जी हां शहर के प्राइवेट हॉस्पिटल्स से लेकर गवर्नमेंट हॉस्पिटल्स तक में डेंगू के पेशेंट्स का इलाज किया जा रहा है. हालांकि इनमें सभी डेंगू के कन्फर्म पेशेंट्स हैं ऐसा नहीं है. संभावित पेशेंट्स का भी ट्रीटमेंट लक्षणों के आधार पर किया जा रहा है. कबीरचौरा हॉस्पिटल में तो बाकायदा इसके लिए डेंगू वार्ड बनाया गया है. लेकिन खास बात यह कि इस डेंगू वार्ड के इंतजामात डेंगू के वाहक मच्छरों को बुलावा देने का काम कर रहे हैं.


टूटी खिड़की से आयेगा 'टाइगर'हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड में बने इस डेंगू वार्ड की खिड़कियों के शीशे टूटे हुए हैं। इन्हीं रास्तों से डेंगू का मच्छर टाइगर अंदर आयेगा क्योंकि खिड़की के ठीक पीछे पेड़ पौधे लगे हुए हैं। बरसात हुई तो यहां पर पानी का जमना तय है। लेकिन किसी को यह सब नहीं दिखायी देता। बताते चलें कि डेंगू का मच्छर टाइगर साफ पानी में ही रहता है। आइसोलेशन का पता नहीं
डेंगू वार्ड में रखे गये पेशेंट्स के हर बेड पर मच्छरदानी लगी होनी चाहिए जिससे कि एक पेशेंट से दूसरे पेशेंट के बीच दूरी बनी रहे। कोई मच्छर किसी भी पेशेंट को काट न सके और रोग को फैलने से रोका जा सके लेकिन वार्ड में मच्छरदानी का कोई अता पता नहीं है। हां, वार्ड के एक कोने में मच्छरदानी बांध कर जरूर रखी गयी है। सिर्फ इतना ही नहीं वार्ड में लगा एक पंखा जल गया है। इसके विकल्प के रूप में एक पेडस्टल फैन लगाया गया है।

Posted By: Inextlive