भागवत कथा रस से सराबोर हुए श्रोता
बीएचयू में चल रहे महामना भागवत का हुआ समापन, विशिष्टजनों का सम्मान
VARANASI बीएचयू के मालवीय भवन में आयोजित महामना भागवत का मंगलवार को समापन हुआ। अंतिम दिन भागवत कथा मर्मज्ञ वृन्दावन से पधारे आचार्य श्रीवत्सगोस्वामी ने श्रीमद् भागवत् पुराण कथा सार एवं होली लीला के प्रसंग का वाचन कर श्रोताओं को भक्ति रस से सराबोर कर दिया। भक्ति के विज्ञान से चलते हैं भगवानआचार्य श्रीवत्सगोस्वामी ने ने कहा कि महामना ने शरीरिक बल से अधिक आत्मिक बल की वृद्धि करने के सम्बन्ध में अपने विद्यार्थियों को उपदेश दिया। महामना कहते थे कि ''दूध पिओ, कसरत करो और जपो हरिनाम'' भागवत का मूल संदेश है हरिभजन करो। ज्ञान शून्य मनुष्य का देह पाना निष्फल है। भागवत मर्मज्ञ ने कहा कि भक्ति का तात्पर्य जहां किसी प्रकार की मांग, जांच न हो। प्रभु तो भक्ति के विज्ञान से चलते हैं और कोई विज्ञान उनको नहीं आता है। उन्होंने श्रोताओं को गंगा को प्रदूषण रहित करने का संकल्प दिलाया। इस अवसर पर विशिष्टजनों को सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वालों में आचार्य कमलेश दत्त त्रिपाठी, आचार्य रेवा प्रसाद द्विवेदी, आचार्य रामहर्ष सिंह, आचार्य चितरंजन ज्योतिषी, आचार्य धनन्जय पाण्डेय, अमेरिका से आए धर्मशास्त्र के प्रो। जौक होली, प्रो। श्याम सुन्दर अग्रवाल रहे। भागवत के संयोजक डॉ। राम मोहन पाण्डेय व संयुक्त सचिव डॉ। एमआर पाठक ने कथा की व्यवस्था का सुचारू संपादन किया। श्रोताओं में मुख्य रूप से कुंवर अनन्त नारायण सिंह, प्रो। वेणीमाधव शुक्ला, प्रो। अन्नपूर्णा शुक्ला, प्रो धनन्जय पाण्डेय, डॉ। बृजमोहन दीक्षित, प्रो एमके सिंह, अरविन्द अग्रवाल, विमल अग्रवाल, अभय अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में लोग शामिल थे।