-काशी में कावड़ यात्रा स्थगित होने से कावंरियों के लिए ड्रेस, पूजन सामग्री, खिलौना व ट्रैवेल एजेंसी का कारोबार हुए ठंडा

-पूरे साल सावन का इंतजार कर रहे कारोबारियों ने लाखों का खरीद लिया था माल, अब माल डंप होने से छायी मायूसी

:: प्वाइंटर :::

50

लाख रुपये का होता है सावन के लिए टीशर्ट व पैंट का कारोबार

30

लाख रुपये का माल खरीदा था इस साल व्यापारियों ने सावन को देखते हुए

::: एक नजर :::

50

लाख रुपये तक का कारोबार कांवर यात्रियों का ड्रेस से

14

लाख रुपये की कमाई कांवर यात्रा के लिए लोटे की बिक्री से

10

लाख रुपये सावन में खिलौने की बिक्री हो जाती थी

20

लाख रुपये की सावन में फूल माला की बिक्री

कोरोना संक्रमण काल को देखते हुए सरकार ने कांवर यात्रा को इस साल स्थगित कर दिया है। इधर, कांवरियों के न आने से उन लोगों का बड़ा नुकसान हुआ है जो पूरे साल यात्रा होने की आस लगाए हुए थे। उम्मीद थी कि पिछले साल हुए नुकसान की भरपायी सावन से हो जाएगी, पर यात्रा स्थगित होने से उनको कमायी होने की बजाए लाखों रुपया फंस गया है। उल्टे सावन के लिए खरीदा गया माल डंप हो गया है। इससे सावन में व्यापार करने वालों में मायूसी छा गई है। अब सावन का मार्केट अगले साल ही उन्हें मिल पाएगा। बता दें कि सावन में होने वाली कांवर यात्रा से कई बिजनेस इंटरकनेक्ट होते हैं, इसमें कपड़े, पूजन सामग्री, खाद्य पदार्थ, ट्रैवेल, खिलौने, सहित कई कारोबार शामिल हैं। ये कारोबार एक उठने से पहले ही ठंडे हो गए।

टीशर्ट व पैंट को नहीं मिले खरीदार

सावन में कांवर यात्रा में शामिल होने वाले विशेष प्रकार का कपड़ा पहनते हैं। जो सावन से पहले ही मार्केट में आ जाता है। राजादरवाजा होलसेल व्यापार मंडल के संदीप केशरी के मुताबिक सावन के लिए टीशर्ट व पैंट का बिजनेस 50 लाख रुपये का होता है। इस साल टीशर्ट व पैंट का कारोबार करने वालों ने करीब 30 लाख रुपये का माल खरीदा था। उम्मीद थी कि सावन में सारा माल निकल जाएगा। लेकिन सरकार ने यात्रा ही स्थगित कर दी तो पूरे माल का सील तक नहीं खुल पाया। वो बंद पड़ा हुआ है। अब इसे वापस करना होगा। लल्लन जायसवाल ने बताया कि पिछले साल भी कोरोना के चलते माल नहीं बिक पाया था।

लोटा का बड़ा बाजार

चौक एरिया के थोक पूजन सामग्री कारोबारी विश्वनाथ शर्मा ने बताया कि इस साल कांवर यात्रा को लेकर व्यापारियों में बड़ा उत्साह था, लेकिन अचानक से यात्रा को स्थगित कर दिया गया जिससे सारी तैयारी धरी की धरी रह गयी। यात्रा न होने से लाखों रुपये की पूंजी फंस गई है। सावन में आठ लाख रुपये का तांबे, स्टील व पीतल का लोटा बिक जाता था। इसे बेचकर व्यापारी पूरे साल का खर्च निकाल लेते थे। लेकिन इस साल भी उधार की जिंदगी जीना पड़ेगा। प्लास्टिक का लोटा व छोटा घड़े का भी बड़ा डिमांड होता था। हड़हा सराय के मो। सलीम ने बताया कि पांच से छह लाख रुपये का लोटा एक महीने में बिक जाता था। लेकिन इस बार भी खाता नहीं खुलेगा। क्योंकि कांवरियों को परमिशन ही नहीं मिला है।

खूब बिकता था खिलौना

सावन के एक महीने में नारंगी टीशर्ट, पैंट, मेटल व प्लास्टिक के लोटे सहित खिलौनों की खूब बिक्री होती थी। लेकिन अब जब कांवर यात्रा पर रोक लग गयी है तो इन सामानों की बिक्री होने की बजाए व्यापारियों का पैसा फंस गया है। सावन के दौरान सारनाथ, दुर्गाकुंड व रामेश्वर में मेला लगता था। यहां आठ से दस लाख रुपये के बच्चों के खिलौने बिक जाते थे। हड़हा सराय में प्लास्टिक के खिलौनों के कारोबारी कलीम अंसारी ने बताया कि सावन से पहले खिलौना खरीदने के लिए यहां दूर-दूर से छोटे छोटे व्यापारी आते थे। लेकिन इस बार वो नहीं आए। क्योंकि कांवरिये आएंगे ही नहीं तो माल कौन खरीदेगा। इससे तैयारी पर ताला लग गया है।

फूल माला पर भी लगा ग्रहण

मलदहिया मंडी के ओनर विशाल दूबे ने बताया कि इस साल कोरोना के चलते लगन सीजन खराब हो गया था। अब सावन से उम्मीद थी। लेकिन वह भी खत्म हो गयी है। क्योंकि मंदिर में कांवरियों सहित श्रद्धालुओं का कम आना जाना है। जिससे माला फूल बिक ही नहीं रहा है। अकेले विश्वनाथ मंदिर में ही सोमवार के दिन तीन से पांच लाख रुपये का माल बिक जाता था। लेकिन इस बार कुल एक से डेढ़ लाख लोग ही दर्शन पूजन करने आए। ऐसे में उम्मीद लगा सकते हैं कि आगे क्या हाल होगा। आने वाले सावन के सोमवार पर तो भी और कम होगी।

कौन कराएगा कारों की बुकिंग

ट्रैवेल के बिजनेस से जुड़े मनोज तिवारी ने बताया कि सावन के दौरान बहुत सारे लोग आसपास के मंदिरों व शहरों में दर्शन पूजन को जाते थे। लेकिन इस बार कोरोना के चलते प्रशासन द्वारा नियम कड़ा कर देने से लोग निकल ही नहीं रहे हैं। कुछ लोगों ने बुकिंग करायी थी वो भी कैंसिल करा दिए हैं। लगता नहीं कि आगे वो कहीं जाएंगे। ऐसे में सावन से उम्मीद अब टूट गयी है। अनुज सिंह ने बताया कि सावन के लिए कई वाहनों का इंतजाम किया था। लेकिन कांवड़ यात्रा स्थगित होने से वो सब कैंसिल करना पड़ा है।

Posted By: Inextlive