मल्टीलेवल पार्किंग रुद्राक्ष नमो घाट नाइट बाजार व अन्य योजनाओं से शहर को लगा चार-चांद स्मार्ट सिटी योजना के 10 प्रोजेक्ट ने बनारस की बदली तस्वीर

वाराणसी (ब्यूरो)देश ही नहीं, दुनिया में बनारस की पहचान तेजी से बढ़ रही है। दस साल पहले गंगा घाट, मंदिर, मठ व गलियां ही यहां की पहचान थी, लेकिन अब नया बनारस का उदय हो चुका है। विश्वनाथ धाम, रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर, मल्टीलेवल स्मार्ट पार्किंग, राजनारायण पार्क, नदेसर तालाब, नाइट बाजार, स्मार्ट गलियां, स्मार्ट स्कूल, हरहुआ फ्लाईओवर, सिटी कमांड सेंटर बनारस की पहचान बन गई हैं। पिछले चार साल में स्मार्ट सिटी परियोजना ने अपने 48 प्रोजेक्ट से शहर को चार-चांद लगा दिया है, जिसमें 10 ऐसे प्रोजेक्ट हैं, जो बनारस की पहचान है।

चार साल से चल रही कवायद

जून 2015 में बनारस को स्मार्ट सिटी बनाने की लिस्ट में शामिल किया गया। बनारस के सुनियोजित विकास के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने तमाम एक्सपर्ट से मंथन किया, जिसमें तीन साल लग गए। इसके बाद पीएम की मंशानुसार 2018 से स्मार्ट सिटी योजना के तहत बनारस में योजनाएं धरातल पर आकार लेने लगीं, जैसे-जैसे प्रोजेक्ट पूरे होते गए, वे शहर की नई पहचान के रूप में विख्यात होने लगी। दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद की तर्ज पर पब्लिक सुविधाएं विकसित होने लगीं।

दस करोड़ी नाइट बाजार

कैंट रेलवे स्टेशन से बाहर निकलते ही नये बनारस शहर का अहसास हो रहा है। लहरतारा-चौकाघाट फ्लाईओवर के नीचे 1.9 किलोमीटर में 10 करोड़ की लागत से नाइट बाजार विकसित किया गया है। जहां हर जरूरत की सामान उपलब्ध रहेगा।

146 करोड़ के तीन मल्टी लेवल पार्किंग

शहर के दिल में तारों की तरह मल्टी लेवल पार्किंग टिमटिमा रहा है। दिल्ली की तरह बनारस में गोदौलिया, टाउनहाल, बेनियाबाग पर मल्टी लेवल पार्किंग बनाया गया है। आधुनिक सुविधाओं से लैस पार्किंग से विश्वनाथ धाम आने वाले पर्यटकों को काफी सहूलियतें हो रही हैं। ट्रैफिक भी स्मूथ चल रहा है। इस पर 146 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।

तीन करोड़ी नदेसर तालाब

धार्मिक, पौराणिक व ऐतिहासिक मान्यता वाले तालाब व कुंड काशी के लगभग सभी इलाकों में है। स्मार्ट सिटी योजना के तहत कुंडों व तालाबों का जीर्णोद्धार किया गया, जिसमें नदेसर तालाब 3.02 करोड़ व सोनभद्र तालाब 1. 38 करोड़ में जीर्णोद्धर एवं पुनर्विकास हुआ है। तालाबों व कुंडो को हेरिटेज लुक दिया गया है.

21 जंक्शनों पर रोड फर्नीचर का विकास

शहर में 21 चौराहों को रोड फर्नीचर से संवारा गया। इसके तहत सभी जगहों पर बैरियर्स, स्पीड, ब्रेकर्स, कैंट आई, हैजार्ड मार्कर, लाइनिंग, साइन बोर्ड, नो पार्किंग बोर्ड, व्हीकल लॉक, क्रेन डिलिवरी वाहन विकसित किए गए। इस पर स्मार्ट सिटी योजना से 66 लाख रुपये खर्च किए गए.

59 करोड़ी चार स्मार्ट वार्ड

रीडेवलपमेंट ऑफ वार्ड ऑफ ओल्ड काशी के तहत कालभैरव, दशाश्वमेध, जंगमबाड़ी व राजमंदिर वार्ड को नया रूप दिया गया। वाटर सप्लाई और वेस्ट सीवर मैनेजमेंट के लिए हर गली के मोड़ पर एनआरबी, सुसवाल, चॉबी, रेन फिट लगी है। घरों के सामने हाउस पेंच लगाए गए हैं। डीआई फिट पाइप लाइन डाली गयी है। गली की दीवारों पर गंगा घाट, मंदिर, संत-महात्मा, भगवान शंकर और श्रीराम की आकर्षक पेटिंग उकेरी गयी, जो बनारस की सांस्कृति और पौराणिकता का एहसास करा रही है। इस पर करीब 59 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं.

720 स्थलों पर एडवांस कैमरे

शहर की सुरक्षा व्यवस्था को और भी सशक्त करने के उद्देश्य से वाराणसी स्मार्ट सिटी अंतर्गत 128 करोड़ की लागत से शहर के 720 स्थलों पर 2000 से अधिक एडवांस सर्विलांस सीसीटीवी कैमरा लगाए गए हैं। इन कैमरे के अतिरिक्त क्षमता से फेस रिकगनिशन, वाहनों के नंबर प्लेट रिकगनिशन, वीडियो एनालिसिस, भीड़ नियंत्रण, पुलिस निरीक्षण, अपराध नियंत्रण जैसे कार्यों में उपयोगी साबित हो रहे हैं.

192 करोड़ी कन्वेंशन सेंटर रूद्राक्ष

रुद्राक्ष कंवेंशन सेंटर भारत और जापान की दोस्ती का प्रतीक है। 186 करोड़ की लागत से तैयार रुद्राक्ष शिवलिंग के आकार में बना है। जापानी और भारतीय वास्तु शैलियों का संगम वाले रुद्राक्ष इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर की डिजाइन जापान की कंपनी ओरिएंटल कंसल्टेंट ग्लोबल ने तैयारी की है। यहां बड़े म्यूजिक कॉन्सर्ट, कांफ्रेंस, नाटक हो सकेंगे और प्रदर्शनियां भी लगेंगी.

नई पहचान नमो घाट

उद्घाटन से पहले ही नमो घाट बनारस की नई पहचान बन गया है। लगभग 46 करोड़ की लागत से प्रथम फेज के पुनरुद्धार का काम लगभग खत्म हो चुका है। इस घाट से जलमार्ग और वायु मार्ग को भी जोड़ा जाएगा। ताकि पर्यटक अन्य शहरों तक जा सके। मां गंगा को प्रणाम करते तीन स्कल्पचर फिलहाल घाट पर बने हैं, जो लोगों के आकर्षण का केंद्र भी बन गया है.

19 करोड़ी स्मार्ट स्कूल

वाराणसी में जर्जर हो चुके सरकारी प्राइमरी स्कूलों की सूरत बदल गई है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत राजघाट, महमूरगंज व मच्छोदरी स्थित प्राइमरी स्कूल को अब मॉडर्न रूप दिया गया है। यहां अत्याधुनिक क्लास रूम, कंप्यूटर लैब के साथ ही सर्व सुविधायुक्त लाइब्रेरी भी है, जो निजी कांवेंट स्कूल को भी मात दे रहे हैं। इस पर स्मार्ट सिटी ने करीब 19 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं.

Posted By: Inextlive