जर्मनी के मशहूर मेट्रॉपोलिस किनो सिनेमाघर में फिल्म &कॉन एनीमा&य के पहले प्रिव्यू शो की धमक से भारतीय फिल्म निर्देशक बनारस के मनोज मौर्या ने लूटी जमकर वाहवाही.

वाराणसी (ब्यूरो)। &सिनेमा को भाषा या देश की सीमाओं में नहीं बांधा जा सकता&य की सोच रखने वाले भारतीय फिल्म निर्देशक मनोज मौर्या ने जर्मनी जाकर जर्मन कलाकारों के साथ एक फिल्म &कॉन एनीमा&य का लेखनव निर्देशन कर एक नया इतिहास को रचा है। इस फिल्म को मनोज मौर्या ने जर्मन भाषा में जरूर बनाया है, लेकिन अंग्रेजी व हिंदी के &सब टाइटल्स&य के साथ पूरे विश्व के सिनेमाघरों में प्रदर्शित उनकी प्लानिंग में शामिल है।

फिल्म के निर्देशक मनोज बताते हैैं कि जर्मनी सहित पूरे विश्व में इस फिल्म को दिसंबर 2021 में प्रदर्शित करने की योजना के तहत काम किया जा रहा है। फिलहाल कुछ चुनिंदा लोगों ने इस फिल्म को देखा। उनसे मिली प्रतिक्रिया से उत्साहित होकर निर्माताओं ने 14 जुलाई को जर्मनी के मशहूर &मेट्रॉपोलिस किनो&य सिनेमाघर के अंदर पहला बड़ा प्रिव्यू शो किया। शो का जबरदस्त रिस्पांस मिला।

मेरे लिए ये अहम
मनोज मौर्या बताते हैं कि इस प्रिव्यू शो पर मैं जर्मनी नही जा पाया। लेकिन वहां के फिल्म समीक्षक और जानकारों से वीडियो पर बात हुई। उन्होंने जो प्रतिक्रिया दी, वह रोमांच पैदा करने वाली थी। उन्होंने बताया कि जर्मन जल्दी आंसू नहीं बहाते हैैं, लेकिन हमारी फिल्म के क्लायमैक्स के एक दृश्य ने उन सभी को इतना भावुक कर दिया कि उनकी आंखों से आंसू निकल पड़े। मनोज बताते हैैं कि यह प्रतिक्रिया मेरे लिए कापी अहम है।

ये है कॉन एनिमा फिल्म का सार
फिल्म &कॉन एनीमा&य की कहानी एक ऐसी लडक़ी की है, जो कि सोलविस्ट है। सोलविस्ट वह होता है, जो ऑर्केस्ट्रा में सिंगल प्ले करता है और उसी को पूरा ऑर्केस्ट्रा &फॉलो&य करता है। यह एक कंडक्टर का ऑर्केस्ट्रा है। सोलविस्ट एमा (लडक़ी) वायलिन बजाने का काम करती है। एमा का टकराव एक ऐसे लडक़े से होता है, जो कि &प्रॉडिजी&य यानी जिसके रग-रग में संगीत है, जबकि उसने कहीं से संगीत सीखा नही है। एमा चाहती है कि वह लडक़ा उसकी जगह ले ले। मगर उस लडक़े को किसी भी सिम्फनी ऑर्केस्ट्रा में बजाने में कोई रूचि नही है। वह कैसे उस लडक़े को उस मुकाम तक लेकर जाती है, उसी पर आधारित फिल्म की पूरी कहानी है।

यूरोप के ड्रामा आधारित फिल्म
निर्देशक मनोज मौर्या कहते हैं कि मेरे दिमाग में एक कहानी लंबे समय से घूम रही थी। उसी पर यह यूरोप में स्थापित म्यूजिकल ड्रामा वाली फिल्म है। मुझे फिल्माने के लिए जर्मनी ही बेहतरीन देश समझ में आया। फिल्म के नाम &कॉन एनीमा&य के पीछे उसका अर्थ भी छिपा है। &कॉन एनीमा&य लेटिन से निकला इटालियन शब्द है, जो संगीत के लिए प्रयोग किया जाता है। यह अंदर की आत्मा का अहसास दिलाता है। इस फिल्म को हमने जर्मन भाषा में ही बनाया है। यह फिल्म भी पूरी हो चुकी है। कहानी की आत्मा संगीत और वह भी खासकर जर्मन की है।

साल के अंत तक आने वाली फिल्में
1. सिंफनी ऑर्केस्ट्रा पर बनी जर्मन फिल्म &कॉन एनीमा&
2. नशा विरोधी थीम पर रियल लाइफ बाइक राइडर्स को लेकर बनी फिल्म & द आईस केक&

मनोज मौर्या की एजुकेशन
- पूर्वांचल विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान
- काशी विद्यापीठ से फाईन आर्ट्स में डिग्री
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन से एडवर्टाइजिंग पब्लिक रिलेशंस में मास्टर्स

कैरियर के संघर्ष
मनोज बताते हैैं कि मुंबई में विजुअलाइजर की नौकरी का प्रस्ताव मिला। यह केवल दो महीने का अनुबंध था। लेकिन शहर में जमने के लिए काफी था। इस बीच हर दिन सुबह से रात तक लोकल ट्रेन, भीड़ और भागमभाग की जिंदगी ने कई बार सोचने को मजबूर किया कि मुंबई छोड़ दूं, लेकिन इसको ही अपनी जिंदगी का फलसफा मनाकर आगे बढ़ा। इस बीच 2001 से 2003 के बीच छह से सात नौकरी की। वर्ष 2006 में पहली शॉर्ट फिल्म &रिसाइकल माइंड& प्लान की और बनाई भी। नवाजुद्दीन सिद्दीकी अभिनीत यह फिल्म देश-दुनिया के फिल्मोत्सवों में दिखाई गई। वर्ष 2008 में दूसरी शॉर्ट फिल्म &आई लव यू& का पिक्स टेलीविजन ने निर्माण किया। उसके बाद फीचर फिल्म बनाने की दिशा में कदम रखा।

Posted By: Inextlive