-रोप वे प्रोजेक्ट के लिए रूट निर्धारण और डिजाइन तैयार करने के लिए आई कंपनी, शुरू हुआ सर्वे

-रिपोर्ट को मंजूरी मिलते ही रोप-वे प्रॉजेक्ट पर काम हो जाएगा स्टार्ट

सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही शहरियों को ट्रैफिक जाम से मुक्ति मिल जाएगी। लोग हवा में सफर करेंगे। जी हां देश में पहली बार पब्लिक ट्रांसपोर्ट के रूप में रोप-वे की शुरुआत गलियों के शहर बनारस से होने जा रही है। प्रोजेक्ट को साकार करने के लिए रोप वे बनाने में एक्सपर्ट कंपनी को रूट और डिजाइन तैयार करने की जिम्मेदारी सौंप दी गयी है। इस क्रम में कंपनी ने बनारस पहुंचकर सर्वे का काम भी स्टार्ट कर दिया है। कंपनी को अपनी रिपोर्ट मार्च तक सौंपनी है।

खास मोबिलिटी प्लान तैयार

दरअसल, पीएम मोदी के दूसरे कार्यकाल में तमाम परियोजनाओं के साथ बनारस को जाम मुक्त करने पर भी सरकार का खास फोकस है, खासकर पुरानी काशी को। यहां के कंजेस्टेड एरिया को जाम से मुक्त करने के लिए खास मोबिलिटी प्लान तैयार किया जा रहा है। रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक्स सर्विसेज (राइट्स) द्वारा मेट्रो की संभावनाओं को बहुत खर्चीला और निर्माण में तकनीकी दिक्कतें बताए जाने के बाद अब लाइट मेट्रो, गंगा में फेरी सर्विस, इलेक्ट्रिक बसों के साथ रोप-वे को पब्लिक ट्रांसपोर्ट सुविधा में शामिल किया गया है।

पुरानी काशी में पहले मिलेगी सौगात

शुरुआत में रोपवे पुरानी काशी यानी पक्का महाल में चलेगा। क्योंकि इन इलाके बहुत ज्यादा कंजस्टेड हैं। यहां रोजाना जाम लगता है। जिससे पब्लिक को खास मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। वहीं यहां आने वाले पर्यटकों की राह भी आसान हो जाएगी। अक्सर ऐसा होता है जब बाबा काशी विश्वनाथ के दर्शन और मां गंगा का दीदार करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं और विदेशी पर्यटकों को घंटों जाम में जूझना पड़ता है।

मार्च तक तैयार करनी है रिपोर्ट

शहरी विकास मंत्रालय ने पुरानी काशी के साथ सिटी के अन्य हिस्सों में रोप-वे के लिए रूट और डिजाइन तैयार करने की जिम्मेदारी रोप-वे निर्माण में एक्सपर्ट वैप्कास कंपनी को सौंपी है। वैप्कास की टीम वाराणसी पहुंच चुकी है। कंपनी ने सर्वे का काम भी शुरू कर दिया है। मार्च तक रिपोर्ट देनी है। रिपोर्ट को मंजूरी मिलते ही रोप-वे पर काम शुरू हो जाएगा।

ये हैं संभावित रूट

रोप-वे के लिए पुरानी काशी के एक छोर राजघाट से मछोदरी, विश्वेश्वरगंज, मैदागिन, चौक, गोदौलिया, सोनारपुरा होते हुए दूसरे छोर अस्सी और आगे बीएचयू तक का पहला रूट संभावित है। बीएचयू से कैंट रेलवे स्टेशन होते हुए मलदहिया, लहुराबीर और मैदागिन तक दूसरा रूट और कचहरी से गौदौलिया तक का तीसरा रूट प्रस्तावित है।

राजघाट बनेगा हब

राजघाट पुल के पास खिड़किया घाट पर परिवहन संगम स्थल बनाने का खाका खींचा गया है। प्रस्तावित संगम स्थल वाराणसी-चंदौली जीटी रोड, आउटर रिंग रोड फेज-3 और शहर में जाने के प्रमुख मार्ग और केंद्र सरकार के ड्रीम प्रॉजेक्ट वाराणसी-हल्दिया गंगा वाटर ट्रांसपोर्टेशन से जुड़ा है। कुछ ही दूरी पर अपग्रेड हो रहा काशी रेलवे स्टेशन है। इंटर मॉडल बस स्टैंड से रोप-वे का एक रूट शुरू करने की प्लानिंग की गई है।

मेट्रो से कई गुना सस्ता रोप-वे

एक्सपर्ट की मानें तो रोप-वे प्रोजेक्ट मेट्रो से कई गुना सस्ता होगा। जहां मेट्रो के लिए एक किलोमीटर निर्माण पर 350 करोड़ की लागत आती है, वहीं रोप-वे और केबल कार में यह महज 50-60 करोड़ होगा।

रोप-वे के लिए रूट और डिजाइन तैयार करने की जिम्मेदारी रोप-वे निर्माण में एक्सपर्ट वैप्कास कंपनी को सौंपी गयी है। कंपनी के रिपोर्ट के आधार पर शहरी विकास मंत्रालय आगे का फैसला लेगा।

दीपक अग्रवाल-कमिश्नर

Posted By: Inextlive