ट्रैफिक नियमों पर बनारसियों को भारी पड़ा रवैया मनमाना

4.8 लाख का चालान, 4.88 करोड़ जुर्माना

- ट्रैफिक रूल्स तोड़ने के मामले में बनारस प्रदेश के टॉप-3 में

- जनवरी से दिसंबर 2019 तक 3.53 लाख ई-चालान भी काटा गया

- इस कार्रवाई में वसूली जा चुकी है 4.88 करोड़ रुपये की धनराशि

VARANASI

एक साल बीत गया, लेकिन बनारस में न तो टै्रफिक व्यवस्था सुधरी और न ही यहां की पब्लिक सुधरने को तैयार है। जनवरी से दिसंबर तक पूरे एक साल तक शहर के हर चौराहों पर मुस्तैद रही पुलिस ने टै्रफिक रूल्स को फोर्सली लागू कराने के लिए करीब पांच लाख चालान काटे, जिसमें ई-चालान की संख्या तीन लाख 53 हजार 405 है। साथ ही शमन शुल्क के रुप में पब्लिक से करीब पांच करोड़ रुपये भी वसूला। यह हम नहीं, बल्कि लखनऊ मुख्यालय से जारी ताजा आंकड़े बोल रहे हैं। टै्रफिक रूल्स तोड़ने वाले शहरों की जारी सूची में बनारस तीसरे पायदान पर है जबकि हर बार की तरह गौतमबुद्धनगर पहले और लखनऊ दूसरे स्थान पर रहा।

721 कैमरों से कट रहे ई-चालान

बनारस के बिगड़े टै्रफिक सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए 557 टै्रफिक पुलिस जवानों की ड्यूटी लगी है, जो शहर के 149 चौराहों के अलावा चप्पे-चप्पे पर मुस्तैद हैं। इन चौराहों पर लगे 721 सर्विलांस कैमरों की मदद से सिगरा स्थित सिटी कमांड सेंटर से भी टै्रफिक रूल्स तोड़ने वालों पर नजर रखी जा रही है। इन सारी प्रक्रिया से बनारस की पब्लिक परिचित है, फिर भी टै्रफिक रूल्स तोड़ने से बाज नहीं आ रहे हैं। सख्ती के बावजूद हर माह करीब 40 से 60 हजार तक चालान काटे गये हैं, जिसकी पूरे प्रदेश में चर्चा हो रही है। हालांकि लोकसभा चुनाव समेत कई मौके पर ई-चालान की प्रक्रिया बाधित रही, नहीं तो और बढ़ जाती है।

कई बार टॉप पर रहा बनारस

प्रदेश में ट्रैफिक रूल्स तोड़ने वालों के खिलाफ जनवरी से ई-चालान की प्रक्रिया शुरू हुई। इसके अलावा ऑन स्पॉट भी चालान काटे जाते हैं। जनवरी से जून तक टै्रफिक रूल्स तोड़ने वालों में गौतमबुद्ध नगर टॉप पर रहा, जबकि बनारस का स्थान दूसरे और चौथे नम्बर पर था। दूसरे नम्बर पर रहने वाले गाजियाबाद को पीछे छोड़कर जुलाई में अचानक बनारस टॉप पर पहुंच गया। यह सिलसिला अगस्त और सितम्बर तक जारी रहा।

तथ्य एक नजर में

- 4,80,421 चालान

हुए जनवरी से दिसंबर माह तक

-4,88,58,077 रुपये

वसूले गए वाहनों मालिकों से

- 149 चौराहों

पर लगाए गए हैं कैमरे वाहनों पर नजर रखने को

- 721 कैमरे

लगाए गए हैं पूरे शहर में

- 24 बॉडी कैमरों

का इस्तेमाल हो रहा टै्रफिक जवानों के जरिए

-12 पैंथर दस्ता

भी नजर रखे है टै्रफिक रूल्स फॉलो न करने वालों पर

ई-चालान में टॉप-10 जिले

गौतमबुद्ध नगर 7,91,410

लखनऊ 3,60,730

वाराणसी 3,53,405

गाजियाबाद 3,35,673

आगरा 2,13,127

बरेली 1,45,238

प्रयागराज 1,39,999

मेरठ 92,811

गोरखपुर 76,727

रामपुर 36,430

वर्जन

अब तो पूरे शहर में 149 चौराहों पर सर्विलांस कैमरे लग गए। ऐसी स्थिति में पूरे साल करीब पांच लाख चालान काटे जाने का यह मतलब नहीं है कि बनारस में टै्रफिक रूल्स को लेकर जागरूकता नहीं है। 90 परसेंट लोग हेलमेट पहनकर चल रहे हैं।

श्रवण सिंह, एसपी ट्रैफिक

Posted By: Inextlive