- छींटदार साड़ी, सिर पर लाल-पीले रंग का दुपट्टा ओढ़े बैठी रहीं बदामी देवी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करते ही भीषमपुर की बादामी देवी खास बन गईं। देश में ही नहीं विदेशों में भी पीएम से बादामी देवी की बातचीत को सुना गया। इस दौरान बादामी देवी की पोशाक भी शालीनता की चादर ओढ़े हुई थी। ये पल बादामी देवी के लिए नहीं बल्कि सेवापुरी ब्लाक के भीषमपुर गांव के लिए यादगार बन गया।

हर आंख में बदामी देवी का चेहरा था और हर जुबां पर उनका नाम। करीब पांच मिनट तक पीएम के हर सवाल का जवाब पूरे आत्मविश्वास के साथ मुस्कराते हुए देने वाली बदामी देवी आम से खास बन गईं।

यहां अन्न महोत्सव की तैयारियों में जिला प्रशासन दो दिन से जुटा था। सुबह 11.28 बजे बदामी देवी के साथ तारा देवी, छबीली देवी, गीता और हीरामणि आयोजन स्थल पर पहुंचीं। छींटदार साड़ी पहने, सिर पर लाल-पीले रंग का दुपट्टा ओढ़े बैठी बदामी की ओर सभी की निगाहें थीं। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा बदामी देवी के पास पहुंचे और उनका कुशलक्षेम पूछा। संवाद शुरू हुआ तो बदामी देवी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर सवाल का जवाब देती रहीं। वहां मौजूद अधिकारी और गांव के लोग एक बार बदामी देवी की ओर देखते हुए दूसरी बार एलईडी स्क्रीन पर प्रधानमंत्री को। संवाद खत्म होते ही सभी ने बदामी देवी को बधाई दी। गांव के लोगों ने कहा, बदामी देवी ने भीषमपुर की शान बढ़ा दी। हालांकि, अन्न महोत्सव में प्रधानमंत्री से सीधा संवाद करने के लिए बदामी देवी के साथ तारा देवी, छबीली देवी, गीता और हीरामणि के नाम का चयन सोमवार को हो गया था, लेकिन समयाभाव में पीएम ने सिर्फ बदामी देवी से ही संवाद करने का निर्णय लिया।

बधाई देने पहुंचे सगे-संबंधी

भीषमपुर गांव के लोगों ने सपने में भी नहीं सोचा था कि गांव की सामान्य परिवार की महिला बदामी देवी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं संवाद करेंगे। बदामी देवी का नाम चयनित होते ही भीषमपुर और आसपास के गांवों के सगे-संबंधी उन्हें बधाई देने पहुंचने लगे। सब उन्हें पीएम से बात करते हुए देखना चाहते थे। पहली बार हाथ में माइक लेकर प्रधानमंत्री से बात करते समय बदामी देवी के चेहरे पर विश्वास की झलक थी। वह बिना संकोच प्रधानमंत्री के सवालों का जवाब देती रहीं।

Posted By: Inextlive